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डॉ. हर्षवर्धन ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन कार्यकारी बोर्ड के 148वें सत्र की अध्यक्षता की

केन्‍द्रीय स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल वीडियो कॉन्‍फ्रेंस के माध्‍यम से विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (डब्‍ल्‍यूएचओ) कार्यकारी बोर्ड के 148वें सत्र की अध्‍यक्षता की। उनका सत्र का समापन भाषण इस प्रकार था:-

महामहिमों, विशिष्‍ट प्रतिनिधियों, मेरे सहयोगी, उपाध्‍यक्षों और प्रतिवेदकों, महानिदेशक, क्षेत्रीय निदेशकों, सम्‍मानित भागीदारों, देवियों और सज्‍जनों

मैं विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन कार्यकारी बोर्ड के 148वें सत्र को बहुत उपयोगी और सफल सुनिश्चित करने के लिए आपकी पूरे जोश और प्रतिबद्धता के साथ भागीदारी के लिए आपका दिल से आभार व्‍यक्‍त करते हुए अपना संबोधन शुरू करना चाहता हूं। मैं सभी सदस्‍य देशों को विभिन्‍न समय क्षेत्रों के बावजूद वर्चुअली रूप से इतने बड़े एजेंडे का निपटान करने के लिए धन्‍यवाद देना चाहता हूं। मैं सबसे अधिक जरूरतमंदों के जीवन पर गौर करने लायक प्रभाव सृजित करने के लिए अपने काम में पूरी तरह संलग्‍न रहने के लिए आपमें से अधिकांश द्वारा डब्‍ल्‍यूएचओ को व्‍यक्‍त किए गए व्‍यापक समर्थन से बहुत प्रोत्‍साहित भी हूं।

मैं इस बात से भी उत्साहित हूं कि हम सभी ने सहमति व्‍यक्‍त की है कि दुनिया में सभी समस्‍याओं और हमारे सामने आ रही चुनौतियों के बावजूद हमारे पास एक नीतिगत ढांचा है। हम बहुत प्रगति कर रहे हैं। मैं इससे भी समान रूप से प्रोत्‍साहित हूं कि हम इस बारे में भी सहमत हैं कि हमें और सुधार करने और यथास्थिति को परास्‍त करने की जरूरत है, ताकि हम सबसे कमजोर और नाजुक सदस्‍य देशों के लोगों के जीवन में भी बदलाव ला सकें।

मैं इस तथ्‍य से भी काफी उत्‍साहित हूं कि प्रतिकूल परिस्थितियों द्वारा हमें मानव त्रासदी के इस सबसे भयानक समय में वर्चुअली रूप से मिलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। यह ऐसा समय है जब हम यह समझ रहे हैं कि हमें अगले दो दशकों में कई स्‍वास्‍थ्‍य चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसके बावजूद हमने साथ मिलकर काम करने के लिए नए सिरे से सामान्‍य हित स्‍थापित किया है और यह सुनिश्चित किया है कि हमें सभी के लिए सार्वभौम स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल की दिशा में आगे बढ़ने से कोई भी नहीं रोक सकता है।

मैंने इससे पहले भी कहा है और पुन: दोहराता हूं कि मौजूदा महामारी जैसी ये सभी चुनौतियां साझा प्रतिक्रिया की मांग करती हैं क्‍योंकि ये साझा खतरे हैं जिनके लिए साझा जिम्‍मेदारी से काम करने की जरूरत है। वास्‍तव में यह साझा जिम्‍मेदारी सदस्‍य राष्‍ट्रों के हमारे गठबंधन का एक मुख्‍य दर्शन भी है, जो डब्‍ल्‍यूएचओ का गठन करता है।

इस सप्‍ताह आप लोगों के बीच में मैंने जो प्रतिबद्धता देखी है वह मुझे इस महान संगठन के बारे में गर्व महसूस कराती है। लगभग एक साल पहले कोविड-19 को एक महामारी घोषित किया गया था। हमने इसका प्रसार रोकने, बीमारी की रोकथाम और रोगियों की मौत कम करने के लिए अपने सामूहिक प्रयासों के साथ इस बीमारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी है।

