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भविष्य की स्वास्थ्य सेवा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डिजिटल मेडिसिन महत्वपूर्ण हैं: डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ; जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि भविष्य की स्वास्थ्य देखभाल के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डिजिटल मेडिसिन महत्वपूर्ण हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जम्मू में आगामी नए ब्लॉकों का निरीक्षण और हाल ही में विकसित सुविधाओं का उद्घाटन करने के लिए संस्थान के दौरे पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि संस्थान की एक विशिष्ट पहचान विकसित करने के लिए भविष्य के इन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि टेली-मेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी  पहले ही बड़े पैमाने उपयोग में है और इन नए विकल्पों की अपरिहार्य उपयोगिता महामारी के समय में महसूस की गई थी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि एम्स, जम्मू में ओपीडी सेवाएं तुरंत शुरू हो जाएंगी और पहला बैच इस साल पहली जून से परिसर से संचालित होगा और उसके बाद दूसरा बैच जारी रहेगा। मंत्री ने कहा कि 30 सदस्य फैकल्टी को पहले ही शामिल किया जा चुका है और अगले साल की शुरुआत तक पूरा छह मंजिला एम्स भवन बनकर तैयार हो जाएगा।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने घोषणा की कि एम्स जम्मू सीएसआईआर-आईआईआईएम जम्मू के साथ मिलकर काम करेगा। दोनों संस्थानों की ओर से निदेशक एम्स, जम्मू डॉ. शक्ति गुप्ता और निदेशक सीएसआईआर-आईआईआईएम जम्मू डॉ. डी. श्रीनिवास रेड्डी के बीच मंत्री की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विडंबना है कि सीएसआईआर-आईआईआईएम, जम्मू और गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, जम्मू एक-दूसरे से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद हैं और भले ही दोनों संस्थान चिकित्सा अनुसंधान के लिए समर्पित थे, फिर भी अतीत में दोनों के बीच शायद ही कोई सहयोग हुआ हो। उन्होंने कहा कि आईआईआईएम को जीएमसी के साथ एवं आईआईआईएम जम्मू और एम्स, जम्मू के बीच गहन एकीकरण स्थापित करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। ये दोनों केंद्र सरकार के संस्थान हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आईआईआई एम जम्मू देश की सबसे पुरानी सीएसआईआर की प्रयोगशालाओं में शुमार है और आज भी यह भांग के औषधीय उत्पादों तथा कई अन्य दवाओं में अग्रणी अनुसंधान कर रहा है, जो संस्थान को एम्स का एक स्वाभाविक सहयोगी बनाता है, जिसके पास अनुसंधान और चिकित्सा शिक्षा की मान्यता भी है।

डॉ. शक्ति गुप्ता के एम्स के निदेशक के रूप में पदभार संभालने के बाद से संक्षिप्त अवधि के दौरान हुई प्रगति की सराहना करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुझाव दिया कि संस्थान की एक विशेष पहचान बनाने के लिए डिजिटल हेल्थ और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) जैसे भविष्य के क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एआई आधारित स्वास्थ सेवा की बुनियादी संरचनाएं विकसित करने में एम्स उत्तर भारत में अग्रणी बन सकता है।

मंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की व्यक्तिगत दिलचस्पी के कारण हाल के वर्षों में जम्मू के आसपास में केंद्रीय वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थान विकसित किए गए है और इस प्रकार इस क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण शैक्षिक केंद्र बन गया है।

उन्होंने विज्ञान के संस्थानों के बीच विभिन्न स्तरों पर ज्यादा से ज्यादा एकीकरण करने की अपील की।फिर उन्होंने वैज्ञानिक संस्थानों और गैर-वैज्ञानिक संस्थानों के बीच और अंत में इन सभी शिक्षा संस्थानों के बीच सतत विकास तथा आजीविका के लिए उद्योग और स्टार्ट-अपके बीच एकीकरण का आह्वान किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उम्मीद जताई कि जम्मू और कश्मीर के मामले में अतीत की संवैधानिक बाधाओं को दूर करने के बाद प्रशासन और प्रबंधन की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों से सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों को आकर्षित करने के लिए भरपूर प्रयास किया जाएगा।

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