उत्तराखंड समाचार

‘सेफ्टी फर्स्ट’ को लेकर हनीवेल सेफ स्कूल्स रोड शो हरिद्वार में सम्पन्न

हरिद्वार: सीड्स (सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी) द्वारा हनीवेल इंडिया के सहयोग से आयोजित सेफ्टी फर्स्ट-हनीवेल सेफ स्कूल्स रोड शो आज ऋषिकेश बैराज, हरिद्वार में सम्पन्न हो गया। सेफ्टी फ़र्स्ट रोड शो ने देहरादून- हरिद्वार कॉरिडोरों की यात्रा की और समुदायों के बीचजागरूकता पैदा की। बच्चों की व्यापक सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, पिछले एक महीने में, उत्तराखंड में दो जिलों की यात्रा कर यह 750 लोगों तक पहुँच गया।

हनीवेल सेफ स्कूल्स प्रोग्राम का उद्देश्य उत्तराखंड में आपदा से बचाव करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है। सबसे अधिक आबादी वाले जिलों में, देहरादून औरहरिद्वार पहले से ही भूकंप, बाढ़ और महामारी जैसे प्राकृतिक खतरों का सामना करते रहे हैं। तेजी से औद्योगिकीकरण और अनियोजित विस्तार ने इस प्रवृत्ति को और बढ़ा दियाहै।

देहरादून-हरिद्वार कॉरिडोर पर इस रोड शो का आयोजन इसलिए किया गया ताकि दोनों जिलों की आपदा की संभावना पर विचार किया जा सके। सेफ्टी फ़र्स्ट – हनीवेल सेफस्कूल्स रोड शो देहरादून से शुरू हुआ जो मसूरी रोड, राजपुर रोड और आईएसबीटी रोड से होते हुए ऋषिकेश की ओर बढ़ा और हरिद्वार में हरि की पौड़ी, पृथ्वीराज चौहान चौक, रानीपुर चौक जैसे प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हुए हरिद्वार में ही संपन्न हुआ। इसका उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण जोखिमों को उजागर करना है, चाहे वे स्कूल में हों, घर से स्कूल जा रहे हों, घर से बाहर हों और यहां तक कि जब वे घर पर हों।

सुरक्षा के संदेश को प्रसारित करने के लिए सामुदायिक समूह चर्चा और क्विज़ जैसी इंटरएक्टिव गतिविधियों के साथ- साथ स्टैंडीज, पोस्टर, और एक लघु फिल्म जैसी विजुअलसाधनों का उपयोग किया गया।

कार्यक्रम के तहत इस सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है कि कोई भी स्कूल एक इमारत से कहीं अधिक होता है। यह बच्चों के लिए सीखने, खेलने, प्रेरित होने और सुरक्षित रहने केलिए एक जगह है। यह व्यक्तिगत स्तर पर और साथ ही सामाजिक स्तर भी बच्चों की ‘सुरक्षा’ करता है – जो सभी के लिए चिंता का विषय हैं

हनीवेल सेफ स्कूल्स प्रोग्राम के बारे में :

हनीवेल सेफ स्कूल्स अग्रणी स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम है जो बच्चों को समुदायों में जागरूकता पैदा करने वाले परिवर्तन के दूत बनाने के लिए उन्हें सषक्त बनाने तथा खतरों को कमकरने की दिषा में बच्चों को आगे रखने के दृश्टिकोण को आगे बढ़ाता है। हनीवेल इंडिया की ओर से वित्त पोशित इस कार्यक्रम का कार्यान्वयन सीड्स इंडिया की ओर से कियाजाता है। इस कार्यक्रम के तहत इंजीनियरों एवं वास्तुविदों द्वारा दिल्ली सरकार के 50 स्कूलों का संरचनात्मक मूल्यांकन, बच्चों, शिक्षकों और माता-पिता के बीच जोखिम कीअवधारणा का मूल्यांकन और किसी भी प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा की स्थिति में तैयारी का मूल्यांकन षामिल है।

सीड्स के बारे में :

सीड्स (सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी) गैर-लाभकारी संगठन है जो आपदा तैयारी, प्रतिक्रिया और पुनर्वास के क्षेत्रों में व्यावहारिक समाधानों केमाध्यम से समुदायों को आपदाओं का सामना करने में सक्षम बनाता है। 1994 से, संगठन ने भारतीय उपमहाद्वीप में हर प्रमुख आपदा पर बड़े पैमाने पर काम किया है – परंपरागत ज्ञान पर अभिनव प्रौद्योगिकी तैयार करना। इसने आपदाओं और जलवायु से प्रभावित परिवारों की मदद की है; स्कूलों और घरों को मजबूत और पुनर्निर्मित किया है; और लंबे समय तक रिजिलेंस को बढ़ावा देने के लिए कौशल निर्माण, योजना और संचार में अपना विश्वास पैदा दिया है। सीड्स ग्लोबल कोर ह्युमेनिटेरियन स्टैंडर्ड द्वाराप्रमाणित भारत की पहली एजेंसी है। यह मानवतावादी प्रतिक्रिया में गुणवत्ता और उत्तरदायित्व के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणीकरण प्रणाली है।

सीड्स ने मानवता के लिए 25 साल की उत्कृष्ट सेवा पूरी कर ली है, और यह नवाचार के माध्यम से रिजिलेंस के निर्माण के अपने दृष्टिकोण को फिर से स्थापित कर रहा है। इसनेबेहतर भविष्य बनाने के लिए पूरे एशिया में सबसे कमजोर वर्ग को सशक्त बनाना जारी रखा है।

अधिक जानकारी के लिए www.seedsindia.org पर जाएं।

 

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