मैं सदस्‍य राष्‍ट्रों को धन्‍यवाद देना चाहता हूं कि अपने महामारी विज्ञानी रुझानों में व्‍यापक असमानता के बावजूद हम प्रिएम्पटिव, सक्रिय और सहयोगी रणनीति को अपना कर इस महामारी को पराजित करने की कगार पर हैं।

मैं इस अवसर पर तेजी से फैल रही इस महामारी के दौरान गति और बड़े पैमाने पर काम करने के लिए आपको धन्‍यवाद देना चाहता हूं कि द्विपक्षीय और बहुपक्षीय आधार पर एक-दूसरे की मदद करने के लिए आप सब ने एकजुटता दर्शायी है। सदस्‍य देशों ने कड़ी मेहनत और जिस दृढ़ संकल्‍प का प्रदर्शन किया है उससे मौजूदा प्रतिक्रिया के दौरान असंख्‍य लोगों का जीवन बचाया गया है।

यह हम सभी के लिए यथोचित और स्‍वाभाविक होगा कि हम एक बार फिर उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रति सम्‍मान व्‍यक्‍त करें जिन्‍होंने इस महामारी के दौर में अपना जीवन बलिदान कर दिया है और जो इस महामारी के खिलाफ लगातार नि:स्‍वार्थ भाव से लड़ाई लड़ रहे हैं।

पिछला वर्ष 2020 विज्ञान का वर्ष रहा है जब कोविड-19 महामारी के कारण हमारे ऊपर छाई उदासी में मानवता की श्रेष्‍ठ झलक देखने को मिली है। यह स्थिति की मांग थी कि एक प्रमुख वैश्विक सहयोग स्‍थापित किया जाए ताकि वैज्ञानिक अपने अनुभवों को साझा कर सकें। इसके लिए सरकार, व्‍यवसाय और परोपकारी संगठन संसाधन शुरू करने के लिए एकजुट हुए, इसलिए यह न केवल विज्ञान की प्रगति थी, बल्कि एक महत्‍वपूर्ण अंतर्राष्‍ट्रीय सहयोग बन गया जिससे व्‍यापक लाभ सुनिश्चित हुए।

इस महामारी की सबसे बड़ी सफलता टीम वर्क रहा जिसने व्‍यक्तिगत गौरव के मुकाबले उचित परिणाम प्राप्‍त करने के लिए लोगों को एकजुट किया। स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल संगठनों ने वास्‍तव में एक सार्थक लक्ष्‍य देने के बारे में ध्‍यान केन्द्रित किया, चाहे वो देश में हो या किसी महाद्वीप में हो या दुनिया भर में हो। हमारे विज्ञान और स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल समुदायों ने यह दर्शाया है कि हम किसी भी गति को प्राप्‍त कर सकते हैं, निदान और देखभाल की गुणवत्ता बनाए रख सकते हैं और उस आत्‍मविश्‍वास और विश्‍वास का निर्माण कर सकते हैं कि गति का अर्थ गुणवत्ता में कमी लाना नहीं है।

मेरा व्‍यक्तिगत रूप से यह विश्‍वास रहा है कि स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल में हमारे सहयोग के लाभ का समान रूप से वितरण किए जाने की जरूरत है। हमें इन लाभों को दुनिया के हर व्‍यक्ति तक पहुंचाना चाहिए और हमें अधिक असमानता वाले विश्‍व का निर्माण नहीं करना चाहिए।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के कार्यकारी बोर्ड के अध्‍यक्ष के रूप में, मैं इस पहलू के बारे में विभिन्‍न देशों, वित्त पोषण एजेंसियों, हमारे वैज्ञानिकों और समाजसेवियों से बातचीत करता रहा हूं। यह सभी की प्रतिबद्धता है और मैं भी मानता हूं कि यह 2020 का सबसे अच्‍छा परिणाम है।

वर्ष 2020 कोविड वैक्‍सीन की खोज का वर्ष था, जबकि 2021 दुनिया भर में सबसे अधिक जरूरतमंद लोगों तक इस वैक्‍सीन को उपलब्‍ध कराने के लिए हमारे सामने आने वाली चुनौतियों का होगा। यह एक बड़ी भूमिका है जिसे हमें डब्‍ल्‍यूएचओ में निभाना है।

