उत्तर प्रदेश

कृषि कार्यों हेतु किसानों को अपने खेतो पर आने जाने में होगी सुगमता: केशव प्रसाद मौर्य

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के  गांवों के अतिक्रमित चक मार्गों को अतिक्रमण से मुक्त कराकर उनका निर्माण मनरेगा से कराते जाने के निर्देशो पर त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है।उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अतिक्रमित चक मार्गों के खाली हो जाने से जहां गांवों में रास्तों को लेकर आपसी विवादों में विराम लगेगा, वहीं किसानों को कृषि कार्यों हेतु अपने खेतों में आने-जाने में सुगमता होगी,फलतरूउनकी फसल उत्पादकता पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा,यही नहीं बाढ़, वर्षा या अन्य कारणो से क्षतिग्रस्त चकमार्ग  भी इस मुहिम के तहत मजबूत बन जायेंगे।उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में सेक्टर चकमार्गों, तालाबों व सार्वजनिक भूमि के अतिक्रमण के कारण आपसी रंजिश व मारपीट की समस्याएं उत्पन्न होती है, जिससे कृषि की उत्पादकता को कम करके ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित होती है। ग्रामीण परिवेश में इन समस्याओं के निराकरण हेतु आधारभूत ढांचों के विकास एवं विवादों के समाधान हेतु चक मार्गाे का निर्माण कराया जाना अतिआवश्यक है।
इस कार्य को मुकम्मल अन्जाम देने हेतु ग्राम्य विकास आयुक्त श्री जी एस प्रियदर्शी द्वारा सभी जिला अधिकारियों को व्यापक दिशा निर्देश दिए गए हैं।जारी दिशा निर्देशों में श्री प्रियदर्शी ने कहा है कि चक मार्ग निर्माण हेतु राजस्व एवं चकबन्दी के सहयोग से भूमि एवं राजस्व अभिलेखों में दर्ज सेक्टर मार्गाे, चकरोडों को वृहद रूप से अभियान स्वरूप पैमाइश / चिन्हांकन किया जाए।
चकबन्दी में कब्जा परिवर्तन की कार्यवाही पूर्ण होते ही वहाँ के चकरोड भी प्राथमिकता पर बनवाने का कार्य किया जाए।चिन्हांकित कार्याे को मनरेगा योजनान्तर्गत निर्धारित प्राविधानों के अनुसार कार्ययोजना में सम्मिलित करते हुए नियमानुसार अभियान चलाकर चिन्हिंत चकमार्गाे पर कार्य प्रारम्भ कराया जाए। नव निर्मित सड़कों के किनारों वृहद स्तर पर वृक्षारोपण की कार्यवाही की जाए, जिससे पर्यावरण में सुधार हो सकें।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि चक मार्ग निर्माण हेतु संबधित विभागों, आम जनमानस व अन्य स्टेक होल्डर्स को प्रोत्साहित कर यथावश्यक सहयोग लिया जाए।- आई०जी०आर०एस० व संपूर्ण समाधान दिवस से आच्छादित प्रकरण तथा चकबंदी प्रक्रिया से बाहर जा रही ग्राम पंचायतों में चिन्हित सार्वजनिक स्थलों (यथा- चकरोड, तालाब आदि) का सर्वाेच्च प्राथमिकता पर अपेक्षित स्वरूप सृजित/निर्मित कर दिया जाए।

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