बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की
नई दिल्ली: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे ने नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने बिहार के मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम तथा गया में जापानी इंसेफेलाइटिस जिन्हें दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है के बढ़ते मामलों पर चर्चा की। केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे और स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन भी इस अवसर पर उपस्थित थी।
डॉ. हर्षवर्धन ने सुझाव दिया कि मौजूदा हालात में प्रभावित जिलों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। विशेष रूप से बच्चों के अभिभावकों और उनकी देखभाल करने वाले लोगों को बीमारी के बारे में समुचित जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है, ताकि वे पीडि़त बच्चों की हालत बिगड़ने से पहले उन्हें इलाज के लिए पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ले जा सकें। उन्होंने कहा कि समय रहते बीमारी के लक्षणों का पता लगने से कारगर इलाज संभव हो जाता है। बच्चों में शुरूआती लक्षण दिखते ही उन्हें पास के स्वास्थ्य केन्द्र में तुरन्त ले जाया जाना चाहिए।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि क्योंकि ऐसे मामले ज्यादातर सघन आबादी वाले क्षेत्रों से है, इसलिए राज्य सरकार को इनके बारे में लोगों को जागरूक बनाने के अभियान में भारतीय चिकित्सा संघ तथा गैर-सरकारी संगठनों आदि से भी मदद लेनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि बीमारी को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय जिला प्रशासन को सक्रिय रूप से जोड़ा जाना चाहिए। प्रत्येक तहसील के उप-जिला अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उनके इलाके में बीमारी से पीड़ित कोई भी बच्चा खतरनाक स्थिति में पहुंचने से पहले उपचार के लिए पास के स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाया जाए। उन्होंने बीमारी की निगरानी के लिए एक सक्षम और मजबूत प्रणाली के महत्व पर भी बल दिया।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि वे और उनके मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं। उन्होंने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री को बीमारी के बढ़ते मामलों पर नजर रखने के लिए निगरानी तंत्र को और मजबूत बनाने में केन्द्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इंसेफ्लाइटिस के मामलों के बेहतर प्रबंधन के वास्ते राज्य सरकार को मदद देने के लिए केन्द्र की एक विशेषज्ञ टीम बिहार में तैनात की गई है। उन्होंने एसकेएमसी अस्पताल में बाल चिकित्सकों की संख्या बढ़ाये जाने का भी सुझाव दिया।
केन्द्रीय मंत्री ने प्रभावित जिलों में बच्चों में पोषण का स्तर बढ़ाने के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रों और गैर-सरकारी संगठनों के जरिये गर्म और पोषण युक्त खाना दिये जाने का सुझाव भी दिया।