अब विविध हितधारकों और युवा प्रभावकों के साथ जुड़ना अधिक महत्‍वपूर्ण है ताकि टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में सही जानकारी का प्रसार हो और अफवाहों को फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा, इस महामारी को समाप्‍त करने के उद्देश्‍य से किए जा रहे अन्‍य प्रमुख स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल उपायों को भी जारी रखा जा सके।

पिछले एक सप्‍ताह के दौरान आपके द्वारा किया गया कार्य विज्ञान, एकजुटता, पारदर्शिता और जवाबदेही को मजबूत बनाने में योगदान देगा ताकि जैसे-जैसे हम आगे बढ़े आवश्‍यक नवाचारों को भी बढ़ावा मिले। हमारा विचार-विमर्श का जोरदार सप्‍ताह रहा है आपके सामने रखे गए एजेंडे पर हमारी व्‍यापक और समृद्ध चर्चाओं में से कुछ पर प्रकाश डालना चाहता हूं। आप सभी ने जानकारी साझा करने और समन्वित प्रतिक्रिया के महत्‍व के बारे में तेज और पारदर्शी होने की जरूरत को रेखांकित किया है। अभिरुचि की विविधता और चिंता की विविधता के विकास की नवीनतम स्थिति और चिकित्‍सा और वैक्‍सीन के विकास पर लगातार अनुसंधान बहुत लाभदायक रहे हैं।

‘मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य तैयारी को बढ़ाने देने और सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य आपातकालीन स्थितियों के बारे में प्रतिक्रिया’ पर मसौदा निर्णय सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य आपातकालीन स्थितियों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पहलू से निपटने में लाभदायक सिद्ध होगा।

कोविड-19 प्रतिक्रिया के एक हिस्‍से के रूप में रोकथाम रणनीतियां तैयार करने में सदस्‍य राष्‍ट्रों और डब्‍ल्‍यूएचओ द्वारा किए गए अथक प्रयासों को स्‍वतंत्र निगरानी और परामर्श समिति आईओएसी द्वारा मान्‍यता दी गई है और सराहना की गई है।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी लाभदायक चर्चाएं यह आकलन करेंगी की कौन से सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य उपाय सफल हुए और कौन से असफल हुए, क्‍योंकि हमने इस महामारी के प्रकोप की शुरुआत से ही इसकी रोकथाम करने, संचरण, बीमारी और मौत को रोकने का प्रयास किया है। इस बारे में सीखें गए पाठ का आगे के मार्ग को ठीक करने, अधिक क्षमताओं का निर्माण करने तथा स्‍वास्‍थ्‍य जानकारी प्रणालियों और रिपोर्टिंग तंत्र को मजबूत करने में उपयोग किया जा सकता है।

मैं डब्‍ल्‍यूएचओ स्‍वास्‍थ्‍य आपातकालीन कार्यक्रम के कामकाज से संबंधित क्षेत्र, देश, क्षेत्रीय तथा मुख्‍यालय स्‍तरों पर स्‍पष्‍ट जिम्‍मेदारियों के साथ अधिक जवाबदेह सुरक्षा तंत्र के लिए आपकी सिफारिशों की भी सराहना करता हूं।

मैं इस बात के लिए समान रूप से चिंतित हूं कि एक बड़ा, लचीला और पूर्वानुमान वाला वित्त पोषण होना चाहिए। मैं आईओएसी के कामकाज की निगरानी के साथ-साथ सदस्‍य देश निगरानी क्षमता और प्रणालियों के संबंध में आप द्वारा बताई गई बातों की भी सराहना करता हूं क्‍योंकि इन सबको और मजबूत बनाने की जरूरत है।

‘वर्ल्‍ड एट रिस्‍क’ से ‘वर्ल्‍ड इन डिसऑर्डर’ तक वैश्विक तैयारी निगरानी बोर्ड ने अप्रस्‍तुत विश्‍व में प्रणालियों और वित्त पोषण की खामियों को ओर इशारा किया है। जहां तक हम देख सकते हैं राष्‍ट्र-राज्‍य और देशों के बीच आपसी सहयोग और एकजुटता स्‍वास्‍थ्‍य आपातकालीन तैयारी और प्रतिक्रि‍या प्रणाली का लगातार केन्‍द्र बिन्‍दु होंगे। इसके लिए बहुपक्षीय अंतर-सरकारी प्रणालियों की संरचना और परिचालन में समयबद्ध सुधार आज के विश्‍व की वास्‍तविकता को दर्शाने के लिए आवश्‍यक है।

