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मानव संसाधन विकास मंत्री ने राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी राष्‍ट्र को समर्पित की

नई दिल्ली: प्रकाश जावडेकर ने नई दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय पठन-पाठन दिवस के अवसर पर भारतीय राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी लांच की। सूचना व संचार तकनीक (एनएमईआरसीटी) के माध्‍यम से राष्‍ट्रीय शिक्षा मिशन के तत्‍वावधान में भारतीय राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएलआई), मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक परियोजना है। एनडीएल का लक्ष्‍य देश के सभी नागरिकों को डिजिटल शिक्षण संसाधन उपलब्‍ध कराना है तथा ज्ञान प्राप्ति के लिए उन्‍हें सशक्‍त, प्रेरित और प्रोत्‍साहित करना है। आईआईटी खड़गपुर ने भारतीय राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी को विकसित किया है।

      एनडीएल भारत तथा विदेशों के शिक्षा संस्‍थानों से अध्‍ययन सामग्री एकत्र करने का एक प्‍लेटफॉर्म है। यह एक डिजिटल पुस्‍तकालय है, जिसमें पाठ्य पुस्‍तक, निबंध, वीडियो-आडियो पुस्‍तकें, व्‍याख्‍यान, उपन्‍यास तथा अन्‍य प्रकार की शिक्षण सामग्री शामिल है।

      इस अवसर पर अपने संबोधन में मंत्री महोदय ने कहा कि इस डिजिटल लाइब्रेरी को देश के लिए समर्पित करने के साथ ही डिजिटल भारत के एक नये युग की शुरूआत हो गई है। कोई भी व्‍यक्ति, किसी भी समय और कहीं से भी राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग कर सकता है। यह सेवा नि:शुल्‍क है और ‘पढ़े भारत, बढ़े भारत’ के संदर्भ में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

      श्री जावडेकर ने कहा कि एनडीएलआई में 200 भाषाओं में 160 स्रोतों की 1.7 करोड़ अध्‍ययन सामग्री उपलब्‍ध है। लाइब्रेरी के अंतर्गत 30 लाख उपयोगकर्ताओं का पंजीयन हुआ है और हमारा लक्ष्‍य है कि प्रति वर्ष इस संख्‍या में 10 गुनी वृद्धि हो।

      श्री प्रकाश जावडेकर ने आगे कहा कि वेबसाइट के अलावा एनडीएल मोबाइल एप पर भी उपलब्‍ध है। एनडीएलआई मोबाइल एप पूरे देश के पुस्‍तकालयों और यहां तक कि विदेशी पुस्‍तकालयों को डिजिटल सामग्री उपलब्‍ध कराता है। इस एप को 6.70 लाख बार डाउनलोड किया गया है। यह एप आईफोन और एंड्रायड दोनों में उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्‍ध है। उपयोगकर्ता विषय, स्रोत, सामग्री का प्रकार आदि के माध्‍यम से विषय वस्‍तु ढूंढ सकते हैं। अभी यह एप तीन भाषाओं में उपलब्‍ध है-अंग्रेजी, हिंदी और बांग्‍ला।

     कार्यक्रम शुभारंभ के अवसर पर केन्‍द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ महेश शर्मा ने किताबें प्राप्त करने के लिए एक छात्र के रूप में उनके समक्ष आई कठिनाइयों का वर्णन किया और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एनडीएल पहल का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इससे देश के लाखों छात्रों की मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित होने वाले भारत के राष्ट्रीय आभासी पुस्‍तकालय के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी भारत को विश्व स्तर पर पहचान बनाने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कृति भारत की ‘अनेकता में एकता’ की अवधारणा के मूल सिद्धांत हैं और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए किया गया राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय इस दिशा में एक निर्णायक कदम है।

     डॉ महेश शर्मा ने राष्ट्रीय आभासी पुस्‍तकालय के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि इसके तहत कला, संगीत, नृत्य, संस्कृति, रंगमंच, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लेकर शिक्षा, पुरातत्व, साहित्य, संग्रहालयों तक सैकड़ों क्षेत्रों को कवर करने वाले संसाधनों के साथ एक विशाल ऑनलाइन लाइब्रेरी स्थापित की गई है। यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय के पुस्तकालयों पर आधारित राष्ट्रीय मिशन का एक हिस्सा है।

सभा को संबोधित करते हुए मानव संसाधान विकास राज्य मंत्री श्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि यह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इस दिन देश को अपनी राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी मिली है। मंत्री महोदय ने आगे कहा कि पुराने समय में किताबों की कमी के कारण छात्रों को काफी परेशानी होती थी, लेकिन इस पहल से छात्रों को काफी मदद मिलेगी।

    इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री आर सुब्रमण्यम, आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती; मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ एन सरवना कुमार; केरल के पी.एन. पणिकर फाउंडेशन के उपाध्यक्ष श्री एन बालगोपाल भी उपस्थित थे। एनडीएलआई की साइट के लिए www.ndl.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

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