उत्तर प्रदेश

विश्व बैंक की परियोजना-पैक्ट से कौशाम्बी व फतेहपुर जनपदों के किसानों को अधिक फसल लेने में मिली सफलता

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह के निर्देश पर सहभागी सिंचाई प्रबंधन के तहत निर्वाचित जल उपभोक्ता समितियों के कार्य प्रणाली को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से इनका किसी शैक्षणिक संस्थान से मूल्यांकन अथवा अध्ययन कराया जायेगा।

जल उपभोक्ता समितियों को और प्रभावी बनाये जाने तथा उ0प्र0 वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के द्वितीय चरण के अंतर्गत प्रोजेक्ट एक्टीविटी कोर टीम (पैक्ट) की प्रगति एवं विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा हेतु सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष श्री ए.के. श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जल उपभोक्ता समितियों एवं किसान सिंचाई विद्यालयों के बीच बेहतर तालमेल बनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जल उपभोक्ता समितियों के व्यावहारिक अनुभव तथा फील्ड स्तर की कठिनाईयों को साझा करते हुए इसके समाधान के लिए पैक्ट के अधिकारियों को हर संभव प्रयास करना चाहिए।

पैक्ट के मुख्य अभियन्ता श्री ए.के. सेंगर ने इस अवसर पर जल उपभोक्ता समितियों द्वारा किये जा रहे सराहनीय कार्य की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि डब्लू.एस.आर.पी., विश्व बैंक पोषित परियोजना के प्रभावी क्रियान्वयन से खेती के लिए वर्षा पर निर्भर रहने वाले क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने से किसानों की स्थिति में व्यापक बदलाव आया है। उन्होंने कौशाम्बी तथा फतेहपुर जनपदों के किसानों का अनुभव साझा करते हुए कहा कि कृषि उत्पादन और बहुफसली कृषि प्रणाली को बढ़ावा देने में विश्व बैंक परियोजना किसानों के लिए वरदान साबित हुई है।

श्री सेंगर ने बताया कि फतेहपुर और कौशाम्बी जिलों के असिंचित खेतों तक पानी पहुंचाकर सिंचाई विभाग ने किसानों को बड़ी राहत दी है, जिसकी सराहना अभी हाल ही में भ्रमण पर आयी विश्व बैंक की टीम ने किया। विश्व बैंक दल ने परियोजना के घटक डी0 कृषि उत्पादन से अर्जित 59.89 प्रतिशत उपलब्धि पर भी प्रसंन्नता व्यक्त करते हुए जल उत्पादकता एवं फसल सघनता में प्राप्त की गई उपलब्धि की भी सराहना की। इस अवसर पर पैक्ट के अभियन्तागण एवं अन्य विशेषज्ञ मौजूद थे।

Related Articles

Back to top button