उत्तर प्रदेश

प्रधानमंत्री के मंत्र ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’से कोरोना जैसी बीमारियों को दी जायेगी मात: डॉ. मनसुख मांडविया

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 के  तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुये केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्था में भारत के शामिल होने में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का बड़ा योगदान हैं। गांव विकसित होगा तो देश अपने आप विकसित हो जायेंगे।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में डेयरी की भूमिका अहम होगी ,क्योंकि भारत दुग्ध उत्पादन में 6 % की दर से तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है जो कि भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के मुकाम पर पहुंचाने पर योगदान देगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि हमारी जीवन शैली में  परस्पर मानव, पशु एवं पर्यावरण एक दूसरे के साथ जुड़े हुए थे। जानवर हम इसलिए रखते हैं क्योंकि वह हमें दूध देता है।उन्होंने कहा कि जानवर के डिज़ीज़ मानव में आते हैं और मानव के डिज़ीज़ एनिमल में ट्रान्सफर होता है, उस पर शोध होना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिज़ीज़ को समझने के लिए सर्विलांस आवश्यक है उसका अध्ययन अति आवश्यक है। श्री मांडविया ने कहा कि  एनीमल क्लीनिक व हास्पिटल एक साथ जुड़े है, उसका डेटा एकत्रित करना आवश्यक है जिस पर आईसीएमआर के माध्यम से काम शुरु हो चुका है। डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मानव जाति कल्याण के लिये ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ का आह्वान किया है जिस पर सभी काम कर रह हैं।वन हेल्थ से हम एक ऐसा डाटा बेस तैयार करेंगे जो भविष्य की कई नई आने वाली बीमारियों को मात देगा।केंद्रीय सूचना और प्रसारण एवं मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि डेयरी सेक्टर की भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ाने में अहम योगदान है। भारत के दुग्ध उत्पादन में दुनिया में पहले स्थान पर है जिसमें छोटे किसानों का बड़ा योगदान हैं। भारत सरकार दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में बहुत काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत में डेयरी सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है। यह तकनीकी सत्र बहुत कारगर होगा, इसमें डेयरी सेक्टर का बहुत लाभ होगा।

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