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उइगरों के उत्पीड़न पर बांग्लादेश में भड़के लोग, चीन के खिलाफ प्रदर्शन, चिनफिंग का पुतला फूंका

ढाका। पूर्वी तुर्किस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर शुक्रवार को बांग्लादेश में कई स्थानों पर चीन के खिलाफ प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारी चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के उत्पीड़न पर विरोध जता रहे थे। यह स्वतंत्रता दिवस दो रियासतों की आजादी की 77 और 88 वीं वर्षगांठ पर मनाया जाता है। दोनों ही रियासतों का संबंध उइगर मुसलमानों से था। 1949 में पूर्वी तुर्किस्तान पर चीन के कब्जे के बाद उन रियासतों में रहने वाले उइगर मुसलमानों की दशा बद से बदतर होती चली गई।

चिनफिंग के पुतले फूंके

इस समय उइगर आबादी वाले इलाके में सामूहिक नरसंहार, उत्पीड़न, कैद और सभी तरह के मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। चीन के कम्युनिस्ट शासन ने 1949 में कब्जे के बाद पूर्वी तुर्किस्तान का नाम बदलकर शिनजियांग कर दिया था। बांग्लादेश में मानवाधिकार संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक संगठनों और धार्मिक संगठनों ने कई शहरों में चीन के खिलाफ प्रदर्शन कर उइगरों के उत्पीड़न पर विरोध जताया। इस दौरान कई स्थानों पर नारेबाजी के साथ चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के पुतले भी फूंके गए।

उइगरों के उत्पीड़न के सुबूत अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को दिए

शिनजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों की सामूहिक हत्याओं और उनके उत्पीड़न के सुबूतों की तीसरी खेप हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को दी गई है। अभियोजक ने समुदाय विशेष के खिलाफ हो रही कार्रवाई की जांच और मुकदमा चलाकर जिम्मेदारों को दंडित किए जाने की मांग की है। पूर्वी तुर्किस्तान की निर्वासित सरकार ने कहा है कि नए सुबूतों से पता चलता है कि चीन उइगरों को किस तरह से अगवा कर रहा है, उन्हें गायब कर रहा है और अमानवीय कार्यो के लिए उन्हें दूसरे स्थानों पर भेज रहा है। 

 

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