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गांधी नगर रेडीमेड गारमेंट मार्केट में समस्याओं की भरमार

नई दिल्ली । रेडीमेड गारमेंट की एशिया की सबसे बड़ी मार्केट में शुमार गांधी नगर रेडीमेड गारमेंट मार्केट के दिन बहुरने वाले हैं। दरअसल दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार का बजट पेश करते हुए दिल्ली की होलसेल मार्केट के बाज़ार के डेवलपमेंट के लिए 250करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा था कि दिल्ली के होल सेल बाजारों का व्यापार बढ़ाने के लिए “देहली होल सेल शाॅपिंग फेस्टिवल “का आयोजन दिल्ली सरकार करेगी।

श्री सिसोदिया ने बजट भाषण के दौरान कहा था कि गांधी नगर होलसेल मार्केट एशिया की रेडीमेड गारमेंट की सबसे बड़ी मार्केट है।इसको रेडीमेड गारमेंट  का हब बनाया जायेगा।
दिल्ली सरकार की इस योजना से गांधीनगर के व्यापारियों में एक आशा की किरण जगी है।
ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ट्रेडर्स एंड इंडस्ट्रीलिस्टस रजि० इंडिया के प्रेजिडेंट विमल जैन ने बताया कि गांधी नगर मार्केट की शुरुआत 1972में हुई थी, यहां  पटरी बाजार लगाने वाले लोगों ने अपना माल बनाना शुरू किया था। धीरे- धीरे वक्त के साथ साथ यहां का कारोबार बढ़ता चला गया और आज गांधी नगर मार्केट में 15,000से भी ज्यादा दुकान और करीब 10,000हजार छोटी बड़ी फैक्ट्रियां है। व्यापारी नेता विमल जैन ने बताया गांधी नगर मार्केट जितनी बड़ी है इसकी समस्याएं उससे भी ज्यादा बड़ी है। यहां की सबसे बड़ी समस्या एन्क्रोचमेंट की है।  इसके लिए बहुत हद तक यहां के व्यापारी ही जिम्मेदार है। दुकान के बाहर अपने सामान  डमी पर डिस्प्ले करते हैं, साथ ही दुकान के सामने अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं। सड़क के दोनों तरफ इस तरह से खड़ी गाड़ियों की वजह से सड़क संकरी हो गई है।जिसकी वजह से गांधीनगर मार्केट में हमेशा जाम लगा रहता है। विमल जैन ने बताया कि गांधी नगर मार्केट में कोई पार्किंग नहीं है। खरीदारी करने के लिए रोज हजारों लोगों का आना जाना लगा रहता है। लेकिन यहां पर कोई पार्किंग नहीं है।
व्यापारी नेता विमल जैन ने आगे बताया कि एमसीडी की कोई सुविधा गांधी नगर के व्यापारियों को नहीं मिली है। आलम यह है कि गांधी नगर मार्केट में गंदगी की भरमार है और कोई पब्लिक टायलेट तक एमसीडी ने नहीं बनाया है।
ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ट्रेडर्स एंड इंडस्ट्रीलिस्टस रजि० इंडिया के प्रवक्ता बिसन स्वरुप गर्ग और व्यापारी नेता अशोक अग्रवाल ने गांधीनगर मार्केट की समस्याओं के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि मार्केट में फैला बिजली के तारों का जाल यहां के दुकानदारों, वर्करों और खरीदारों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है। अगर कोई आगजनी की घटना हो जाएं तो घटनास्थल तक दमकल की गाड़ी पहुंच ही नहीं सकती। बिसन स्वरुप गर्ग ने बताया कि गर्मी शुरू हो गई है और गांधी नगर मार्केट में पानी का पर्याप्त इंतजाम नहीं है। सप्लाई का पानी सुबह- सुबह कुछ वक्त के लिए आता है,तब तक दुकानें नहीं खुलती हैं। मजबूरी में यहां के दुकानदारों, वर्करों और खरीदारों को बोतल बंद पानी खरीद कर पीना पड़ता है।
व्यापारी नेता विमल जैन ने कहा कि जिस मार्केट का रोजाना का कारोबार करीब 250-300करोड़ रुपए हो, और जहां से सरकार को करोड़ों रुपए का टैक्स मिलता हों ,ऐसी मार्केट की समस्याओं को खत्म करने के लिए सरकार को व्यापारियों से मिल कर कोई ठोस योजना बनानी चाहिए।

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