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साल 2022 में जाब के अवसरों की भरमार

नई दिल्ली । नया साल करियर के लिहाज से कैसा होगा? किस फील्ड में करियर बनाने से फ्यूचर सिक्योर रहेगा? ये ऐसे सवाल हैं, जो कोरोना महामारी की मुश्किलों के बीच ज्यादातर युवाओं के दिमाग में हैं। आइये, यहां आपको बताते हैं उन करियर विकल्‍पों के बारे में, जो नये साल में पहले से कहीं ज्‍यादा प्रभाव के साथ उभरकर सामने आएंगे और जिनकी मांग भी सबसे ज्‍यादा रह सकती है…

नया साल बस आने को है। बीते करीब दो साल कोरोना महामारी के साए में बीते हैं। अभी भी ओमिक्रोन जैसे इसके नये स्वरूपों को लेकर चिंता बनी हुई है। इस महामारी ने एक ओर करियर और रोजगार को लेकर चुनौतियां पैदा की हैं, तो दूसरी कई विकल्प पहले से कहीं ज्यादा प्रभाव के साथ उभरकर सामने आए हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कोरोनाकाल में डिजिटल टेक्‍नोलाजी की पहुंच और उपयोगिता बढ़ी है।

वर्क फ्राम होम के दौरान लोगों ने आइटी की उपयोगिता को और बेहतर तरीके से अनुभव किया। विशेषज्ञों की मानें, तो डिजिटल टेक के इस्तेमाल का यही ट्रेंड नये साल में भी करियर डिमांड की दिशा तय करेगा। यही वजह है कि लोग परंपरागत पाठ्यक्रमों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बजाय ऐसे करियर की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिनमें उन्हें जल्दी और अच्छा पैकेज मिले। वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के मुताबिक, जिस तरह से कंपनियां नयी टेक्‍नोलाजी को अपनाने और कामकाज में बदलाव की दिशा में बढ़ रही हैं, उससे हेल्थकेयर, स्टेम (साइंस, टेक्‍नोलाजी, इंजीनियरिंग व गणित) और वर्कफोर्स मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में आने वाले दिनों में 12 करोड़ से ज्‍यादा रोजगार के अवसर सामने आएंगे।

अगर वर्तमान परिस्थितियों और बदलते ट्रेंड की बात करें, तो आने वाले वर्षों में डाटा साइंटिस्‍ट/एनालिस्ट, साइबर सिक्‍युरिटी एक्सपर्ट, आर्टि‍फिशियल इंटेलिजेंस स्‍पेशलिस्‍ट, क्लाउड इंजीनियर, आइओटी इंजीनियर, ब्‍लाकचेन इंजीनियर और डिजिटल मार्केटिंग मैनेजर के तौर पर करियर की डिमांड ज्यादा रहेगी। निश्चित तौर पर इन करियर ट्रेंड के हिसाब से ही आगे की पढ़ाई के मामले में भी डिमांड दिखेगी। भले ही अभी इस तरह के करियर विकल्प अपने देश में अभी शुरुआती दौर में हैं, लेकिन इस समय इस ट्रेंड को समझकर इसके साथ बढ़ने वाले युवा ही आगे चलकर सबसे ज्यादा फायदे में रहेंगे।

सवाल यह है कि बदलते ट्रेंड के अनुसार विभिन्‍न डिमांडिंग करियर विकल्पों की दिशा में बढ़ने के लिए छात्रों के सामने राह क्या है? आइये एक-एक करके इन पर विचार करते हैं:

1. डाटा साइंटिस्‍ट/एनालिस्‍ट: नये दौर के करियर के रूप में सबसे पहले बात करते हैं डाटा एनालिस्ट की। कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान डाटा की खपत कई गुना बढ़ जाने से इस समय इस डाटा बेस को मैनेज करने के लिए डाटा साइंस/डाटा एनालिटिक्‍स के विशेषज्ञों की भारी जरूरत देखी जा रही है। क्‍योंकि तमाम बिजनेस कंपनियों को इसी डाटाबेस के सहारे अपने कारोबार में और अधिक विस्‍तार की संभावनाएं दिख रही हैं। ये डाटा साइंटिस्ट/ एनालिस्‍ट ही इस तरह के डाटा का अध्ययन और उसका विश्लेषण करके बिजनेस बढ़ाने लायक जानकारियां कंपनियों के लिए निकालते हैं। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स के साथ-साथ पोस्ट ग्रेजुएशन लेवल पर भी विषय चुनने का विकल्प मिलने लगा है। डाटा एनालिटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए किसी मान्यताप्राप्‍त विश्‍वविद्यालय से ग्रेजुएशन में कम से कम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। इसमें साइंस या कंप्यूटर साइंस के छात्रों को वरीयता दी जाती है। इसी तरह कुछ संस्‍थानों द्वारा डाटा साइंस में बीटेक कोर्स भी आफर किए जा रहे हैं, जिसे गणित विषय से 12वीं करने वाले युवा कर सकते हैं। इस क्षेत्र में पैकेज भी अच्‍छे मिल रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, बिजनेस और डाटा एनालिस्ट के तौर पर करियर की शुरुआत में पांच से 10 लाख रुपये सालाना का पैकेज मिल जाता है। आगे डिग्री और अनुभव के साथ यह पैकेज भी बढ़ता जाता है।

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