उत्तर प्रदेश

नेपाल और भारत मिलकर परम्परा और विरासत के आधार पर पारस्परिक सम्बन्धों को नई ऊँचाइयां दे सकते हैं: मुख्यमंत्री

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि भारत और नेपाल के सांस्कृतिक और व्यापारिक सम्बन्ध प्रगाढ़ रहे हैं। इनमें और मजबूती आने से दोनों देशों की खुशहाली और प्रगति सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत मिलकर परम्परा और विरासत के आधार पर पारस्परिक सम्बन्धों को नई ऊँचाइयां दे सकते हैं।

मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में सुश्री भवानी राणा के नेतृत्व में आए नेपाली चैम्बर आॅफ काॅमर्स के प्रतिनिधिमण्डल को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर नेपाल के अन्य वाणिज्यिक, व्यापारिक एवं औद्योगिक संगठनों व संस्थाओं के पदाधिकारी तथा मीडिया प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

व्यापारिक क्षेत्र में नेपाली चैम्बर आॅफ काॅमर्स की पहल का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यह खाद्यान्न, चीनी, दुग्ध एवं आलू उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है। चावल और गेहूं में दूसरे स्थान पर है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों एवं पर्यटन के क्षेत्र में पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान चलायी गई योजनाओं के आधार पर शीघ्र ही यह प्रथम स्थान पर होगा। कनेक्टिविटी के दृष्टिगत यह उत्तम प्रदेश है। यहां पर आधारभूत अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध हैं। आगरा-लखनऊ तथा यमुना एक्सप्रेस-वे उपलब्ध है। पूर्वांचल और बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के निर्माण सम्बन्धी कार्यवाही तेजी से चल रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 06 एयरपोर्ट संचालित हैं। इनके अलावा, 09 एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य चल रहा है, जो शीघ्र ही संचालित होंगे। इनमें कुशीनगर और जेवर एयरपोर्ट शामिल हैं। जल मार्ग की कनेक्टिविटी पर भी कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। हल्दिया से वाराणसी वाटरवेज़ का शुभारम्भ किया जा चुका है। मल्टी मोडल टर्मिनल भी संचालित है।

मुख्यमंत्री जी ने प्रतिनिधिमण्डल के सभी सदस्यों को प्रयाग कुम्भ-2019 के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि पहली बार यह सम्भव हुआ है कि जल, थल व नभ के माध्यम से तीर्थ यात्री व श्रद्धालु कुम्भ में पहुंचेंगे। स्वच्छ कुम्भ और स्वच्छ गंगा जी होंगी। कुम्भ का विस्तार तथा प्रयागराज एक सुदृढ़ एवं स्मार्ट शहर के रूप में दिखायी देगा। ‘एक न्यू इण्डिया व न्यू कुम्भ’ का दर्शन सभी को प्राप्त होगा। सरकार का पूरा प्रयास है कि कुम्भ का आयोजन दर्शनीय, अद्भुत, दिव्य और भव्य बने। देश के गौरवशाली अतीत के साथ-साथ सुनहरे भविष्य की झलक दुनिया को दिखायी दे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कुम्भ की आधारभूत संरचना एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बेहतरीन कार्य किया गया है। पैण्टून पुल, चेकर्ड प्लेट्स, रेलवे ओवरब्रिज, फ्लाईओवर्स, रेलवे स्टेशन का सुदृढ़ीकरण, नए टर्मिनल का निर्माण कराया गया है। सुदृढ़ सड़कें, आवासीय व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था, विद्युत, पेयजल व्यवस्था, सार्वजनिक वितरण प्रणाली आदि श्रद्धालुओं व तीर्थ यात्रियों को उपलब्ध होंगी। यह भी पहली बार हुआ है कि 70 देशों के राजदूतों ने कुम्भ आयोजन की तैयारियों को देखा तथा दुनिया के सबसे बड़े संगम का दर्शन किया। कुम्भ से पूरी दुनिया में मानवता का सन्देश जाता है।

