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रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के इस वर्ष 40 बिलियन डॉलर का लक्ष्य अर्जित कर लेने की उम्मीद है: पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता मामले तथा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज कहा कि रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के इस वर्ष 40 बिलियन डॉलर का लक्ष्य अर्जित कर लेने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर के कोविड से पहले के स्तर की तुलना में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने की संभावना है। श्री गोयल रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) द्वारा आयोजित भारत अंतरराष्ट्रीय आभूषण शो (आईआईजेएस) सिग्नेचर 2022 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

श्री गोयल ने कहा कि रत्न एवं आभूषण सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ है।

श्री गोयल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अपने संबोधन में कहा कि हमारे सोने एवं हीरे का व्यापार जीडीपी में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान देता है तथा 50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है। इस वर्ष जनवरी तक इसका निर्यात पहले ही 32 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है।

श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने रत्न एवं आभूषण क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाना चाहता है और सरकार ने रत्न एवं आभूषण सेक्टर को निर्यात संवर्धन के लिए फोकस सेक्टर के रूप में घोषित किया है।

श्री गोयल ने कहा कि बजट 2022 ने वैश्विक रत्न एवं आभूषण व्यापार में भारत की उपस्थिति को बढ़ाने तथा विस्तारित करने का रास्ता प्रशस्त कर दिया है:

  • तराशे तथा पॉलिश किए गए हीरों पर आयात शुल्क को 7 प्रतिशत से घटा कर 5 प्रतिशत पर ले आया गया
  • मार्च 2023 तक एमएसएमई के लिए आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीएस) का विस्तार (रत्न एवं आभूषण व्यापार में 90 प्रतिशत से अधिक इकाइयां एमएसएमई हैं)
  • स्वर्ण आयात के लिए बैंक गारंटी के स्थान पर व्यक्तिगत श्योरिटी बौंड की स्वीकृति
  • एक नई एसईजेड व्यवस्था के साथ एसईजेड अधिनियम का प्रतिस्थापन
  • अगले कुछ महीनों में ई-कॉमर्स के लिए सरल नियामकीय संरचना ई-कॉमर्स के जरिये रत्न एवं आभूषण निर्यात को सुगम बनाएगी और सुनिश्चित करेगी कि छोटे रिटेलर अपने उत्पादों को विदेशों में निर्यात कर सकें।

श्री गोयल ने कहा कि रत्न एवं आभूषण सेक्टर मेक इन इंडिया तथा ब्रांड इंडिया का एक प्रमुख उदाहरण है।

उन्होंने कहा,‘‘ मैं यह जान कर प्रसन्न हूं कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की सहायता से जीजेईपीसी रत्न एवं आभूषण उत्पादों की उत्पादकता एवं गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सामान्य सुविधा केंद्रों (सीएफसी) की स्थापना करता रहा है। ये सीएफसी अमरेली, पालनपुर, जूनागढ़, विसनगर, कोयंबटूर, कोलकाता, हैदराबाद एवं राजकोट में प्रचालनगत हैं। यह दुनिया के लिए मेक इन इंडिया के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।”

श्री गोयल ने रत्न एवं आभूषण उद्योग को घरेलू उत्पादन तथा विदेशें में बिक्री के बड़े और साहासिक लक्ष्यों को लेकर वैश्विक चैंपियन बनने का लक्ष्‍य रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

भारत-यूएई व्यापक आर्थिक साझीदारी समझौते को संदर्भित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आज की शाम इस सेक्टर द्वारा समारोह मनाने का एक अन्य कारण भी होगा। यह एक ऐसा उपहार होगा जो आने वाले कई दशकों के लिए इस क्षेत्र का त्वरित विकास सुनिश्चित करेगा।”

श्री गोयल ने कहा कि आईआईजेएस सिग्नेचर भारतीय आभूषण सेक्टर का सिग्नेचर समारोह बन गया है तथा यह पूरी दुनिया में भारत के कौशल का प्रदर्शन करता है।

आईआईजेएस सिग्नेचर 2022 प्रदर्शनी के दौरान 1,450 से अधिक बूथों में लगभग 850 प्रदर्शकों ने अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया है। इस प्रदर्शनी ने 400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों, खरीदारों और अमेरिका, यूएई, मिस्र, नेपाल तथा उजबेकिस्तान से शिष्टमंडलों सहित 14,000 से अधिक पहले से पंजीकृत आगंतुकों को आकर्षित किया है।

श्री गोयल ने कहा कि आईआईजेएस सिग्नेचर इस कैलेंडर वर्ष की एक महत्वपूर्ण आभूषण प्रदर्शनी है जो दुनिया भर के रत्न एवं आभूषण के खुदरा विक्रेताओं तथा थोक विक्रेताओं की सोर्सिंग आवश्यकताओं की पूर्ति करती है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के कारण उत्पन्न बाधाओं के बावजूद, जीजेईपीसी ने संकट को एक अवसर के रूप में रूपांतरित करने के लिए अपनी उद्यमशीलता की भावना का उपयोग किया है। जीजेईपीसी ने क्रेता-विक्रेता बैठकों, ई-इंटरनेशनल रत्न एवं आभूषण प्रदर्शनी, इंडिया ग्लोबल कनेक्ट, वेबीनार आदि जैसे वर्चुअल व्यापारिक समारोहों का आयोजन किया है।”

श्री गोयल ने कहा कि इन पहलों से उद्योग को तेजी से वापसी करने में मदद मिली है और घरेलू बिक्री तथा निर्यात दोनों को ही बढ़ावा मिला है।

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