उत्तर प्रदेश

निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान निर्धारित अवधि में पूर्ण किया जाए: धर्मपाल सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने आज यहां पशुपालन निदेशालय में वर्चुअली रूप से प्रदेश के प्रथम भेड़ एवं बकरी पालन प्रशिक्षण केन्द्र इटावा का लोकार्पण एवं प्रशिक्षण सत्र का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि भेड़/बकरी जैसे लघु पशुओं के पालन की प्रदेश में बेहतर संभावनायें हैं, जो किसानों और पशुपालकों की आय दोगुनी करने में सहायक है। इस केन्द्र में भेड़/बकरी पालकों या इच्छुक व्यक्तियों को वैज्ञानिक तरीके से व्यवासायिक प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
इस अवसर पर पशुधन मंत्री ने कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम से जुड़े प्रदेश के लगभग 500 ’’मैत्रियों’’ के साथ संवाद किया। उन्होंने कहा कि पशुपालकों के द्वार पर गुणवत्तायुक्त पशु प्रजनन सुविधायें समयबद्ध रूप से उपलब्ध कराने एवं कृत्रिम गर्भाधान आच्छादन बढ़ाने में कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं पैरावेट/मैत्री, आदि की अहम भूमिका और योगदान है। इससे पशुपालकों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिल रहा है। पशुधन मंत्री ने पैरावेट्स की समस्यायें सुनी और उनके निराकरण हेतु अधिकारियों को निर्देशित भी किया।
पशुधन मंत्री ने बैठक में आनलाइन रूप से जुड़े अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोवंश संरक्षण मा0 मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता का कार्यक्रम है और 01 नवम्बर से प्रारम्भ निराश्रित गोवंश संरक्षण अभियान में कोई भी ढ़िलाई न बरती जाए। गोआश्रय स्थलों के सुदृढ़ीकरण, विस्तारीकरण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्था सम्बन्धी कार्य तय समय में पूर्ण किया जाए।
अपर मुख्य सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास, डा0 रजनीश दुबे ने कहा कि मैत्री के प्रोत्साहन एवं उनकी कौशल क्षमता वृद्धि हेतु सतत् प्रयास किया जा रहा है। पैरावेट्स की सभी समस्याओं का यथाशीघ्र निराकरण किया जायेगा। कृत्रिम गर्भाधान द्वारा अधिक उत्पादक एवं उन्नतिशील प्रजाति के पशुओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिससे किसानों एवं पशुपालकों की आय में त्वरित वृद्धि संभव है।
उल्लेखनीय है कि उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष में 6000 से अधिक मैत्री के बैंक खाते में सीधे लगभग 18 करोड़ रूपये की प्रोत्साहन धनराशि हस्तान्तरित की जा चुकी है। वर्तमान वर्ष में 2500 मैत्री का चयन किया जाना है। प्रदेश में लगभग 10 हजार कार्यकर्ता सेवायें दे रहे हैं।
कार्यक्रम में विशेष सचिव, पशुधन श्री देवेन्द्र पाण्डेय, विशेष सचिव श्री अमरनाथ उपाध्याय, निदेशक पशुपालन डा0 ए0के0 जादौन, एलडीबी के कार्यकारी अधिकारी श्री नीरज गुप्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम से वर्चुवली रूप से प्रदेशभर के लगभग 500 पैरावेट्स/मैत्री कार्यकर्ता एवं पशुपालक व किसान जुड़े थे।

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