उत्तर प्रदेश

‘नारी सशक्तिकरण की दिशा में प्रदेश सरकार का बड़ा कदम‘

लखनऊः हमारे देश में नारी की महत्ता सदियों से रही है। महिलाएं हमारे देश के  सामाजिक आर्थिक एवं सांस्कृतिक विकास में रीढ़ का कार्य करती रही हैं।  आज वे चतुर्दिक क्षेत्रों में न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं, बल्कि सफलता के नित नये आयाम भी गढ़ रही हैं।

प्रदेश सरकार द्वारा नारी सशक्तीकरण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में  20 नवम्बर, 2018 से 20 दिसम्बर, 2018 तक चलने वाले ‘‘नारी सशक्तीकरण संकल्प अभियान‘‘ के अन्तर्गत विभिन्न क्षेत्रों में किये गये कार्यों के विषय में जनजागृति अभियान चलाया जा रहा है।

181 महिला हेल्पलाइन सेवा के अन्तर्गत 64 रैस्क्यू वैनों को कार्यान्वित किया गया है। पुलिस सहायता, अल्पावास गृह, विधिक परामर्श, चिकित्सा सुविधा, हिंसा से संरक्षण आदि सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं। महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने के लिए सरकार ने एण्टी रोमियो स्क्वाॅड  का गठन किया है, जिसके अन्तर्गत 3400 से अधिक ईव-टीज़रों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। महिला सम्बन्धी अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए 12 साल से कम उम्र की बालिकाओं के बलात्कारियों को मौत की सज़ा देने का प्रावधान किया गया है। शीघ्र न्याय प्रदान करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट को मंजूरी दी गयी है।

उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की स्थापना करते हुए विभिन्न अपराधों से पीड़ित महिलाओं, बालिकाओं एवं बालकों को आर्थिक सहायता, चिकित्सीय सहायता एवं शैक्षणिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। जघन्य हिंसा की शिकार महिलाओं/बालिकाओं/बालकों को 03 लाख रूपये से 10 लाख रूपये तक की एकमुश्त आर्थिक सहायता इस योजना के अन्तर्गत दी जाती है। वर्ष 2017-18 में एसिड अटैक पीड़ितों, पाक्सो, दहेज, आई.पी. सी. एवं अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत 1587 लाभार्थियों को 59.65 करोड़ रूपये का वितरण किया गया है।

पति की मृत्युपरान्त निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत निराश्रित पात्र महिलाओं को 500 रूपये की दर से पेंशन प्रदान की जा रही है। इस योजना में अब प्रदेश सरकार ने 60 वर्ष की आयु सीमा समाप्त कर दी है और पात्रता हेतु परिवार की आय सीमा 2.00 लाख रूपये वार्षिक कर दी है। यदि किसी निराश्रित महिला का पुत्र बालिग हो तो भी वह पात्र मानी जायेगी। सरकार की इस नीति के अन्तर्गत ज़िलों में कैम्प लगवाकर आॅनलाइन आवेदन पत्र भरवाये जा रहे हंै, जिसमें मार्च, 2018 तक 5.86 लाख महिलाओं का पंजीकरण किया गया है। प्रदेश में वर्तमान समय में लगभग 20.63 लाख पात्र निराश्रित महिलाओं को प्रतिमाह 500 रूपये की दर से पेंशन दी जा रही है।

 महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार का एक बड़ा सराहनीय कदम है-आपकी सखी आशा ज्योति केन्द्र। आपकी सखी आशा ज्योति केन्द्र, भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित वन स्टाॅप सेन्टर योजना में सम्मिलित है, जिसके तहत एक ही छत के नीचे महिलाओं को सभी सुविधाएं, सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वृन्दावन में विधवा स्त्रियों एवं निराश्रित महिलाओं के लिए 1000(एक हज़ार) बेड की आवासीय क्षमता का सबसे बड़ा अत्याधुनिक आश्रय सदन ‘कृष्णा कुटीर‘ की स्थापना की गयी है।

