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Box Office पर इस बर्फी की कितनी होगी मिठास, जानिये

इन दिनों छोटे शहरों की कहानियों का बड़े परदे पर जवावड़ा है। कहीं एक्शन तो कहीं रोमांस। बरेली की बर्फी भी उन्हीं में से एक है। नाम के हिसाब से फिल्म की कहानी भी बड़ी मीठी है लेकिन बॉक्स ऑफिस पर ये कितनी मिठास लाती है ये देखना होगा।

बरेली की बर्फी की बात करें उससे पहले आपको बता दें कि इस हफ़्ते गुरिंदर चड्ढा की फिल्म पार्टिशन 1947 भी रिलीज़ हो रही है। हुमा कुरैशी स्टारर फिल्म अपने नाम के हिसाब से बंटवारे के दौर की कहानी है। अंग्रेजी में फिल्म का नाम वायसरॉय हॉउस रखा गया है। ये भारत के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन से जुड़ी घटनाओं पर आधारित है। इतना ही नहीं इस हफ़्ते हिंदी बेल्ट के दर्शक एक और फिल्म देख सकेंगे, जिसका नाम है ललकार। दरअसल ये धनुष और काजोल स्टारर वीआईपी 2 ‘ का हिंदी वर्ज़न है। वीआईपी 2 पिछले हफ़्ते रिलीज़ हो चुकी है लेकिन सिर्फ तमिल में। फिल्म के तेलुगु और हिंदी संस्करण को 18 अगस्त को रिलीज़ किया जा रहा है।

नील बटे सन्नाटा’ जैसी फिल्म को डायरेक्ट करने वाली अश्विनी अय्यर तिवारी ने बरेली की बर्फी का निर्देशन किया है। ये कहानी चिराग दुबे ( आयुष्मान तिवारी), बिट्टी मिश्रा ( कृति सनोन) और प्रीतम विद्रोही ( राजकुमार राव ) के इर्द-गिर्द घूमती है। फिल्म में छोटे शहरों के बड़े बड़े सपने, रहन-सहन और तौर-तरीकों को बारीकी से फोकस करने का दावा किया गया है। फिल्म के ट्रेलर में कुछ कुछ बहन होगी तेरी जैसी भी झलक मिलती है।

बॉक्स ऑफिस पर फेल हो गई ‘राब्ता’ के बाद कृति की आ रही ये फिल्म उनके करियर के लिए भी काफी अहम् है, जबकि आयुष्मान खुराना की पिछली फिल्म मेरी प्यारी बिंदु का भी हाल कुछ ख़ास नहीं था। दो घंटे से कुछ ज़्यादा समय की बरेली की बर्फी को लेकर ट्रेड सर्किल का मानना है कि फिल्म की ओपनिंग डेढ़ से दो करोड़ के बीच हो सकती है। इस बीच इस तरह की ख़बर रही है कि सेंसर बोर्ड में हुए बदलाव के चलते बरेली की बर्फी को अभी तक सेंसर का सर्टिफिकेट नहीं मिला है।

बताया जाता है कि जब फिल्म के निर्माता सेंसर ऑफिस पहुंचे तो पहलाज निहलानी अपने पद से जा चुके थे और नए सेंसर प्रमुख ने पद नहीं संभाला था। हालांकि अभी इस तरह की कोई आधिकारिक सूचना नहीं है कि सर्टिफिकेट न मिलने की वजह से फिल्म के रिलीज़ पर कोई असर पड़ेगा या नहीं।

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