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आईबीबीआई ने भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड विनियमन, 2016 और भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (संशोधन) विनियमन, 2016 में किया संशोधन

नई दिल्ली: भारतीय दिवालियापन और शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालिया पेशेवर) (संशोधन) विनियमन, 2019 और भारतीय दिवालियापन व शोधन अक्षमता (दिवालियापन पेशेवर एजेंसियों के मॉडल उपनियम और प्रशासनिक बोर्ड) (संशोधन) विनियमन, 2019 से संबंधित नियमों को अधिसूचित कर दिया है।

भारतीय दिवालियापन और शोधन अक्षमता बोर्ड (दिवालियापन पेशेवर) (संशोधन) विनियमन, 2019 द्वारा प्रभावी मुख्य संशोधन इस प्रकार हैं:

  • एक दिवालियापन पेशेवर, अंतरिम समाधान पेशेवर, समाधान पेशेवर, परिसमापक, दिवालिया ट्रस्टी, अधिकृत प्रतिनिधि या दिवालियापन और शोधन अक्षम संहिता, 2016 के अंतर्गत किसी अन्य भूमिका के रूप में कोई कार्य न तो स्वीकार करेगा और न ही करेगा, जब तक उसे उसकी दिवालियापन पेशेवर एजेंसी द्वारा ‘कार्य के लिए प्राधिकार’ नहीं दिया जाता है। यह 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी है।
  • दिवालियापन पेशेवर को जब तक ‘कार्य के लिए प्राधिकार’ मिला हुआ है या जब वह कोई सौंपा गया कार्य कर रहा हो, तब तक वह किसी रोजगार से नहीं जुड़ेगा। इससे वह किसी रोजगार से जुड़े होने के दौरान भी दिवालियापन पेशेवर के रूप में पंजीकरण कराने में सक्षम हो जाएगा। हालांकि, अगर वह एक ‘कार्य के लिए प्राधिकार’ चाहता है तो उसे रोजगार से अलग होना चाहिए। अगर वह रोजगार को जारी रखना चाहता है तो वह ‘कार्य के लिए प्राधिकार’ को छोड़ सकता है।
  • जब एक दिवालियापन पेशेवर ने एक कॉर्पोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया पूरी की हो तो वह और उसके संबंधी इस प्रक्रिया के पूरी होने की तारीख से एक साल गुजरने तक 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले कर्जदार, सफल समाधान (रिजॉल्युशन) आवेदन, कर्जदार कंपनी या किसी तीसरे पक्ष के साथ खुली प्रतिस्पर्धा के माध्यम से मिली नियुक्ति से इतर रोजगार से नहीं जुड़ेंगे या किसी तरह की पेशेवर सेवाएं नहीं देंगे।
  • दिवालियापन पेशेवर सौंपे गए किसी काम से जुड़े कार्य से नहीं जुड़ेगा और न ही अपेन संबंधियों या संबंधित पक्षों को नियुक्त कराएगा.

भारतीय दिवालियापन और शोधन अक्षम बोर्ड (दिवालियापन पेशेवर एजेंसियों के मॉडल उपनियम और प्रशासनिक बोर्ड) (संशोधन) विनियमन, 2019 द्वारा प्रभावी मुख्य संशोधन इस प्रकार हैं:

  • एक दिवालियापन पेशेवर एजेंसी इसके उपनियमों के क्रम में दिवालियापन पेशेवरों को ‘कार्य के लिए प्राधिकार’जारी/नवीकरण करेगी।
  • दिवालियापन पेशेवर की उम्र यदि 70 वर्ष से ज्यादा नहीं हुई है, तो अन्य शर्तों को पूरा करते हुए वह ‘कार्य के लिए प्राधिकार’ पाने का पात्र होगा।
  • अन्य शर्तों को पूरा करते हुए कोई व्यक्ति किसी दिवालियापन पेशेवर एजेंसी के प्रशासनिक बोर्ड में 75 वर्ष की उम्र तक स्वतंत्र निदेशक के रूप में काम कर सकता है।

ये संशोधन विनियमन 23 जुलाई, 2019 तक प्रभावी हैं। ये www.mca.gov.in और www.ibbi.gov.in पर उपलब्ध हैं।

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