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मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर जारी की एडवाइजरी, कब मिलेगी तपन से राहत?

देश के कई हिस्सों में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है. बीते दिन कई जगह तापमान में और वृद्धि हुई, जिसके बाद अधिकतम तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया. 28 अप्रैल, 1979 के 44.8 डिग्री सेल्सियस के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए गुरुग्राम में 45.6 डिग्री सेल्सियस का अब तक का उच्चतम तापमान दर्ज किया गया. उधर, राजधानी दिल्ली ने 12 वर्षों में 43.5 डिग्री सेल्सियस पर अप्रैल का सबसे गर्म दिन देखा. राष्ट्रीय राजधानी में 18 अप्रैल 2010 को अधिकतम तापमान 43.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. वहीं, मौसम विभाग ने कहा है कि पांच दिनों तक इस भीषण गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है. भीषण गर्मी ने उत्तर प्रदेश में प्रयागराज (45.9 डिग्री सेल्सियस) को झुलसा दिया.

मध्य प्रदेश में खजुराहो (45.6 डिग्री सेल्सियस), नौगॉन्ग (45.6 डिग्री सेल्सियस) और खरगोन (45.2 डिग्री सेल्सियस); महाराष्ट्र में अकोला (45.4 डिग्री सेल्सियस), ब्रम्हापुरी (45.2 डिग्री सेल्सियस) और जलगांव (45.6 डिग्री सेल्सियस) और झारखंड के डाल्टनगंज (45.8 डिग्री सेल्सियस) तापमान रहा. वहीं, हीटवेव के बीच भारत की बिजली की मांग गुरुवार को 204.65 गीगावॉट के उच्च स्तर को छू गई. पीटीआई के अनुसार, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि अगले पांच दिनों तक उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में और अगले तीन दिनों तक पूर्वी भारत में लू का प्रकोप बना रहेगा. मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में लगभग दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है.
राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के लिए अगले चार दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. मौसम की चेतावनी के लिए आईएमडी चार कलर कोड का इस्तेमाल करता है. हरे रंग का अर्थ है कोई कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है, पीला का अर्थ है देखना और तैयार रहना, ऑरेंज का अर्थ है तैयार रहना जबकि रेड अलर्ट का अर्थ है कार्रवाई करना. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक भी पहुंच सकता है. मौसम विज्ञानी नवदीप दहिया ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, “राजस्थान के चुरु, बाड़मेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर जैसे स्थानों पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस सामान्य है, लेकिन उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अप्रैल के अंत तक 45-46 डिग्री सेल्सियस काफी असामान्य है.”
मौसम विभाग ने बताया कि हीटवेव कमजोर लोगों जैसे कि शिशुओं, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा कर सकती है. इसलिए लोगों को गर्मी के जोखिम से बचना चाहिए. हल्के और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिए और सिर को टोपी या छतरी से ढकना चाहिए. IMD की एक एडवाइजरी में कहा गया है कि लंबे समय तक धूप में रहने वाले वाले लोगों में गर्मी की बीमारी के लक्षणों की संभावना बढ़ जाती है.

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