यह स्‍पष्‍ट है कि अपेक्षाओं को वित्त पोषण के रूप में पूरी तरह विचार-विमर्श करते हुए सदस्‍य राष्‍ट्रों के नेतृत्‍व में स्‍वाभाविक रूप से डब्‍ल्‍यूएचओ में सुधार करने और इसे मजबूत बनाने के प्रयास किए गए।

सचिवालय द्वारा उपलब्‍ध कराए गए आयोग के काम को अद्यतन करते हुए यौन शोषण और दुरुपयोग की रोकथाम के लिए एक शक्तिशाली चर्चा भी हुई। डब्‍ल्‍यूएचओ कार्यान्‍वयन भागीदारों के संयुक्‍त राष्‍ट्र अंतर एजेंसी समूह साथ मिलकर काम कर रहा है। इसने यौन शोषण और दुरुपयोग के बारे में जीरो टोलरेंस के अपने दृष्टिकोण को और साफ किया है। इसमें रिपोर्टिंग, जांच तंत्र और पीडि़तों की सुरक्षा शामिल है। अनेक सदस्‍य राष्‍ट्रों द्वारा सह-प्रायोजित एक मसौदा निर्णय इस आवश्‍यक क्षेत्र में सामूहिक कार्य को मजबूत बनाने के लिए अपनाया गया था।

मैं इस बात की सराहना करता हूं कि आपमें से कुछ राष्‍ट्रों ने डब्‍ल्‍यूएचओ से अपेक्षाओं और कार्य क्षमताओं के बीच तालमेल न होने के बारे में प्रकाश डाला है। कोविड-19 के प्रभाव के कारण परिदृश्‍य की जटिलता में लगातार बढ़ोतरी हुई है। स्‍पष्‍ट रोडमैप के लिए परिवर्तनकारी पहल का आह्वान किया गया था और विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य सभा से परिणाम ढांचा प्रक्रिया और कार्यक्रम के बारे में नवीनतम स्थिति प्रदान करने का अनुरोध किया गया था।

अमेरिका के राष्‍ट्रपति के मुख्‍य चिकित्‍सा सलाहकार डॉ. एंथोनी फौसी ने बिडेन – हैरिस प्रशासन की ओर से ईबी को संबोधित करते हुए यह घोषणा की कि अमेरिका डब्‍ल्‍यूएचओ का सदस्‍य बना रहेगा और सहयोगी केन्‍द्रों के माध्‍यम से सभी स्‍तरों पर तकनीकी सहयोग के साथ अपने वित्तीय दायित्‍वों को पूरा करेगा। उन्‍होंने बीमारी के प्रकोप में वैश्विक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रक्रिया का नेतृत्‍व करने में डब्‍ल्‍यूएचओ की भूमिका की सराहना की। डब्‍ल्‍यूएचओ ने वैक्‍सीन चिकित्‍सा और निदान के विकास को गति प्रदान करने में वैज्ञानिकों और अनुसंधानकर्ताओं को मदद देने तथा सदस्‍य राष्‍ट्रों को सूचना प्रदान करने के लिए नवीनतम विकासों की ट्रैकिंग में भी भूमिका निभाई है और डॉ. फौसी के इस संदेश के साथ डब्‍ल्‍यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड का 148वां सत्र इतिहास में शामिल हो गया।

भारत की ओर से तथा डब्‍ल्‍यूएचओ के कार्यकारी बोर्ड के अध्‍यक्ष के रूप में, मैं इस घोषणा का स्‍वागत करता हूं कि राष्‍ट्रपति जो बिडेन का नया प्रशासन डब्‍ल्‍यूएचओ से अमेरिका के हटने की प्रक्रिया को रोकेगा। हम इस बात पर प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त करते हैं कि अमेरिका बहुपक्षीय सहयोग की नई प्रतिबद्धता के साथ महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में सदस्‍य देशों के साथ लगातार काम करेगा। जैसा हमारे महानिदेशक ने कहा कि डब्‍ल्‍यूएचओ राष्‍ट्रों का परिवार है और इसे राष्‍ट्रों की एकजुटता का जरूरत है।

