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चिकित्सा शिक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना सरकार की उच्च प्राथमिकताः जे.पी. नड्डा

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के 46वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा भी उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि पूरे देश में नये अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करके सरकार ने चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं के विस्तार की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत चिकित्सा पर्यटन में तेजी से आगे बढ़ रहा है और अन्य देशों से लोग लीवर प्रत्यारोपण से लेकर घुटनों के जोड़ बदलने जैसे उपचार के लिए भारत आते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि केवल डॉक्टर ही बीमार व्यक्ति को ‘हीलिंग-टच’ दे सकते हैं और वही जीवन और मृत्यु के बीच अंतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि केवल डॉक्टर ही लोगों का जीवन बढ़ा सकते हैं। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने डॉक्टर ए.के. सराया, डॉ. समीरा नंदी, डॉ. कमल बख्शी और डॉ. गोमती गोपीनाथ (अनुपस्थिति में) को लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने 31 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने छात्रों को बधाई दी और कहा कि चिकित्सा शिक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना सरकार की उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमने देश में चिकित्सा शिक्षा में तेज विस्तार के लिए योजना बनाई है। श्री नड्डा ने कहा कि सरकार ने देश में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष तक बढ़ा दी है तथा सरकार और अधिक मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग स्कूल खोल रही है। इसके अलावा सरकार विशेषज्ञों की कमी दूर करने के लिए डॉक्टरों का कौशल बढ़ा रही है।

श्री नड्डा ने बताया कि झज्जर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, अस्पताल और आवासीय परिसर का पहला चरण अगले माह से शुरू हो जाएगा। इसकी योजना लागत लगभग 2035 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2014-15 के बाद 118 नये मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की अनुमति दे दी है, जिनमें 54 सरकारी क्षेत्र के हैं। देश में इस समय 502 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं, जिनमें 70 हजार से अधिक एमबीबीएस की सीटें हैं। उन्होंने बताया कि नये मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनके तहत मेडिकल कॉलेजों के लिए नियमों को तर्कसंगत बनाया गया है। उन्होंने कहा कि डीएनबी और सीपीएस को मिलाकर देश में लगभग 46 हजार स्नातकोत्तर सीटें हो गई हैं।

अपने संबोधन में श्री नड्डा ने कहा कि आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत सरकार 50 करोड़ से अधिक लोगों को भरोसेमंद स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर रही है, जिनमें निर्धनतम, कमजोर और वंचित वर्गों के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के शुरू होने के बाद अब तक साढ़े चार लाख से अधिक लोगों ने योजना का लाभ उठाया है। यह विश्व की सबसे बड़ा जन-स्वास्थ्य कार्यक्रम है। इस अवसर पर श्री नड्डा ने 671 स्नातक छात्रों को डिग्रियां भी प्रदान कीं।

समारोह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया, संस्थान के डीन (एकेडमिक) प्रोफेसर बी.के. बहल और संस्थान के रजिस्ट्रार डॉ. संजीव लालवानी सहित शिक्षक, वैज्ञानिक और छात्र उपस्थित हुए।

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