उत्तर प्रदेश

पुण्यतिथि पर कांग्रेसजनों ने संगोष्ठी कर याद किया क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद को

अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुए भीषण नरसंहार से जिसके बाद से ही देश भर के युवाओं में राष्ट्रचेतना का तेजी से प्रसार हुआ। जिसका सीधा प्रभाव चंद्रशेखर आजाद और उनके साथियों पर पड़ा। सत्ता संग्राम के आंदोलन के दौरान पकड़े जाने पर जज के सामने क्रांतिकारी निडर इस किशोर चंद्रशेखर ने अपना नाम आजाद, पिता का नाम स्वतंत्रता, घर का पता जेल बताया।जिससे अंग्रेज जज तिलमिला उठा और उसने उन्हें 15 कोड़ों की सजा सुना दी। कच्ची उम्र के इस बालक के नंगे बदन पर पड़ता रहा  हर एक कोड़ा चमड़ी उधेड़ ले रहा था। लेकिन आजादी के इस दीवाने के मुंह से बुलंद आवाज के साथ सिर्फ भारत माता की जय… वंदे मातरम के नारे ही सुनाई देते। यह संस्मरण इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी के मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश कांग्रेस संगठन प्रभारी महासचिव दिनेश सिंह ने उपस्थित कांग्रेसजनों को बताया। आज यहां कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में महान स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि पर कांग्रेसजनों ने मीडिया हॉल में उन्हें याद कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।

मीडिया विभाग वाइस चेयरमैन पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि आजाद थे, आजाद है और आजाद रहेंगे। चंद्रशेखर आजाद का जीवन ही नहीं उनकी मौत भी प्रेरणा देने वाली है, आजाद ने अंग्रेजों के पकड़ में ना आने की शपथ के चलते खुद को गोली मार ली थी, आजाद जब तक जिए आजाद रहे, उन्हें कोई कैद नहीं कर पाया था।

प्रवक्ता विकास श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में बताया  कि क्रांतिकारी जीवन की शुरुआत तो  आजाद जी  ने अहिंसा के आंदोलन से की थी लेकिन अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचारों और अपमान को अधिक समय तक नहीं सहा और परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए सशस्त्र क्रान्ति का मार्ग चुनना पड़ा। आजाद के साथ क्रांतिकारी तो कई थे लेकिन राम प्रसाद बिस्मिल से  बनी इनकी जोड़ी ने बरतानिया हुकूमत  की जड़ें हिला कर रख दी।

इस मौके पर कांग्रेस मीडिया विभाग  प्रवक्ता एवं संयोजक अशोक सिंह, लल्लन कुमार, अंशु अवस्थी ,प्रदीप सिंह संजय सिंह, सचिन रावत, विपिन गुप्ता, मनोज पांडेय, आस्था तिवारी, रातिन चक्रवर्ती, रवि कुमार, अंजनि शुक्ला, सहित तमाम कांग्रेसजनों ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।

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