उत्तर प्रदेश

राज्य कर्मियों के लम्बित वादों के समाधान हेतु सरकार पूरी तरह संवेदनशील: ब्रजेश पाठक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य कर्मियों के लम्बित वादों के समाधान के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। सरकार ने कर्मचारियों की सेवा सम्बंधी वादों के निराकरण हेतु शासन स्तर पर गठित फोरम को सक्रिय किया है।

यह बातें विधि एवं न्याय मंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में न्याय विभाग के उच्चाधिकारियों, राज्य कर्मचारी संघ संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी सहित विभिन्न पदाधिकारियों के साथ आयोजित समन्वय बैठक में कही। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की सेवा सम्बंधी वादों के समाधान के प्रयास किए जा रहे हंै, जिसके जल्द ही बेहतर परिणाम मिलेंगे।

श्री पाठक ने आश्वस्त किया कि 15 दिनों के अन्दर सभी विभागों से विभिन्न विवादों की सूची मंगवा कर पुनः उनके स्तर पर बैठक होगी, जिसमे अतिशीघ्र सरकारी कर्मियों की समस्याओं का निस्तारण किये जाने का निर्णय लिया जायेगा।

श्री पाठक ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में भारी संख्या में कर्मचारियों के योजित हो रहे मुकदमों के निस्तारण में जहां एक ओर अत्यधिक समय लगता है एवं भारी धनराशि का व्यय होता है वही दूसरी ओर पैरवी करने वाले कर्मचारी/अधिकारी का अनावश्यक रूप से समय बर्बाद होता है। इसके अतिरिक्त कतिपय मामलों में कर्मचारी/अधिकारी एवं उसके परिवार को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन परिस्थितियों में परस्पर बातचीत से विवाद का समाधान किये जाने पर स्थिति में सुधार की सम्भावना की जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शासन के न्याय विभाग के अनुश्रवण प्रकोष्ठ द्वारा प्रदेश भर में चार फोरमों का गठन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा नामित कर्मचारी संगठन में से एक सदस्य, मुख्य सचिव द्वारा नामित विशेष सचिव स्तर का एक अधिकारी, उच्च न्यायालय में स्थायी अधिवक्ता स्तर का एक अधिवक्ता, विभागीय प्रमुख सचिव तथा न्याय, वित्त व कार्मिक विभाग का विशेष सचिव स्तर का एक अधिकारी, सदस्य सचिव के रूप में नामित है। उन्होंने कहा कि इन फोरमों में आपसी सुलह समझौते के आधार पर विवादों का निस्तारण किया जायेगा।

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