मैं गैर-संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण पर महासभा की तीसरी उच्च स्तरीय बैठक की राजनीतिक घोषणा के संबंध में हुई चर्चाओं की भी प्रशंसा करता हूं। सदस्य राष्‍ट्रों ने इस मद के तहत वैश्विक कार्य योजना और वैश्विक समन्वय तंत्र के मूल्यांकन से लेकर ओरल स्वास्थ्य और डायबिटीज तक के मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचार-विमर्श किया।

सदस्य राष्‍ट्रों ने एनसीडी के नियंत्रण और रोकथाम के लिए विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने और लगातार कम वित्त पोषित क्षेत्रों के लिए संसाधन बढ़ाने का आह्वान किया।

सार्वजनिक स्वास्थ्य, नवाचार और बौद्धिक संपदा एजेंडा और प्रस्तावित प्रस्ताव पर वैश्विक रणनीति और कार्य योजना के बारे में समृद्ध चर्चाएं हुईं और उपचारात्‍मक, नैदानिक और वैक्‍सीन तक पहुंच में सुधार करने के लिए अनुसंधान को मजबूत बनाने, ज्ञान और जानकारी का आदान-प्रदान करने का आह्वान किया गया। इसमें कोई संदेह नहीं है कि नवाचार और बौद्धिक संपदा अधिकारों का उपेक्षित और सामयिक दोनों क्षेत्रों में सामूहिक वैश्विक प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए लाभ उठाया जाना चाहिए।

मुझे यहां यह भी बताना है कि हमारे संगठन को व्‍यापक रूप से विश्‍व में काम करने और बढ़ते हुए शहरीकरण तथा वैश्वीकरण में तेजी से बदलती हुई वास्तविकता द्वारा परिभाषित होना चाहिए क्‍योंकि इनके कारण व्‍यापक प्रगति को मिला बढ़ावा न केवल संचारी और गैर-संचारी बीमारियां ही हैं, बल्कि महामारी के स्‍वरूप में अचानक सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य चुनौतियां भी हैं। स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल में विज्ञान और नवाचार का लाभ मुख्‍य रूप से धनी देशों को प्राप्‍त होता है जो एक कड़वी सच्‍चाई है।

इस संदर्भ में, मुझे यह देखकर खुशी हुई है कि हमारे सदस्य देशों ने स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की हैं और इन्‍होंने सभी के लिए स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के महत्व को मान्‍यता देते हुए मसौदा प्रस्‍ताव का समर्थन किया है।

एक वर्ष के भीतर समाप्‍त हो रही वैश्विक रणनीतियों और कार्य योजना पर भी विचार करने के लिए बोर्ड समान रूप से खुश था। इन योजनाओं में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन, वैश्विक अपंगता कार्य योजना और एचआईवी, वायरल हेपेटाइटिस और यौन संचारित संक्रमणों पर क्रमशः वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र रणनीतियां शामिल हैं।

बोर्ड ने टीकाकरण एजेंडा 2030 का स्वागत किया है और सर्वसम्‍मति से विश्‍व स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा में टीकाकरण कार्यक्रमों द्वारा निभाई गई केन्‍द्रीय भूमिका को मान्यता दी है। सदस्य राष्‍ट्रों ने कोवैक्‍स सुविधा के माध्‍यम सहित कोविड-19 वैक्‍सीन की शीघ्र और समान उपलब्धता का भी आह्वान किया है।

वैक्‍सीन से रोके जाने वाली रुग्णता और मृत्यु दर को रोकने में टीकाकरण एक सफल वैश्विक कार्यक्रम रहा है और डब्‍ल्‍यूएचओ को टीकाकरण एजेंडा को प्रभावी रूप से लागू करने में सदस्य राष्‍ट्रों को साक्ष्य-आधारित और वैज्ञानिक समर्थन जारी रखना चाहिए। विशेष रूप से कमजोर वर्गों तक वैक्‍सीन की कवरेज में लगातार सुधार किया जाना चाहिए और असमानताओं को कम किया जाना चाहिए।

