देश-विदेश

सीबीआईसी और सीमा शुल्‍क विभाग ने निवेश आकर्षित करने एवं ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम में आवश्‍यक सहयोग देने के लिए विशेष योजना शुरू की

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय अप्रत्‍यक्ष कर और सीमा शुल्‍क बोर्ड (सीबीआईसी) ने भारत में निवेश आकर्षित करने के साथ-साथ सीमा शुल्‍क (कस्‍टम्स) अधिनियम, 1962 के तहत बॉन्‍ड स्‍कीम के अंतर्गत विनिर्माण एवं अन्‍य परिचालनों के जरिए ‘मेक इन इंडिया’ में मजबूती लाने के लिए एक संशोधित एवं सुव्‍यवस्थित कार्यक्रम शुरू किया है। सीमा शुल्‍क अधिनियम, 1962 की धारा 65 से किसी भी कस्‍टम बॉन्‍डेड वेयरहाउस में विनिर्माण और अन्‍य परिचालन संभव हो पाते हैं।

इस योजना को स्‍पष्‍ट एवं पारदर्शी प्रक्रियाओं, परिचालन संबंधी आवश्‍यकताओं और आईसीटी आधारित प्रलेखन तथा लेखा-जोखा रखने के जरिए आधुनिक बना दिया गया है। इसे वेयरहाउस (संख्‍या 2) में विनिर्माण व अन्‍य परिचालन नियमन, 2019 और सर्कुलर 34/2019 के जरिए संभव किया गया है जिन्‍हें दिनांक 1 अक्‍टूबर, 2019 को जारी किया गया। इस योजना की मुख्‍य बातें निम्‍नलिखित हैं:

  1. तौर-तरीकों या परिचालन में एकरूपता के लिए एकल आवेदन-सह-मंजूरी फॉर्म निर्दिष्‍ट किया गया है। सीमा शुल्क के क्षेत्राधिकार आयुक्त इस तरह की इकाइयों की स्‍थापना तथा उनके परिचालन पर करीबी नजर रखने के लिए मंजूरी के एकल बिन्‍दु के रूप में काम करेंगे।
  2. ऐसी कोई भौगोलिक सीमा नहीं है जहां इस तरह की इकाइयां स्‍थापित की जा सकती हैं।
  3. सीमा शुल्‍क स्‍थगन कार्यक्रम के तहत संबंधित यूनिट विभिन्‍न वस्‍तुओं (कच्‍चा माल एवं पूंजीगत सामान) का आयात कर सकती है। यदि प्रसंस्‍कृत वस्‍तुओं का निर्यात किया जाता है तो संबंधित शुल्‍क को पूरी तरह से माफ कर दिया जाता है।
  4. इसके तहत कोई भी ब्‍याज देनदारी नहीं होगी और बेहतर तरलता (लिक्विडिटी) से संबंधित इकाइयां (यूनिट) लाभान्वित होंगी।
  5. धारा 65 के अंतर्गत आने वाली यूनिट में विनिर्माण एवं अन्‍य परिचालनों में उपयोग के लिए घरेलू बाजार से जीएसटी अनुरूप वस्‍तुओं की खरीदारी की जा सकती है।
  6. कारोबार में सुगमता के साथ-साथ आसान अनुपालन के लिए एकल डिजिटल खाते को निर्दिष्‍ट किया गया है।

सीबीआईसी ने इस योजना के बारे में आवश्‍यक जानकारी देने तथा इसे प्रोत्‍साहित करने के साथ-साथ निवेशकों की सुविधा के लिए ‘इन्‍वेस्‍ट इंडिया’ के साथ मिलकर एक विशेष माइक्रोसाइट लॉन्‍च की है। यह https://www.investindia.gov.in/bonded-manufacturing पर उपलब्‍ध है।

भारत में निवेश को बढ़ावा देने तथा कारोबार में और ज्‍यादा सुगमता सुनिश्चित करने में इस योजना के अत्‍यंत मददगार साबित होने की आशा है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को नई गति देना, निर्यात को प्रोत्‍साहन देना, इलेक्‍ट्रॉनिक उत्‍पादों की एसेम्‍बलिंग एवं मरम्मत और नवीनीकरण कार्यों के लिए विशेष केन्‍द्रों (हब), वैश्विक ई-कॉमर्स हब का निर्माण इत्‍यादि संभव हो सकता है।

Related Articles

Back to top button