मुख्यमंत्री जी ने पर्यटन के क्षेत्र में अपार सम्भावनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि यहां पर अयोध्या, मथुरा, काशी और प्रयागराज जैसे महत्वपूर्ण स्थल हैं। इनके अलावा, शक्तिपीठों की एक लम्बी श्रंृखला है। भगवान बुद्ध से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल हैं। अयोध्या से जनकपुर रामायण सर्किट तथा मथुरा-वृन्दावन से द्वारिका तक कृष्णा सर्किट पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 4-लेन राम-जानकी मार्ग पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। इस मार्ग के निर्मित हो जाने से परिवहन और आवागमन की सुविधा बढ़ेगी। हेरिटेज और ईको टूरिज़्म में भी सम्भावनाएं हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन सभी क्षेत्रों में भारत और नेपाल मिलकर कार्य कर सकते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत-नेपाल सम्बन्धों को नया आयाम दिया है। उन्होंने कहा कि राम-जानकी मार्ग से दोनों राष्ट्रों के सम्बन्धों को और मजबूती मिलेगी। अयोध्या-जनकपुर धाम सेवा तथा राम-जानकी मार्ग से विकास की नई यात्रा आरम्भ होगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अयोध्या और जनकपुर के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए दोनों ही देशों में इन स्थानों के प्रति विशेष आदर व सम्मान है। यह हमारी विरासत के प्रतीक हैं। महाराजा दशरथ और राजा जनक का अटूट सम्बन्ध था। उसी प्रकार अयोध्या का जनकपुर और काठमाण्डू का काशी के साथ अटूट सम्बन्ध है।

मुख्यमंत्री जी ने गत 12 दिसम्बर को ‘विवाह पंचमी’ के अवसर पर अपनी जनकपुर, नेपाल यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि नेपाल के निवासियों का भारत और उत्तर प्रदेश के प्रति विशेष लगाव और अपनत्व है। वे भी भावनात्मक रूप से नेपाल के साथ जुड़े रहे हैं। नेपाल और भारत का रोटी-बेटी का सम्बन्ध रहा है। सम्बन्धों की दृढ़ता दोनों देशों को प्रगति के मार्ग पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि नेपाल बाॅर्डर से जुड़े मार्गों के सुदृढ़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए लोक निर्माण विभाग को 1400 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जा चुके हैं। उन्होंने अयोध्या के दिव्य ‘दीपोत्सव’ तथा काशी की ‘देव दीपावली’ सफल आयोजन की भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि फरवरी में आयोजित किए गए ‘उ0प्र0 इन्वेस्टर्स समिट’ में 05 लाख करोड़ रुपए के निवेश सम्बन्धी प्रस्ताव आए, जिन पर कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना का सफल क्रियान्वयन किया गया है, जिनसे शिल्पियों, कारीगरों को अपने हुनर और कौशल प्रदर्शन का एक मंच मिला है। बड़ी संख्या में रोजगार भी सृजित हुए हैं।

नेपाली चैम्बर आॅफ काॅमर्स की अध्यक्ष सुश्री भवानी राणा ने मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश और भारत का विशेष सहयोग, नेपाली चैम्बर आॅफ काॅमर्स सहित अन्य व्यापारिक संगठनों को मिलता रहा है। नेपाल-यू0पी0 सीमा का एक विस्तृत क्षेत्र है। व्यापार, पर्यटन, कृषि तथा आयुर्वेद के क्षेत्र में दोनों देश एक-दूसरे के साथ सहयोग कर विकास और समृद्धि का रास्ता तय करेंगे। उन्होंने कहा कि नेपाल में भी कनेक्टिविटी के क्षेत्र में सुधार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नेपाल में भी ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ जैसी योजना पर कार्य चल रहा है। उत्तर प्रदेश में पर्यटन व विकास सम्बन्धी चलाई जा रही योजनाओं और कार्यक्रमों से सभी उत्साहित हैं और इनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री जी को इस अवसर पर नेपाल आने के लिए आमंत्रित किया।

प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों ने मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत-नेपाल के सम्बन्ध प्राचीन काल से हैं। राज्य सरकार के प्रयासों से इन सम्बन्धों को और मजबूती मिलेगी। इस अवसर पर नेपाली प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री जी को स्मृति चिन्ह् भेंट किए। मुख्यमंत्री जी ने भी प्रतिनिधिमण्डल को पर्यटन विभाग की काॅफी टेबल बुक, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ सम्बन्धी पुस्तक एवं कुम्भ का ‘लोगो’ भेंट किया।

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