कल ही हमने एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध पर महानिदेशक की उस रिपोर्ट पर चर्चा की थी, जो अनेक सतत विकास लक्ष्यों को अर्जित करने में गंभीर व्‍यवधान पैदा कर रहा है।

अपने एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस डिवीजन के माध्यम से, डब्ल्यूएचओ कोविड-19 के तहत इस खतरे के बारे में वैश्विक प्रतिक्रिया की पुष्टि कर रहा है। इसने नियोजित और मौजूदा एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध गतिविधियों में कुछ व्यवधान पैदा किए हैं।

मुझे यकीन है कि डब्ल्यूएचओ के मार्गदर्शन के तहत सदस्य देश इस चुनौती से निपटने में अधिक मजबूत होकर उभरेंगे।

एक अन्य संक्रामक रोग, पोलियोमाइलाइटिस है, जो दुनिया के कुछ हिस्सों में गंभीर चिंता का कारण बन गया है इसके बारे में भी कल चर्चा की गई थी। पोलियो उन्मूलन मिशन व्यक्तिगत स्तर पर मुझे समझ में आता है।

मैं वर्ष 1994 में वापस जाता हूं जब हमने पोलियो मुक्त भारत का सपना देखा था। उस समय, भारत पोलियो के 60 प्रतिशत मामलों का घर बना हुआ था। अनेक स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग और डब्ल्यूएचओ के उचित उपायों से हमने 2 अक्टूबर, 1994 को नई दिल्ली में पोलियो मुक्त भारत की यात्रा की शुरुआत की थी। आज भारत पोलियो से मुक्‍त है और इसका पिछला मामला जनवरी 2011 में सामने आया था। भारत ने मार्च 2014 में डब्ल्यूएचओ से अपना पोलियो मुक्त प्रमाणीकरण प्राप्त किया था।

मुझे विश्‍वास है कि पोलियोमाइलाइटिस उन्मूलन और पोलियो संक्रमण नियोजन और पोलियो पोस्ट-प्रमाणन के बारे में महानिदेशक की रिपोर्ट पर हमारे विचार-विमर्श के दौरान सुझाए गए उपायों से विश्‍व जल्‍द ही पोलियो मुक्‍त वास्‍तविकता बन जाएगा।

मैं इस 148वें सत्र के सफल आयोजन में अपने सहयोगी उपाध्‍यक्षों द्वारा दिए गए सहयोग की प्रशंसा करता हूं। इन्‍होंने विभिन्‍न समय क्षेत्रों में वर्चुअल बैठक को आयोजित करने में हुई कठिनाइयों के बावजूद अपेक्षित सहयोग किया है-

ओमान के डॉ. अहमद मोहम्मद अल सैदी, केन्या के डॉ. पैट्रिक अमोथ, जर्मनी के श्री ब्योर्न कुम्मेल और गुयाना के डॉ. फ्रेंक सी. एस. एंथोनी

हम टोंगा के डॉ. अमेलिया अफुआहामंगो तुइपुलेटोटू की प्रशंसा करते हैं जिन्‍होंने चुनौतीपूर्ण समय में काफी सहयोग किया है।

जैसा कि संक्षेप में कहा गया है कि समृद्ध बयान और विचार-विमर्श ईबी के सदस्य राष्‍ट्रों और अन्‍य भागीदारों में समन्वय में अग्रणीय हैं और अन्य भागीदारों की गहरी व्यस्तता को दर्शाते हैं, जो इस अभूतपूर्व महामारी के खिलाफ न केवल वैश्विक प्रतिक्रिया, बल्कि अन्य सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों का भी समर्थन करते हैं।

मैं अपनी सहायक संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, अंतर-सरकारी संगठनों, भागीदारों और गैर-राज्य कार्यकर्ताओं की भूमिका पर आभार व्‍यक्‍त करता हूं और इस सत्र के सफलतापूर्वक आयोजन में उनकी गहरी दिलचस्‍पी और सहायता के लिए धन्‍यवाद देता हूं।

