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केन्द्रीय सूचना आयोग ने “मानव संसाधन विकास और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005” पर संगोष्ठी आयोजित की

नई दिल्ली: केन्द्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने नई दिल्ली में “मानव संसाधन विकास और सूचना का अधिकार अधिनियम 2005” विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की। संगोष्ठी में मुख्य सूचना आयुक्त, केन्द्रीय सूचना आयुक्तों, पूर्व सूचना आयुक्तों, राज्य सूचना आयुक्तों, गैर-सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया।

मुख्य सूचना आयुक्त श्री सुधीर भार्गव ने अपने स्वागत भाषण में संगोष्ठी आयोजित करने और शिक्षा के क्षेत्र में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। सूचना आयुक्त श्री दिव्य प्रकाश सिन्हा ने संगोष्ठी का संचालन किया।

उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री आर. सुब्रह्मण्यम ने संगोष्ठी को संबोधित किया।

इसरो के पूर्व प्रमुख और राष्ट्रीय शिक्षा नीति समिति के अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने मुख्य भाषण दिया। केन्द्रीय सूचना आयोग की सूचना आयुक्त श्रीमती वनजा एन. सरना, केन्द्रीय सूचना आयोग के सूचना आयुक्त श्री एन.के. गुप्ता और हिमाचल प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त श्री नरिन्दर कुहन, सिक्किम सरकार के अपर मुख्य सचिव (एचआरडी) श्री ज्ञान प्रकाश उपाध्याय, सीबीएसई की अध्यक्ष सुश्री अनीता करवाल, आरटीआई कार्यकर्ता श्री देवेन्द्र कुमार सिंह और सुदर्शन इंजीनियरिंग कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर श्री एन. कुमुथा ने संगोष्ठी को संबोधित किया।

सुश्री अनीता करवाल ने आरटीआई अधिनियम, 2005 के कार्यान्वयन, विशेष रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं में अंकों के निरुपण और छात्रों के साथ उत्तर पुस्तिकाओं को साझा करने के परिणामस्वरूप शिक्षा के क्षेत्र में होने वाले विभिन्न विकास/सुधार पर विस्तार से बताया।

श्री देवेन्द्र कुमार सिंह ने शुल्क भुगतान में निरुपण की स्थिति पर एक प्रस्तुति दी।

सूचना आयुक्त श्री यशवर्धन कुमार सिन्हा के समापन भाषण के साथ सत्र की समाप्ति हुई।

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