उत्तर प्रदेश

धर्मवीर प्रजापति ने वरिष्ठ अधिकारियो संग की समीक्षा बैठक

लखनऊ: उ0प्र0 के कारागार एवं होमगार्ड्स राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मवीर प्रजापति ने आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में शासन एवं कारागार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जेलों की संख्या की खासतौर से बरेली और चित्रकूट की जिला जेल में पूर्व में हुयी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिये अहम सुझाव दिये है। उन्होने बैठक में निर्देश में टॉप-10 पेशेवर अपराधियों मुख्यालय स्तर एवं स्थानीय स्तर पर कड़ी नजर रखी जाये। साथ ही उक्त जेलों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी नियमित परिवर्तित की जाये। जिससे की साठ-गॉठ की शिकायते न आये।
श्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न कारागारों ने 3600 सीसीटीवी कैमरे लगे है। एक सप्ताह में 1200 सीसीटीवी कैमरे और लगाये जायेंगे जिससे कि जेलों कि निगरानी तंत्र और भी मजबूत होगा एवं अपराधियों पर नजर और बेहतर तरीके से रखी जायेगी। उन्होने कहा कि प्रदेश की 25 जेलों में 100 बॉडीवार्न कैमरों को दिया गया है। जिसे ड्यूटी के समय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा प्रयोग किया जायेगा। इन कैमरों से जेलों के अन्दर की लाइव वीडियों एवं फोटो मुख्यालय स्थित वीडियों वॉल पर प्रसारित होगा। प्रदेश के समस्त कारागारों में चरणबद्ध तरीकों से वाडीवार्न कैमरों की व्यवस्था की जायेगी।
श्री प्रजापति ने कहा कि प्रदेश में 22 कारागारें ऐसी है जहां पर हाई सिक्यूरिटी बैरक है। वहां पर स्थापित सीसीटीवी कैमरो से 24 घंटे मुख्यालय में स्थापित वीडियों वाल पर लाइव प्रसारण होता है एवं उक्त बैरकों की हर गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाती है। उन्होने कहा कि निगरानी व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में विभाग द्वारा विशेष कदम बताये जा रहे है। जिसके अन्तर्गत 100 वाडीवार्न कैमरों की व्यवस्था की गयी है।
श्री धर्मवीर प्रजापति ने निर्देश दिये है कि जेल मैनुअल में दिये गये व्यवस्था के तहत ही किसी भी बंदी से उनके परिजनों की मुलाकात करायी जाये। मुलाकात की अलग से व्यवस्था दिये जाने पर संबधित अधिकारी एवं कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये। उन्होने सभी जेल अधीक्षकों एवं जेलरों को निर्देश निर्गत करने को कहा है कि अपने जेलों में मुलाकात की व्यवस्था सुचारू करे एवं कैदियों के साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाये। उन्होने कहा कि बरेली एवं चित्रकूट की जेलों में व्यवस्था के इतर जाकर मुलाकात कराने एवं अन्य सुविधायें मुहैया कराने पर उक्त जेलों के अधिकारी एवं कर्मचारी दण्डित भी किये गये है उनका न केवल निलम्बन किया गया है बल्कि जेल भेजने तक की कार्यवाही भी विभाग ने की है।

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