मैं तीन स्‍तरों, मुख्यालय, क्षेत्रीय और देश के कार्यालयों में डब्‍ल्‍यूएचओ के कर्मचारियों की निष्‍ठा और समर्पण की सराहना करता हूं। आपका काम बहुत मूल्यवान है मैं महानिदेशक, क्षेत्रीय निदेशकों और सचिवालय की टीम की सराहना करता हूं, जिन्‍होंने सदस्‍य देशों को न केवल आपातकालीन प्रतिक्रि‍या में, बल्कि सभी क्षेत्रों में मौजूदा समर्थन देने के लिए ऊर्जा और ज्ञान का प्रदर्शन किया है।

हम शासी निकाय के सहकर्मियों, अनुवादकों और आईसीटी टीम को धन्‍यवाद देते हैं जिन्‍होंने अपनी कड़ी मेहनत से कार्यकारी बोर्ड के 148वें सत्र का वर्चुअल आयोजन सहज रूप से आयोजित करने में मदद की है।

मैं इस अवसर पर दुनिया के सभी नागरिकों की प्रशंसा करता हूं जिन्‍होंने इस अप्रत्याशित संकट से जूझने में पूरे समाज को जीवन प्रदान करने के लिए अधिक-से-अधिक योगदान दिया है। उन लोगों का भी आभार व्‍यक्‍त करते है जिन्‍होंने इस साल वैक्‍सीन, परीक्षण और उपचार में अपना सर्वस्‍व प्रदान किया है।

हम सब जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनके बीच यह मेरा विशेषाधिकार था कि कार्यकारी बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में, मैं आप सभी के साथ समय बिताऊं, आपके समृद्ध अनुभवों से कुछ सीखूं और अपकी मूल्यवान सिफारिशों को सुन सकूं।

प्रतिनिधियों और भागीदारों ने जो सुझाव दिए हैं वह संगठन के कार्य में मार्गदर्शन के लिए बहुत उपयोगी होंगे, क्योंकि हम मजबूत संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं और एक स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध विश्‍व निर्माण की दिशा में काम करते हैं।

मुझे अच्छी तरह जानता हूं कि सभी सदस्य राष्‍ट्र चुनौतियों से निपटने और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की पहुंच, सामर्थ्य और गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह कार्य अभी तक समाप्त नहीं हुआ है, इसलिए इस महामारी को समाप्त करने के लिए हमें अपनी प्रतिबद्धताओं को दोगुना करना होगा। मौजूदा संदर्भ में हम कहीं भी सुरक्षित नहीं है जब तक कि हर जगह सुरक्षित नहीं है।

डब्ल्यूएचओ में, हमें यह सुनिश्चित करना है कि कम और मध्यम आय वाले देशों की कोविड-19 परीक्षणों, उपचारों और टीकों तक सुरक्षित और प्रभावी पहुंच हो।

मैंने हमेशा कहा है कि डब्‍ल्‍यूएचओ को अग्रणी होने की जरूरत है। लगन और प्रतिबद्धता से काम करने से यह दुनिया बदलाव लाना चाहता है और इससे कम पर संतुष्ट नहीं होना चाहता है।

डब्‍ल्‍यूएचओ की प्रतिबद्धता सदस्‍य देशों के लिए परिवर्तनकारी अनुभव उपलब्‍ध करती है, जो हमेशा अनुकरणीय रही है। कोविड के बाद की दुनिया के सामने अनेक प्रकार की चुनौतियां हैं। इसके लिए हमें नए विजन की जरूरत है। ऐसा नया विजन जो इस वंदनीय संस्था को इसकी पूरी क्षमता और प्रभाव का अनुभव करता हो।

हमने इस सप्‍ताह जो नई प्रतिबद्धता की हैं उनके साथ आइये हम डब्ल्यूएचओ के उद्देश्‍य में सहायता करने, उसके मिशन को आगे बढ़ाने और उसके भविष्य को मजबूत करने और सुरक्षित बनाने के लिए अथक रूप से कार्य करने का संकल्प लें। इन शब्दों के साथ, मैं डब्ल्यूएचओ कार्यकारी बोर्ड के 148वें सत्र को समाप्त करता हूं।

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