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भारतीय तटरक्षक बल ने लापता ​नौका ​​’​मर्सिडीज​’​ का पता लगाया

भारतीय तटरक्षक बल ने खुले सागर में 24 अप्रैल 2021 को व्यापक स्तर पर शुरू किए गए अपने एक और सफल खोज और बचाव अभियान के तहत गोवा से लगभग 1100 किमी (590 मील) की दूरी पर तमिलनाडु की लापता मछली पकड़ने वाली नाव का पता लगा लिया है। मछली पकड़ने वाली यह नाव तमिलनाडु के थेंगापट्टनम फिशिंग बंदरगाह से 30 दिनों की यात्रा के लिए केरल के 11 चालक दलों के साथ 06 अप्रैल 21 को गहरे सागर में मछली पकड़ने के लिए रवाना हुई थी। 24 अप्रैल 2021 को तमिलनाडु के मत्स्यपालन अधिकारियों ने इस क्षेत्र में संचालित अन्य मछली पकड़ने वाली नौकाओं द्वारा नाव के मलबे को देखने के बाद मर्सिडीज के डूबने की जानकारी दी थी।

भारतीय तटरक्षक बल के मुंबई स्थित मैरीटाइम रेस्क्यू को-ऑर्डिनेशन सेंटर (एमआरसीसी) ने इस समुद्री क्षेत्र से होकर गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों को लापता नाव की जानकारी देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नेट को सक्रिय किया। इसके साथ ही, इस क्षेत्र में तैनात आईसीजीएस समुद्री प्रहरी को भी इसकी खोज के लिए भेज दिया गया। एमआरसीसी (मुंबई) ने इस क्षेत्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं के साथ व्यापारिक जहाज मेर्सक हॉर्सबर्ग के साथ भी समन्वय किया ताकि खोज अभियान में इन्हें शामिल किया जा सकें। रिपोर्ट से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस नौका की उपस्थिति पाकिस्तान के खोज और बचाव वाले क्षेत्र में स्थित थी, इसलिए प्रचलित आईएमओ मानदंडों के अनुसार एमआरसीसी कराची से भी सहायता के लिए अनुरोध किया गया था। जमीनी क्षेत्र से समुद्री दूरी को ध्यान में रखते हुए, भारतीय नौसेना से भी लंबी दूरी के समुद्री विमान के माध्यम से खोज करने का अनुरोध किया गया था। यह भी जानकारी मिली कि मछली पकड़ने वाली इस नाव में एआईएस अथवा किसी अन्य ट्रांसपोंडर को नहीं ले जाया गया था, जिनके माध्यम से खोज इकाइयों द्वारा नाव का शीघ्र पता लगाने में सहायता प्राप्त की जा सकती थी।

मुख्य भूमि से दूरी और मौसम की चुनौतियों के बावजूद भी, लगातार चार दिनों की खोज के बाद, यह पता लगा लिया गया कि लापता नाव लक्षद्वीप द्वीप समूह से लगभग 200 मील (लगभग 370 किलोमीटर) की दूरी पर स्थित थी। आईसीजी डॉर्नियर ने आज सुबह मछली पकड़ने वाली नाव की उपस्थिति की पुष्टि भी कर दी। एमआरसीसी (मुंबई) ने नाव में उपस्थित सैटेलाइट फोन के माध्यम से मछली पकड़ने वाली नाव के सदस्यों के साथ संचार स्थापित करते हुए चालक दल के सुरक्षित होने का पता लगाया। इसके साथ ही, तमिलनाडु मत्स्यपालन अधिकारियों से भी यह जानकारी मिली कि आईएफबी मर्सिडीज के चालक दल ने सैटेलाइट फोन के माध्यम से अपने घर फोन करके सुरक्षित होने की जानकारी दी है। इसके बाद लक्षद्वीप में तैनात आईसीजी जहाज के चालक दल को रसद और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए भेजा गया। अब आईसीजी जहाज के एस्कॉर्ट में यह नाव अपने बेस पोर्ट पर लौट रही है और 03 मई 21 के आसपास तक यहाँ पहुंच जाएगी।

नेशनल मैरीटाइम सर्च एंड रेस्क्यू कोऑर्डिनेटर के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने अपने 3400 से अधिक मिशनों में करीब 10,000 लोगों का जीवन बचाया है और औसतन लगभग दो दिनों में एक व्यक्ति के जीवन की रक्षा की है। भारतीय तटरक्षक बल गहरे सागर में मछली पकड़ने वाले मछुआरों को उनकी सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एआईएस, डिसट्रैस एलर्ट ट्रांसपोंडर और लंबी दूरी के दो तरफा संचार तंत्र को दुरूस्त बनाए रखने की सलाह देता है।

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