उत्तराखंड समाचार

एड-टेक स्टार्टअप, कॉलेजदेखो ने पूरे भारत में 20 हज़ार छात्रों के नामांकन में मदद की, नए शैक्षणिक वर्ष के लिए पूरी तरह तैयार

देहरादून: भारत में उच्च शिक्षा हेतु सर्वश्रेष्ठ परामर्श-नामांकन सेवा प्रदाता, कॉलेजदेखो ने आज घोषणा की कि इसने पूरे भारत के 600 कॉलेजों में 20 हज़ार से ज्यादा छात्रों के नामांकन में मदद की है। इस प्रकार यह छात्रों को उपयुक्त शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम बनाकर अपने उद्देश्य की ओर आगे बढ़ रहा है।

ऐसे देश में, जहां उच्च शिक्षा का चयन करना मुख्य रूप से लोगों के मन में बसी धारणाओं पर निर्भर है, वहां कॉलेजदेखो पुरानी सोच के बंधनों को तोड़ रहा है। कॉलेजदेखो एक छात्र/ छात्रा की शैक्षणिक पृष्ठभूमि को उसके करियर की आकांक्षाओं के साथ जोड़ता है, और यह अपनी खुद की तकनीक पर आधारित परामर्श सेवाओं के जरिए भारत में उच्च शिक्षा के संदर्भ में छात्रों की पसंद में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। कॉलेजदेखो ने अपनी स्थापना के केवल 6 सालों के भीतर उन्नत डेटा साइंस एवं टेक्नोलॉजी का उपयोग करके चार मिलियन से ज्यादा छात्रों को परामर्श सेवाएं प्रदान की हैं, तथा छात्रों को उनके आदर्श कैरियर के लक्ष्य को हासिल करने में मदद की है। भारत सरकार के अनुमानों के अनुसार, वर्ष 2030 तक भारत का एड-टेक व्यय 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, और इस प्रकार कॉलेजदेखो की सेवाएं पूरी तरह से सामयिक हैं।

छात्रों के बीच अपने लिए सबसे उपयुक्त कॉलेज के चयन से जुड़ी दुविधाओं को दूर करने के लिए, कॉलेजदेखो  प्रत्येक छात्र के अकादमिक रिकॉर्ड, करियर की आकांक्षाओं और बजट के आधार पर उसके अनुकूल परामर्श एवं नामांकन में सहायता प्रदान करता है।

कॉलेजदेखो का एआई (।प्) से संचालित चैटबॉट छात्रों को अपने लिए उपयुक्त पाठ्यक्रम और करियर के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेने में मदद करता है, और इसने वर्ष 2020 तक छात्रों के दो मिलियन से ज्यादा सवालों के उपयुक्त जवाब दिए हैं। कॉलेजदेखो के पास भारत का सबसे बड़ा कॉमन एडमिशन फॉर्म  प्लेटफॉर्म (अब तक आधे मिलियन आवेदकों की मदद कर चुका है) भी उपलब्ध है, जो छात्रों को एक क्लिक के जरिए एक-साथ कई कॉलेजों में आवेदन करने की सुविधा प्रदान करता है। कॉलेजदेखो विदेशों में पढ़ाई के लिए भी नामांकन में शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करता है, जिसमें परीक्षा के लिए कोचिंग, आवेदन की प्रक्रिया में मार्गदर्शन एवं प्रीमियम नामांकन सेवाएं तथा यात्रा एवं वीज़ा में सहायता शामिल है। विदेशों में अध्ययन सेवा ने पहले ही हज़ारों छात्रों को यूएसए, यूके, कनाडा, यूरोप आदि के शीर्ष विश्वविद्यालयों में नामांकन में मदद की है।

इस उपलब्धि पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, श्री रुचिर अरोरा, सह-संस्थापक एवं सीईओ, कॉलेजदेखो ने कहा, “छात्रों द्वारा पूछे जाने वाले सवालों में बढ़ोतरी और हमारे प्लेटफॉर्म से उनका जुड़ाव इस बात की पुष्टि करता है कि, हम छात्रों को सोच-समझकर फैसला लेने में मदद करने के अपने प्रयासों में सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। हमने इस प्रणाली में सभी चीजों को शामिल करने के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना तथा नए भागीदारों को जोड़ना जारी रखा है, जो देश-विदेश में छात्रों की उच्च शिक्षा की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इसका मतलब यह है कि कॉलेजदेखो शिक्षा जगत के दायरे में काम करने वाले सभी लोगों को प्रभावित करेगा। हमारे लिए यह लम्हा बेहद उत्साहजनक है और हमें इस बात पर गर्व है कि हम पूरे भारत के एड-टेक क्षेत्र को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहे हैं।”

भारत में छात्रों की काउंसलिंग को संस्थागत बनाने के उद्देश्य से, गिरनारसॉफ्ट एजुकेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के तत्वावधान में कॉलेजदेखो की स्थापना की गई थी। वर्ष 2015 में स्थापना से लेकर वर्ष 2021 के बीच, कॉलेजदेखो ने दो मिलियन से अधिक छात्रों को परामर्श सेवाएं प्रदान की हैं। कॉलेजदेखो का उद्देश्य सभी विषयों एवं हर तरह की डिग्री प्रदान करने वाले कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों को नामांकन में सहायता प्रदान करना है। कॉलेजदेखो की वेबसाइट पर 36 हज़ार से ज्यादा कॉलेज सूचीबद्ध हैं, और यहां छात्रों के लिए नामांकन, प्रवेश परीक्षा, बुनियादी सुविधाएं, पाठ्यक्रम और करियर से संबंधित नवीनतम जानकारी उपलब्ध हैं।

कॉलेजदेखो का कस्टमाइज्ड स्टूडेंट आउटरीच प्रोग्राम छात्रों की मौजूदा जरूरतों के अनुरूप है और इसने दुनिया भर से छात्रों को आकर्षित किया है। कॉलेजदेखो ने परामर्श एवं नामांकन सेवाओं के माध्यम से छात्रों की सहायता की है, तथा उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि, उनके मौजूदा कौशल एवं क्षमताओं के अनुकूल एकदम सही कॉलेज में नामांकन लेने में मदद की है।  कॉलेजदेखो का लक्ष्य जमीनी स्तर पर समाधान उपलब्ध कराते हुए अपने प्रस्तावों के दायरे के विस्तार को जारी रखना है।

https://www.CollegeDekho.com/

Related Articles

Back to top button