उत्तर प्रदेश

कृषकों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने में दुग्ध उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका: धर्मपाल सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री श्री धर्मपाल सिंह द्वारा आज से आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 100 दिवसीय मिशन ए0आई0 अभियान (75 लाख कृत्रिम गर्भाधान) का शुभारम्भ जनपद बाराबंकी के हिन्द इस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइन्सेज से किया गया, जिसके अंतर्गत पशुपालकों के द्वार पर निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जायेगी। इस अवसर पर पशुधन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कृषकों/पशुपालकों की आय दोगुनी करने के लिए दृढ़संकल्पित है। इसमें ए0आई0 अभियान द्वारा उन्नत प्रजनन सुविधा से उच्चगुणवत्तायुक्त संतति प्राप्ति से जहां प्रदेश का कुल दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा, वहीं कृषकों की आय में वृद्धि होगी।
पशुधन मंत्री ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए समस्त जनप्रतिनिधियों/जिला प्रशासन एवं स्थानीय प्रशासन से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि गोवंश सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इस हेतु 6408 विभिन्न गोआश्रय स्थलों में लगभग 09 लाख गोवंश को संरक्षित करने के साथ-साथ 1.50 लाख गोवंश को सुपुर्दगी में प्रतिमाह भरण पोषण धनराशि रु0 900 प्रति गोवंश/प्रतिमाह उपलब्ध करायी गई।
इस अवसर पर मंत्री द्वारा मैत्री संदर्भ पुस्तिका का विमोचन किया गया, तदोपरान्त प्रदेश के तीन पैरावेट्स जिनके द्वारा सर्वाेत्तम कृत्रिम गर्भाधान कार्य को इनाफ पर अपलोड किया गया है। श्री संतोष कुमार गुप्ता, हाटा, जनपद-कुशीनगर, श्री संतोश कुमार, गुन्नौर, जनपद संभल एवं श्री कृष्ण गोपाल सिंह, सकलडीहा, जनपद चन्दौली को क्रमशः पुरस्कार स्वरूप प्रथम 21 हजार, द्वितीय 11 हजार तथा तृतीय 5100 के साथ प्रशस्ति पत्र दिया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की जानकारी दिए जाने हेतु भेजे जाने वाले पत्र का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम में गोकुल पुरस्कार अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष के 5000 ली0 या इससे अधिक दूध, दुग्ध समिति में आपूर्ति किया गया को राज्य स्तरीय प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने वाले लाभार्थी को 02 लाख रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को 1.5 लाख रुपये एवं जनपद स्तरीय लाभार्थी को रु0 51,000 की धनराशि तथा शील्ड एवं प्रमाण पत्र प्रदान से पुरस्कृत किया गया।
इसके अतिरिक्त दुग्ध विकास के अंतर्गत देशी गाय के दूध में वृद्धि करने हेतु कृषकों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए नन्दबाबा पुरस्कार का वितरण अंतर्गत राज्य स्तर पर पुरस्कार प्राप्त करने वाले लाभार्थी को 51,000 रुपये, जनपद स्तरीय लाभार्थी को 21,000 रुपये एवं विकास खण्ड स्तरीय लाभार्थी को 51,00 की धनराशि एवं शील्ड तथा प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 75 लाख कृत्रिम गभा्रधान की सफलता मील का पत्थर साबित होगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश में गोवंश की सुरक्षा के प्रति सभी को जागरूक रहने तथा गोवंश का अधिक से अधिक पालन करने का भी आहवान किया गया।
इसके अतिरिक्त प्रदेश में गोकुल पुरस्कार तथा नन्द बाबा पुरस्कार के संबंध में अवगत कराते हुए पुरस्कार प्राप्त करने वाले लाभार्थियों का स्वागत भी किया गया। डा0 रजनीश दुबे अपर मुख्य सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास ने प्रदेश के समस्त कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं तथा पशुपालकों से इस कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अथक प्रयास एवं सहयोग किए जाने, कार्यक्रम की सघन अनुश्रवण हेतु भी निर्देशित किया गया तथा इसकी समीक्षा जनपद स्तर पर यथा समय किये जाने की अपेक्षा की गयी। यह भी अवगत कराया गया कि 2000 तथा 3000 गोवंश क्षमता के बृहद गोआश्रय स्थलों के निर्माण हेतु लेआउट/डिजाईन तथा उक्तानुसार आंगणन पी0डब्लूण्डी0 के सहयोग से तैयार कराया गया है। 200 गोवंश क्षमता के आश्रय स्थल हेतु 27 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी वहीं उसके निर्माण पर रू0 8.33 करोड़ की लागत आंगणित की गयी है। 3000 गोवंश क्षमता के आश्रय स्थल हेतु 40 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी वहीं उसके निर्माण पर रू0 12.08 करोड़ की लागत आंगणित की गयी है। विकास खण्ड स्तरीय बृहद गो-संरक्षण केन्द्रों की स्थापना होने पर इन गोआश्रय स्थलों पर सी0बी0जी0 प्लान्ट की स्थापना आदि मूल्यवर्द्धक कार्यक्रम भी संचालित कराए जायेंगे। यह भी अवगत कराया कि उ0प्र0 में लम्पी स्किन डिजीज से नियंत्रण प्राप्त कर लिया गया है।
कार्यक्रम में श्री शशि भूषण लाल सूशील, दुग्ध आयुक्त, उ0प्र0 शासन, श्री देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, विशेष सचिव, पशुधन, श्री अविनाश कुमार, जिलाधिकारी, बाराबंकी, डा0 इन्द्रमनि, निदेशक, प्रशासन एवं विकास, डा0 प्रमोद कुमार सिंह, निदेशक, रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र, पशुपालन विभाग, डा० अरविन्द कुमार सिंह, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद, डा० जे०एन० पाण्डेय, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, बाराबंकी एवं अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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