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कांग्रेस ने लाभकारी सरकारी कंपनी सीईएल के विनिवेश पर उठाया सवाल

नई दिल्ली। कांग्रेस ने लाभकारी सरकारी प्रौद्योगिकी कंपनी सेंट्रल इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (सीईएल) का विनिवेश किए जाने का कड़ा विरोध करते हुए इसे देश के रणनीतिक हितों के खिलाफ कदम करार दिया है। सीईएल के विनिवेश के केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए पार्टी ने कहा है कि ऐसा कर न केवल राष्ट्रीय रणनीतिक हितों के साथ समझौता किया गया है बल्कि एक लाभकारी सरकारी कंपनी को बेहद कम कीमत पर निजी क्षेत्र को सौंप दिया गया है।

सीईएल विनिवेश से जुड़े कागजातों के साथ प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया कि वैल्यूएशन के अलग-अलग मानकों के हिसाब से इस कंपनी का आधार मूल्य 957 करोड़ से लेकर 1600 करोड़ रुपए था लेकिन सरकार ने नंदाल फाइनेंस एंड लिजिंग प्राइवेट लिमिटेड को केवल 210 करोड रुपए में बेच दिया जो केवल उसके मौजूदा वैल्यू का केवल 20 फीसद ही है।

उनके अनुसार सरकारी प्रक्रिया में सब कुछ दुरूस्त दिखाने के लिए सरकार ने कंपनी को बेचने के लिए आधार मूल्य 194 करोड़ तय किया और नंदाल फाइनेंस ने इसे 210 करोड़ की बोली लगाकर खरीद लिया। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सच्चाई यह है कि जिस रकम में सीईएल को निजी कंपनी के हाथों में सौंपा गया है वह इस कंपनी की केवल जमीन की वैल्यू का महज 44 फीसद है। गाजियाबाद में यूपीएसआईडीसी के सर्किल रेट के हिसाब से कंपनी की केवल जमीन का वैल्यू ही 440 करोड़ रूपए है।

गौरव वल्लभ ने कहा कि एयर इंडिया के बाद सीईएल सरकारी कंपनी को सीधे बेचे जाने का दूसरा मामला है और जिस निजी कंपनी के हाथों में इसे सौंपा गया है उसके मालिकों का भाजपा के साथ सीधा जुड़ाव है। उनका कहना था कि यह भी आश्चर्य की बात है कि लाभकारी सीईएल को खरीदने वाली निजी कंपनी में केवल 10 कर्मचारी हैं और उसके खिलाफ राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय ट्रिब्यूनल में मामला चल रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि नंदाल फाइनेंस एंड लिलिंग कंपनी की 99.96 प्रतिशत शेयर हिस्सेदारी प्रीमियर फर्नीचर एंड इंटरियर्स प्राइवेट लिमिटेड के पास है जिसका सीईएल से जुड़े कारोबार से न कोई सरोकार है और न जुड़ाव। ऐसे में सरकार को सीईएल के विनिवेश के इस फैसले पर तत्काल रोक लगानी चाहिए….

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