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आजादी का अमृत महोत्सव के तहत केंद्र ने वाराणसी में महिलाओं को पोषण और फोर्टिफाइड चावल के बारे में जागरूक किया

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) ने प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी लक्ष्मीबाई की जन्म-स्थली वाराणसी में जागरूकता फैलाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव के तहत भव्य सप्ताहिक समारोह के दौरान एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) के लाभार्थियों अर्थात 6 माह से 14 वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषण संबंधी जानकारी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में फोर्टिफाइड चावल के महत्व पर जानकारी को लेकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के प्रावधानों को लेकर जागरूकता के लिए वाराणसी स्थित वीएचयू परिसर एक सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उपभोक्ताओं विशेष रूप से शिशुओं, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को उचित पोषण के महत्व पर भी जोर दिया गया।

उप निदेशक, आईसीडीएस, उत्तर प्रदेश सरकार और जोनल अधिकारी (यूनिसेफ) ने भी बच्चों और महिलाओं को जागरूकता किया और जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की विभिन्न पहलों के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने फोर्टिफाइड चावल के महत्व के बारे में बताया।

आईसीडीएस लाभार्थियों के साथ अपने अनुभव, कठिनाइयों और चुनौतियों को साझा करने के लिए एक संवाद सत्र का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम के बाद केंद्र की टीम ने उचित मूल्य की दुकान का दौरा कर उसके कामकाज और लाभार्थियों को उपलब्ध कराए जा रहे खाद्यान्न की गुणवत्ता की जांच की।

श्रीमती ममता शंकर, वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार, डीएफपीडी, भारत सरकार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। श्री के. के. गुइटे, निदेशक (एनएफएसए), श्रीमती मोनिका सिंह (संयुक्त निदेशक, एनएफएसए और एनएसी), श्री अभय श्रीवास्तव, अवर सचिव (एनएफएसए), अनिल कुमार, एएसओ (एनएफएसए) ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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