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डॉ. हर्षवर्धन ने 2022 तक 100 शहरों में उपलब्ध कराई जाने वाली “सीजीएचएस सेवाओं” के लिए अत्याधुनिक सीजीएचएस भवन का उद्घाटन किया

नई दिल्ली: “1954 में दिल्ली के गोल मार्केट से शुरू हुई सीजीएचएस सेवाओं का 2014 तक केवल 25 शहरों तक विस्तार हुआ। हालांकि, एनडीए सरकार के तहत पिछले पांच वर्षों में उन्हें 71 शहरों तक विस्तारित किया गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमने जो प्रगति हासिल की है, वह स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है। हम स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रत्येक क्षेत्र में गतिशील रूप से सुधार देख रहे हैं। नई दिल्ली की संसद सदस्य श्रीमती मीनाक्षी लेखी की उपस्थिति में आज नई दिल्ली के आर.के.पुरम के सेक्टर 13 में सीजीएचएस के अत्याधुनिक भवन के उद्घाटन के दौरान केन्द्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने उक्त बातें कहीं। डॉ. हर्षवर्धन ने इस अवसर पर सीजीएचएस लाभार्थियों, जो 75 वर्ष या इससे अधिक आयु के पेंशनभोगी हैं, की वार्षिक स्वास्थ्य जांच की नई योजना भी शुरू की। कार्यक्रम के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि 2022 तक, जब प्रधानमंत्री सभी नागरिकों को एक नया भारत देने की इच्छा रखते हैं, सीजीएचएस सेवाओं को 100 शहरों में उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

नया भवन सीजीएचएस मुख्यालय है और इसमें प्रशासनिक खंड, सीजीएचएस कार्ड अनुभाग और अत्याधुनिक और सुसज्जित वेलनेस सेंटर हैं।

डॉ हर्षवर्धन ने उद्घाटन समारोह के दौरान कहा कि सीजीएचएस सेवाओं में एक उल्लेखनीय सकारात्मक बदलाव आया है। नियमों को सरल बनाया गया है और लोगों के अनुकूल कई सुविधाओं को भी जोड़ा गया है। डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि “इस योजना में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ योजनाओं में से एक बनने की क्षमता है। मैं इस योजना में और सुधार लाने की संभावनाओं का मूल्यांकन करने, पारदर्शिता को सुदृढ़ बनाने तथा और सुधारों को जोड़ने के लिए वरिष्ठ सीजीएचएस डॉक्टरों के बीच एक आंतरिक विचार-मंथन देखना चाहता हूं।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सीजीएचएस डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि योजना में सभी सकारात्मक सुधार शामिल किए जाएंगे। उन्होंने सीजीएचएस लाभार्थियों से भी अपील की कि वे सेवाओं में सुधार के लिए अपने सकारात्मक सुझाव भेजें। इसके अलावा, उन्होंने टेलीफोन करने और 80 साल से अधिक उम्र के लाभार्थियों के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ किये जाने की सीजीएचएस की नई पहल की सराहना की। स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों के व्यवहार में अपने रोगियों के प्रति करूणा और विनम्रता की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है और इसने उन्हें आगे बढ़ाने में प्रधानमंत्री के तहत अनुकरणीय प्रतिबद्धता दिखाई है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नए एम्स के निर्माण की घोषणा के साथ, प्रस्तावित एम्स की कुल संख्या 22 हो गई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम 2019 ऐतिहासिक और मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में एक बहुत बड़ा और दूरदर्शी सुधार है और आने वाले वर्षों में एक मील का पत्थर साबित होगा। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि “आयुष्मान भारत के तहत, 2022 तक 150000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना की योजना है। पीएमजेएवाई योजना पिछले साल 23 सितंबर को आरम्भ होने के बाद अपना पहला वर्ष पूरा करने के करीब है और इस अवसर पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाने की योजना बनाई जा रही है।” उन्होंने यह भी कहा कि 2014 के बाद से, कुल 157 नए चिकित्सा महाविद्यालयों को जिला / रेफरल अस्पतालों को मेडिकल कॉलेजों में अपग्रेड करने की योजना के हिस्से के रूप में अनुमोदित किया गया है। उन्होंने कहा कि ये सम्पन्न होने के विभिन्न चरणों में हैं और देश में चिकित्सा शिक्षा के बुनियादी ढांचे को ये काफी मजबूत करेंगे।

इस कार्यक्रम के अवसर पर सचिव (स्वास्थ्य) श्रीमती प्रीति सूदन, विशेष सचिव (स्वास्थ्य) श्री संजीव कुमार, निदेशक (सीजीएचएस) डॉ. अतुल प्रकाश, अपर निदेशक-मुख्यालय (सीजीएचएस) डॉ. संजय जैन एवं मंत्रालय और सीजीएचएस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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