बाघ की दस्तक से लोगों में खौफ
ऊधमसिंह नगर। आदमखोर बाघ फिर आबादी वाले इलाके में आने से लोगों में दहशत का माहौल है। आदमखोर बाघ ने कैलाशपुरी गांव के एक मकान के आंगन में जाकर दहाड़ लगाई। गनीमत रही कि बाघ आने की सूचना पर मकान स्वामी ने पहले ही घर खाली करा दिया था, वरना बड़ी अनहोनी हो जाती। वहीं लोगों ने वन विभाग से बाघ से निजात दिलाने की मांग की है।
कैलाशपुरी गांव में तो ग्रामीणों ने बाघ को खेतों से निकलते भी देखा। बाघ गेहूं के खेतों को रौंदता हुआ गन्ने के खेत में चला गया। गन्ने का यह खेत लगभग चार एकड़ की परिधि में फैला है। इसी खेत से सटकर शिवनाथ सिंह का मकान है। इसमें शिवनाथ के पुत्र लालबाबू, बृजानंद, रामाशंकर परिवार के साथ रहते हैं। घर से जाने वाले मार्ग के दोनों तरपफ भी खेत हैं। बाघ के बगल वाले खेत में छिपे होने के बाद ग्राम प्रधान विजय शंकर ने शिवनाथ और उनके परिजनों से पहले ही मकान खाली करा लिया था। उन्होंने बच्चों और मवेशियों को अपने भतीजे मुरलीप्रसाद के यहां शिफ्रट कर दिया। मुरली प्रसाद ने बताया कि बुजुर्ग शिवनाथ खाली मकान पर पीछे वाले रास्ते से पहुंचे तो घर के आंगन में बाघ के पैर के निशान मिले हैं। जिस वजह से ग्रामीण दहशत में है। वहीं लोगों ने वन विभाग से बाघ को जल्द पकड़ने की मांग की है।