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‘निफ्टम’ में खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र का हार्वर्ड बनने की क्षमता है: हरसिमरत कौर बादल

नई दिल्ली: हरसिमरत कौर बादल ने कहा, ‘निफ्टम अपनी तरह का एक विशिष्‍ट संस्‍थान है और इसमें खाद्य प्रसंस्‍करण प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन क्षेत्र का हार्वर्ड बनने की क्षमता है। यह एक ऐसा विश्‍वविद्यालय है जो नवोदित होने के बावजूद भारत के 3007 विश्‍वविद्यालयों में 50वें पायदान पर विराजमान है। निफ्टम-उद्योग फोरम की छठी वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए श्रीमती बादल ने कहा, ‘‘विश्‍व भर के लोगों की भांति ही भारतीय भी स्वस्थ खान-पान की आदतों से तेजी से अवगत होते जा रहे हैं। मैंने निफ्टम से यह पता लगाने को कहा है कि वह किस तरह से ऐसे ‘ब्रांड निफ्टम’ का मार्ग प्रशस्‍त कर सकता है जो गुणकारी, बिल्कुल नया और सस्ता हो।’’

मंत्री महोदया ने यह भी कहा, ‘मुझे निफ्टम में सृजित की गई नई सुविधाओं के लिए असीम संभावनाएं नजर आती हैं। खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला को भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण के लिए एक प्रमुख प्रयोगशाला बन जाना चाहिए और घरेलू एवं अंतर्राष्‍ट्रीय दोनों ही कंपनियों को अपने-अपने उत्‍पादों के परीक्षण के लिए इस पर भरोसा करना चाहिए।’ मंत्री महोदया ने यह भी कहा कि निफ्टम को उन प्रसंस्‍कृत खाद्य पदार्थों के सबसे स्‍वास्‍थ्‍यप्रद संस्‍करण का ब्रांड बन जाना चाहिए जो उन्‍हें पेश करना है। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय ने निफ्टम के साथ मिलकर यह पता लगाया है कि निफ्टम कैसे अपने इन्‍क्‍यूबेशन केन्‍द्रों को नए उद्यमियों के लिए खोल सकता है और कम से कम दो केन्‍द्रों को खोलकर उन्‍हें एक बाजार भी मुहैया कराते हुए नई चीजों के लिए ठोस प्रयास कर सकता है। इनमें से एक केन्‍द्र निफ्टम में और दूसरा केन्‍द्र मंत्रालय के परिसर में खोला जा सकता है।

मंत्री महोदया ने खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग से इस आशय के सुझाव आमंत्रित किए कि किस तरह से निफ्टम स्थित सुविधाओं अथवा यूनिटों का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सकता है और इसके साथ ही उन्‍हें समस्‍त हितधारकों के लिए लाभप्रद बनाया जा सकता है। मंत्री महोदया ने उपस्थित उद्यमियों को निफ्टम के साथ साझेदारी करने और एक मार्गदर्शक के रूप में विकसित होने का निमंत्रण दिया, ताकि मंत्रालय को खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के लिए नीतियां बनाने में आवश्‍यक मदद मिल सके।

खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय में सचिव श्री जगदीश प्रसाद मीणा ने कहा कि चार वर्षों की अवधि में मंत्रालय न केवल भारत में, बल्कि विश्‍व स्‍तर पर भी इस क्षेत्र को सबसे आगे लाने में सक्षम रहा है। उन्‍होंने इस बात पर रोशनी डाली कि मंत्रालय अब हर महीने तीन-चार विदेशी प्रतिनिधिमंडलों की अगवानी करता है, जबकि कुछ साल पहले तक पूरे वर्ष में केवल कुछ ही विदेशी प्रतिनिधिमंडलों का आगमन होता था।

सचिव ने यह भी कहा कि उद्योग को अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है और उसे महज विदेशी उत्‍पादों की नकल तैयार करने के बजाय सृजक के रूप में स्‍वयं को स्‍थापित करना चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि उद्योग को निश्चित तौर पर ऐसे उत्‍पाद विकसित करने चाहिए जो विश्‍व स्‍तर पर प्रतिस्‍पर्धी साबित हों। सचिव ने यह भी कहा कि अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) के साथ-साथ इसके लिए गुणवत्तापूर्ण प्रमाणन पर ध्‍यान केन्द्रित करने की जरूरत है। इसे ध्‍यान में रखते हुए उन्‍होंने उद्योग को उन आरएंडडी सुविधाओं से एकीकृत होने का न्यौता दिया जिनकी पेशकश निफ्टम द्वारा की जाती है। उन्‍होंने कहा कि उद्योग को अपने उत्‍पादों की गुणवत्ता के साथ-साथ समुचित प्रमाणन पर और ज्‍यादा ध्‍यान देना चाहिए, ताकि विभिन्‍न देशों द्वारा निर्यात को खारिज किए जाने की स्थिति से बचा जा सके।

सचिव ने शीत भंडारों (कोल्‍ड स्‍टोरेज) में खाद्य फसलों के भंडारण के लिए प्रोटोकॉल का विकास करने का आह्वान किया। उन्‍होंने इस बात पर रोशनी डाली कि देश में यहां तक कि विशेष बहु-उत्‍पाद शीत भंडारों का उपयोग ऐसे आम या सामान्‍य शीत भंडारों के रूप में किया जा रहा है जहां प्रत्‍येक खाद्य फसल को भंडारण के लिए अपने स्‍वयं के मानकों की आवश्‍यकता पड़ती है।

निफ्टम-उद्योग फोरम की छठी बैठक का उद्देश्‍य उद्योग एवं निफ्टम के बीच गठबंधन को मजबूत करना है। खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्रालय के अधीनस्‍थ एक प्रमुख संस्‍थान माने जाने वाला निफ्टम एक क्षेत्र विशेष संस्‍थान है जो विभिन्‍न हितधारकों जैसे कि उद्यमियों, खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग, निर्यातकों, नीति निर्माताओं, सरकार और मौजूदा संस्‍थान की जरूरतों की पूर्ति करता है।

बैठक का उद्देश्‍य भारतीय खाद्य पदार्थ उद्योग के समक्ष मौजूद चुनौतियों की पहचान करना, उद्योग उन्‍मुख अनुसंधान परियोजनाओं के जरिए औद्योगिक एवं अकादमिक खाई को पाटना, नई प्रौद्योगिकियां विकसित कर नवाचार पर आधारित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी गठबंधन को बढ़ावा देना, नए उत्‍पादों का विकास करनाऔर उस उपयोगी तकनीकी बुनियादी ढांचे को बेहतरीन बनाना है जिसका भविष्‍य में वाणिज्‍यीकरण खाद्य प्रसंस्‍करण क्षेत्र के विकास के लिए किया जा सकता है। पायलट संयंत्रों और वर्तमान विचारार्थ विषयों पर आयोजित तकनीकी सत्र की अध्‍यक्षता निफ्टम के कुलपति डॉ. चिंदी वासुदेवप्‍पा ने की। इसका आयोजन निफ्टम में नव स्‍थापित इन्‍क्‍यूबेशन सुविधा या यूनिट के लिए किया गया जिसमें फल एवं सब्जियों, मांस एवं पोल्‍ट्री, दूध एवं डेयरी, तैयार भोजन (रेडी टू ईट) और भारतीय पारंपरिक खाद्य पदार्थों के लिए चार पायलट संयंत्र हैं।

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