प्रदेश सरकार सबका साथ सबका विकास के संकल्प को ध्यान में रखते हुए आधी आबादी को निरन्तर सशक्त बनाने की दिशा में कटिबद्ध है। इसी क्रम में सरकार, भारत सरकार द्वारा संचालित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को प्रदेश में लागू करते हुए बाल लिंगानुपात में समानता लाने की कार्यवाही कर रही है। कन्या भ्रूण हत्या पर प्रभावपूर्ण रोक लगाना, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने, शिक्षा को बढ़ावा देना, महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कर महिला सशक्तीकरण की दिशा में जागरूक करना मुख्य उद्देश्य है। इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है जिससे आमजनता को सरकार द्वारा बालिकाओं के हितों के संरक्षण के लिए चलायी जा रही योजनाओं के विषय में जानकारी प्रदान की जा सके।

नारी सशक्तीकरण की दिशा में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा नारी शक्ति आह्वान अभियान चलाया गया जिसमें बालिकाओं को शिक्षा देने के लिए 06 से 14 वर्ष की बालिकाओं को 50 प्रतिशत से अधिक परिषदीय विद्यालयोें मंेे नामांकन किया गया है। महिला शिक्षिकाओं की संख्या पुरूष शिक्षकों की अपेक्षा अधिक है। 45625 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बालिकाओं को जीवन कौशल सम्बन्धी कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के अधिकार, सुरक्षा, कानून सम्बन्धी जानकारियां, सामाजिक कुरीतियों आदि पर सत्र आयोजित कर जानकारी दी गयी है। लैंगिक समानता लाने के लिए जागरूकता, बालिका खेलों को बढ़ावा, बालिकाओं को कक्षा 01 से 08 तक निर्बाध शिक्षा ग्रहण करने हेतु निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, यूनीफाॅर्म, जूता-मोज़ा, स्कूल बैग तथा स्वेटर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्हें विभिन्न अधिकारोें के विषय में भी अवगत कराया जाता है।

माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत प्रदेश में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए असेवित विकास खण्डों में निजी प्रबन्धतन्त्रों द्वारा कन्या माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना हेतु 20 लाख रूपये अनावर्तक अनुदान के रूप में दिये जाते हैं। बालिकाओं के लिए 25 छात्रावास इस वर्ष संचालित किये गये हैं। 166 बालिका छात्रावासों के निर्माण की कार्यवाही चल रही है। प्रदेश में 363 बालिका इण्टर कालेज संचालित हैं। 106 नवीन विद्यालयों की स्थापना प्रक्रियाधीन है। उच्च शिक्षा के अन्तर्गत 03 राजकीय महिला महाविद्यालयों की स्थापना महिला छात्रावासों का निर्माण, महिलाओं की सुरक्षा एवं राजकीय/सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में महिलाओं को शिक्षण शुल्क में छूट प्रदान की गई है।

प्रदेश में नारी सशक्तीकरण की दिशा में गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को प्रदेश के 188259 आँगनबाड़ी केन्द्रों पर प्रतिदिन 600 कैलोरी तथा 18 ग्राम प्रोटीन उपलब्ध कराये जाने हेतु एमाइलेज रिच एनर्जी फूड दिया जाता है जिससे प्रदेश में कुल 34.14 लाख गर्भवती तथा धात्री महिलायें लाभान्वित हो रही हैं। प्रत्येक माह के प्रथम बुद्धवार को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस के रूप में प्रत्येक ए.एन.एम.सेन्टर पर सुपोषण स्वास्थ्य मेला का आयोजन करते हुए 06 माह तक के बच्चों का टीकाकरण, सामान्य जाँच व आयरन सिरप, विटामिन-ए व ज़िंक ओ.आर.एस. का वितरण, गर्भवती महिलाओं की प्रसवपूर्व जाँच एवं टी.टी. के टीके किशोरियों के नीली आयरन की गोली का वितरण, स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता पर परामर्श सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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