उत्तर प्रदेश

किसान कृषि यंत्रों को अनुदान पर लेकर पराली को खेतों में ही डिकम्पोज कर सकते है: नवनीत सहगल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल ने लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रदेश के अधिकतर जनपदों में कोविड संक्रमण कम हो रहा है। सीमावर्ती जनपदों में कोरोना संक्रमण के केस न बढ़े इसलिए वहां पर विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्हांेने बताया कि मा0 प्रधानमंत्री एवं मा0 मुख्यमंत्री जी के द्वारा लोगों से अपील की गयी हैं कि माॅस्क पहने, हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाले जगहों पर समाजिक दूरी बनाकर रखे। नीति आयोग ने सराहना की है कि उत्तर प्रदेश सरकार, स्थानीय प्रशासन ने मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशन में कोविड-19 के मैनेजमेंट के लिए बेहतर कार्य किया है। उत्तर प्रदेश में स्थिति बेहतर है। राज्य सरकार ने कोरोना के संक्रमण के कम होने के बावजूद भी प्रदेश में कोरोना की टेस्टिंग घटाई नहीं गयी है। प्रतिदिन लगभग डेढ़ लाख की टेस्टिंग प्रतिदिन की जा रही है। उन्होंने कहा कि  जिलाधिकारी सुबह को कोविड अस्पताल में तथा शाम को इन्टीग्रेड कंट्रोल कमाण्ड सेन्टर में बैठक करके यह सुनिश्चित करे कि सभी व्यवस्था सुचारू रूप से चले। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कन्टेमेंट जोन में भी थोड़ी कमी आई है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां और अधिक तेजी से बढ़ें, इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश सरकार की यह प्राथमिकता है कि उद्योगों को पूर्ववत पूरी तरह से चालू करने के साथ-साथ उनको आर्थिक सहायता देकर पूरी क्षमता के साथ चलाया जाए एवं नये उद्यम स्थापित करने के लिए बैकों से समन्वय करके उद्यमियों को ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रतिदिन बैंकों के साथ समन्वय करते हुए नई एम0एस0एम0ई0 इकाइयां स्थापित कर आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने और रोजगार सृजित करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश में अद्यतन 4.37 लाख इकाईयों को आत्मनिर्भर पैकेज के अन्तर्गत रू0 10,847 करोड के ऋण स्वीेकृत कर वितरित किये जा रहे हैं।  आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार/स्वरोजगार सृजन अभियान में इस वित्तीय वर्ष में 14 मई से आजतक लगभग 5.96 लाख नई डैडम् इकाईयों को रू0 15,925 करोड रूपये के ऋण वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि इन इकाईयों के माध्यम से 25 लाख रोजगार सृजन हुआ है।
श्री सहगल ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा निरन्तर धान खरीद की समीक्षा की जा रही है। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि किसानों के धान की खरीद समय से हो तथा उन्हें धान व मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य अवश्य मिले। धान और मक्का की खरीद का भुगतान 72 घंटे के अन्दर सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि जिलाधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न होे तथा क्रय केन्द्र सुचारू रूप से कार्य करे। अधिकारियो/कर्मचारियों द्वारा लापरवाही करने पर उनके विरूद्ध कार्यवाही की गयी है तथा शिकायत मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों को निलम्बित भी किया गया है। धान क्रय केन्द्र पर शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी की जिम्मेदारी होगी। धान क्रय केन्द्रांे पर जिलाधिकारी द्वारा निरन्तर अनुश्रवण तथा आकस्मिक निरीक्षण करे। अब तक किसानों से 90.60 लाख कु0 धान की खरीद की जा चुकी है। जो पिछले वर्ष से लगभग 02 गुना अधिक था। अब तक किसानों से 6181.43 मी0 टन मक्का की खरीद की जा चुकी है। प्रदेश सरकार बेहतर पराली प्रबंधन के लिए किसानों को जागरूक कर रही है। कुछ जनपदों में नये प्रयोग हुए है जिनमें किसानों को गौशालाओं से जोड़ा गया हैं। एक ट्राली पराली लाने के बदले किसानों को एक ट्राली गोबर की खाद निशुल्क दी जायेगी। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा भी पराली प्रबंधन के लिए यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है, जिससे किसान कृषि यंत्रों को अनुदान पर लेकर पराली को खेतों में ही डिकम्पोस कर सकते है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,49,213 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक कुल 1,63,77,058 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 2112 नये मामले आये हैं। प्रदेश में 22,846 कोरोना के एक्टिव मामले हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 4,71,204 कोविड-19 से ठीक होकर पूर्ण उपचारित हो चुके है। उन्होंने बताया कि आज आर0टी0पी0सी0आर0 के माध्यम से 72,818 कोविड-19 की टेस्टिंग की गयी है। उन्होंने कहा कि त्योहारों के अवसर पर लोगों को विशेष सर्तकता बरतने की आवश्यकता है। ई-संजीवनी के माध्यम से 24 घंटे में 2,885 चिकित्सीय परामर्श लिए है। अब तक कुल 1,99,503 लोग चिकित्सीय परामर्श ले चुके है। उन्होंने बताया कि ई-संजीवनी ऐप तमिलनाडु के बाद उत्तर प्रदेश देश में दूसरा राज्य है। जो ई-संजीवनी पर चिकित्सीय परामर्श लिया जा रहा है और यह निरन्तर जारी है। उन्हांेने बताया कि पिछले वर्ष 01 अक्टूबर से 10 नवम्बर, 2019 तक 26,154 मेजर सर्जरी की गयी है, इसी अवधि में इस वर्ष 01 अक्टूबर से 10 नवम्बर, 2020 तक 24,490 मेजर सर्जरी की गयी है।

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