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कोरोना से मुकाबले में मददगार हो सकती है यह मछली, नए वैरिएंट की रोकथाम में भी मददगार

कोरोना वायरस (कोविड-19) के नए वैरिएंट लगातार चुनौतियां बढ़ा रहे हैं। ऐसे में शार्क मछली की एंटीबाडी में इस वायरस और इसके नए वैरिएंट से मुकाबले की नई संभावना दिखी है। एक नए अध्ययन का दावा है कि शार्क की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) में पाए जाने वाला एंटीबाडी जैसा प्रोटीन न सिर्फ कोरोना वायरस बल्कि इसके वैरिएंट की रोकथाम में भी मददगार हो सकता है। यह प्रोटीन वीएनएआर के नाम से जाना जाता है, जो मानव एंटीबाडी के आकार का दसवां हिस्सा होता है।

अमेरिका की विस्कांसिन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, यह प्रोटीन आकार में भले छोटा होता है, लेकिन यह कोरोना के स्पाइक प्रोटीन से खास तरीके से जुड़ सकता है। इससे वह संक्रमण को रोकने में ज्यादा सक्षम हो सकता है। कोरोना अपने इसी प्रोटीन के जरिये मानव कोशिकाओं को संक्रमित करता है। उन्होंने कहा कि मानव एंटीबाडी के मुकाबले इस प्रोटीन के उपयोग से किफायती दवा विकसित हो सकती है। इसका अभी तक मनुष्यों में परीक्षण नहीं किया गया है।

अध्ययन से जुड़े विस्कांसिन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आरोन लेबेयू ने कहा, ‘बड़ी चुनौती यह है कि कोरोना वायरस के नए वैरिएंट उभर रहे हैं। हम शार्क के वीएनएआर से नया हथियार तैयार कर रहे हैं, जिसके उपयोग से इस महामारी का मुकाबला हो सकता है।’ उन्होंने बताया, ‘एंटीबाडी जैसा छोटे आकार का यह प्रोटीन कोने-कोने में उन जगहों पर भी पहुंच सकता है, जहां मानव एंटीबाडी नहीं पहुंच पाती है। इस क्षमता के चलते यह प्रोटीन संक्रमण रोकने में ज्यादा सक्षम हो सकता है।’

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