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राजधानी को दहलाने वाली कोशिशों को नाकाम किया : राकेश अस्थाना

नई दिल्ली : कोरोना काल से कुछ उबरने और आम ज़िन्दगी अपने ढर्रे पर आने के दरम्यान ही दिल्ली पुलिस आयुक्त  राकेश अस्थाना  ने  दिल्ली पुलिस  मुख्यालय में वीरवार को वार्षिक प्रेस कांफ्रेंस से संबोधन किया ।

वर्ष 2021 का लेखा जोखा पेश करते हुए राकेश अस्थाना ने न सिर्फ अपनी पीठ आप ही ठोकी अपितु  भविष्य में आने वाली परेशानियों से निपटने के लिए पुलिस को तैयार किये जाने की बात भी की । उनका दावा था की आने वाले समय के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है।उनका कहना था  कि पिछले वर्ष  भी दिल्ली में कोई आतंकी घटना नहीं हुई है और आतंकी संगठनों व स्लीपर सेल की धरपकड़ का सिलसिला अभी भी जारी है। दिल्ली पुलिस की सूझबूझ और मुस्तैदी से आरडीएक्स बरामद करके  राजधानी को दहलाने वाली कोशिशों को नाकाम किया गया है। हालांकि मौलाना साद और दिल्ली दंगों पर दिल्ली पुलिस पर न्यायालय की टिप्पणी जैसे प्रश्नों पर राकेश अस्थाना बचते हुए दिखाई दिए। अदालत की टिप्पणी पर उन्होंने कहा कि हम स्वयं को बेहतर करने में लगे हैं और बहुत से मामलों में ऊपरी अदालत ने बात को रिवर्स भी किया है।  इस प्रकार उनका सीधा इशारा था कि अदालत जो कुछ कह रही है वही सही नहीं है उसके ऊपर की बड़ी अदालत ने उन बातों को रद्द किया है।उनका कहना था कि वर्ष 2022, 2024 और 2030 के लिए पुलिस तैयारी कर रही है। फिलहाल दिल्ली में पुलिस के लिए 94358 पद हैं, लेकिन अभी हम कुल  78363 पुलिसकर्मियों के साथ काम रहे हैं ।
कम्युनिटी पुलिसिंग को लेकर बात करते हुए कहा कि राजधानी में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए  दिल्ली पुलिस को 14 वर्टिकल में बांटा गया है। प्रत्येक वर्टिकल को एक विशेष आयुक्त द्वारा हेड किया जा रहा है। राकेश अस्थाना ने कहा कि  बेस्ट पुलिसिंग के लिए जनता का सहयोग सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। जनता जब तक पुलिस के साथ न हो तो  बेस्ट पुलिसिंग मुश्किल होती है इसलिए कम्युनिटी पुलिसिंग को लेकर काम किया जा रहा है। इसके लिए ही कम्युनिटी पुलिसिंग सेल को बनाया गया है। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट सेफ्टी डिवीजन में सभी ट्रांसपोर्ट को शामिल किया गया है इसमें ट्रांसपोर्ट के साथ ही उसमें सफर करने वालों की सुरक्षा के लिए इसका गठन किया गया है। तकनीक के आधार पर आगे बढऩे के लिए टेक्नोलॉजी डिवीजन बनाया गया है। इसका मकसद दिल्ली पुलिस को तकनीकी स्तर पर मजबूत बनाना है इसके अलावा लीगल डिवीजन बनाया गया है जो अदालत में पुलिस के मामलों को मजबूती से रख सके।
पीसीआर का रिस्पांस टाइम 7.5 मिनट से घटकर 4.3 मिनट हो गया
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने पीसीआर को थानों के साथ जोड़ दिया है इससे एक तरफ जहां थानों में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ी है तो दूसरी तरफ गाडिय़ों की संख्या भी बढ़ गई है थानों में कानून-व्यवस्था एवं जांच के लिए दो टीम गठित की गई है इसका मकसद जांच को मजबूत बनाना है, ताकि अपराधियों को सजा मिले। साइबर क्राइम को कंट्रोल करने के लिए 15 थाने सभी जिलों में खोले गए हैं इससे साइबर क्राइम की जांच ठीक से होगी और ऐसे अपराधों में कमी आएगी। पीसीआर के मर्ज को लेकर 3 महीने बाद सुरक्षा ऑडिट कराया गया इसमें पता चला कि पहले जहां पीसीआर का रिस्पांस टाइम 7.5 मिनट से घटकर 4.3 मिनट हो गया। गश्त पहले से ज्यादा बेहतर हो गई शिकायतकर्ताओं में इसे लेकर काफी संतोष दिख रहा है इसकी वजह से पुलिसकर्मियों को छुट्टी भी मिलने लगी जो पहले नहीं मिलती थी। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि थानों में मर्ज करने से पुलिस कर्मियों की संख्या  बढ़ी है और जांच अधिकारियों की संख्या भी बढ़ी है। इस तरह मामलों को सुलझाने में कम समय लग रहा है साथ ही पुलिसकर्मियों का वर्क लोड भी काफी हद तक कम हुआ है।

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