देश-विदेश

करावलनगर रोड पर व्यापारियों का बुरा हाल

प्रशासन की बेरुखी से परेशान दुकानदार
नई दिल्ली। कोरोनावायरस लगातार फैलता जा रहा है ।दिल्ली में भी इसकेे मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। इसको देखते हुए दिल्ली सरकार के द्वारा नाइट कर्फ्यू और वीकेंड कर्फ्यू लगाया गया ।
उसके अलावा एहतियातन सरकार दुकानें भी जल्द बंद करवा रही है। लगभग पिछले 2 सालों से लेकर  अब तक व्यापारियों की हालत कोरोना के चलते बेहद खराब है। व्यापारी जैसे- तैसे अपने कारोबार को चला रहे हैं ।सुबह से शाम तक व्यापारी ग्राहकों के इंतजार में अपनी दुकान पर बैठे रहते हैं ।कोरोना के चलते बाजार से ग्राहक गायब है ,उसके अलावा प्रशासन की बाजारों की तरफ से आंखें मूंद लेना भी इन व्यापारियों का कारोबार चौपट कर रहा है।कुछ ऐसा ही हाल पूर्वी दिल्ली ‌के करावलनगर इलाके के व्यापारियों का है।
भजन पुरा से मजार की साईड से करावलनगर रोड पर आते वक्त यहां पर अवैध रूप से रेहड़ी वालों और ऑटो-ई रिक्शा वालों का जमावड़ा परेशानी का सबब बनता है।करावलनगर रोड पर प्रशासन ने विकास की तरफ से आंखें पूरी तरह से मूंद रखी है। भजनपुरा से करावलनगर -शेरपुर की तरफ जाते हुए सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बनें है। पिछले दो दिनों में हुई बरसात ने इस सड़क की हालत “कोढ़ में खाज” जैसी कर दी है।इस सड़क की हालत देखकर लगता ही नहीं कि यह दिल्ली का कोई इलाका है ‌।
सबसे अजीब बात करावलनगर रोड की यह है कि एक तरफ की सड़क बनी हुई है जबकि दूसरी तरफ़ की दयालपुर साईड की सड़क टुटी हुई हैं।इस तरह के सड़क बनाने पर एक तरफ के दुकानदारों में खुशी है तो दूसरी तरफ़ के दुकानदारों में रोष़ है।
करावलनगर रोड पर चश्मों की दुकान चलाने वाले व्यापारी हरीश गुप्ता ने बताया कि करावलनगर रोड़ इस इलाके का एक बड़ा कारोबारी रोड़ है। यहां पर लगभग ‌हर तरह की दुकान हैं, जिससे प्रशासन को तमाम तरह के टैक्स के तौर पर अच्छी -खासी रकम मिलती है। बावजूद इसके भी इस तरफ से जनप्रतिनिधियों और प्रशासन ने पूरी तरह से मुंह फेरा हुआ है। एक तरफ की सड़क बनी हुई है, लेकिन दूसरी तरफ की नहीं। इसकी वजह से वाहन चालक रांगसाइड से  बनी हुई सड़क पर चलते हैं। जिसकी वजह से यहां आए दिन एक्सीडेंट होते हैं।इतना ही नहीं इसी वजह से यहां पर दुकानदारों की कोई ट्रेड एसोसिएशन भी नहीं बन पाई है।
बर्तन की दुकान चलाने वाले व्यापारी एस के तिवारी ने बताया कि करावलनगर रोड पर व्यापारियों को तमाम तरह की परेशानी देखने को मिलती हैं। यहां बने नालों की सफाई नहीं होती। जिसकी वजह से गंदगी और बदबू की वजह से दुकानदार और ग्राहक दोनों ही परेशान रहते हैं।
गारमेंट का कारोबार करने वाले दुकानदार संजय ने बताया कि इतने बड़े रोड़ पर दुकानदारों को पार्किंग के लिए कोई जगह मुहैया नहीं कराई गई है। इसकी वजह से ग्राहकों को सड़क पर ही अपने वाहन पार्क करने पड़ते हैं। जिसकी वजह से भी यहां जाम की स्थिति रहती।
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली के इस इलाके के व्यापारियों को पहले दंगों का दंश झेलना पड़ा। उसके बाद कोरोना के चलते यहां के व्यापारियों का कारोबार जैसे तैसे ही चल पा रहा है।रही -सही कसर इस इलाके से जनप्रतिनिधि और प्रशासन की बेरुखी ने पूरी कर दी।

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