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हथकरघा क्षेत्र में गुणवत्ता, निरंतरता और प्रौद्योगिकी के उपयोग पर ध्यान दें: पीयूष गोयल

केन्‍द्रीय वाणिज्य और उद्योग; उपभोक्ता कार्य; खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने बुनकरों और कारीगरों को घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ग्राहकों के साथ अधिक से अधिक संख्‍या में जोड़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस बात की चर्चा करते हुए कि ई-कॉमर्स पहल को पूरी तरह इस्‍तेमाल किया जाना चाहिए, उन्‍होंने कहा कि हथकरघा बुनकरों और हस्तशिल्प कारीगरों को बड़ी संख्या में जीईएम पोर्टल पर शामिल करने पर जोर दिया जाना चाहिए, साथ ही साथ सभी सरकारी विभागों को अपनी सभी कपड़ा जरूरतों के लिए हथकरघा उत्पादों को खरीदना अनिवार्य बनाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने वाणिज्य, उद्योग मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय से आग्रह किया कि वे प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए साथ मिलकर काम करें।

श्री गोयल 8वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री, श्री पीयूष गोयल मुख्य अतिथि थे। समारोह में रेल और कपड़ा राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश विशिष्ट अतिथि थी।

श्री गोयल ने 35 लाख से अधिक हथकरघा श्रमिकों की जनगणना के आंकड़ों को पारदर्शिता और सत्यापन के लिए सार्वजनिक करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि हथकरघा योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे।

कपड़ा मंत्री ने हथकरघा और हस्तशिल्प के अब तक के सभी पुरस्कार विजेताओं को उनकी उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए और दूसरों को उनका अनुकरण करने के लिए प्रेरित करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए कहा। उन्होंने हथकरघा के मूल चरित्र से समझौता किए बिना नीरसता को कम करने के लिए गुणवत्ता, स्थिरता और प्रौद्योगिकी के चुनिंदा उपयोग की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। सभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री भारत में बने कला और शिल्प के सबसे बड़े ब्रांड एम्‍बेसेडर हैं, और हमेशा अपनी विदेश यात्राओं के दौरान गणमान्य व्यक्तियों को हथकरघा और हस्तशिल्प वस्तुओं को उपहार में देना पसंद करते हैं।

अपने संबोधन का समापन करते हुए, कपड़ा मंत्री ने सभी से हर घर तिरंगा अभियान में भाग लेने की अपील की, जो आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को मनाने का एक अभियान है।

इस अवसर पर सचिव (वस्त्र) श्री यू.पी. सिंह और विकास आयुक्त (हथकरघा) श्री संजय रस्तोगी भी उपस्थित थे।

इंदौर, कोलकाता, नागपुर, मेरठ और पानीपत में पांच डिजाइन संसाधन केन्द्रों का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर, 82 संत कबीर और राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार दिए गए। समारोह में देश के विभिन्‍न भागों से आए पुरस्कार विजेता और उनके परिवार तथा बुनकरों के साथ-साथ कपड़ा मंत्रालय सहित विभिन्‍न मंत्रालयों के गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। समारोह में देश के विभिन्‍न कोनों से बड़ी संख्‍या में लोगों ने भाग लिया। देश भर के हथकरघा समूह, बुनकर सेवा केन्‍द्र, भारतीय हथकरघा प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम के कार्यालय, हथकरघा निर्यात संवर्धन परिषद, हस्तशिल्प के लिए निर्यात संवर्धन परिषद और निफ्ट कैम्‍पसों ने समारोह में हिस्‍सा लिया।

डिजाइन संसाधन केन्‍द्रों के ऑडियो-विजुअल उद्घाटन के अलावा, भारत की बुनाई पर एक ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर, राज्य मंत्री, श्रीमती दर्शना विक्रम जरदोश ने इस क्षेत्र को एक भारत श्रेष्ठ भारत और ग्रामीण विकास के एक माध्यम का शानदार उदाहरण बताते हुए इसकी सराहना की और साथी नागरिकों का समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करने की अपील की, जो लंबे समय तक हमारे हथकरघा बुनकरों की आजीविका सुनिश्चित करने, हमारे बुनकर समुदाय के बीच गर्व की भावना पैदा करने और हमारी सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखना सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को नए तरीकों से इस क्षेत्र को बढ़ावा देने और प्रभावी विपणन के माध्यम से हथकरघा के व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए नए विचारों की आवश्यकता है।

सचिव (वस्त्र) ने अपने संबोधन में कहा कि हथकरघा के बुनकर मूल रूप से अपने उत्पादों के माध्यम से जादू बुनते हैं और क्षेत्र आशंकाओं के बावजूद बच गया है। उन्‍होंने आशा व्यक्त की कि यह क्षेत्र समय के साथ आगे बढ़ता रहेगा और समृद्ध होगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय देश और विदेश में हथकरघा को लोकप्रिय बनाने के प्रयास कर रहा है और राष्ट्रीय हथकरघा दिवस धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कर रहा है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने लंदन और मैड्रिड में प्रदर्शनियों का आयोजन करने की पहल की है, जहां 75 बुनाई का प्रदर्शन किया जा रहा है और 75 हथकरघा उपहार प्रवासी भारतीयों और हथकरघा में वास्तविक रुचि रखने वाले लोगों के बीच वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हथकरघा वस्‍त्र पहनने वाला व्यक्ति मूल रूप से देश की विरासत को धारण करता है।

उपरोक्त के अलावा, राष्ट्रीय हथकरघा दिवस देश भर में बुनकरों और अन्य हितधारकों को सरकार के कार्यक्रमों के बारे में जागरूक करने, योजनाओं, व्यवसाय की बदलती प्रकृति और हथकरघा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी के बढ़ते उपयोग को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए सभी बुनकर सेवा केन्‍द्रों, समूहों और हथकरघा पॉकेट्स, निफ्ट परिसरों और राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम के कार्यालयों में मनाया गया।

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