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फिनटेक अपनाने की भारत की 87 प्रतिशत की दर 64 प्रतिशत के वैश्विक औसत के मुकाबले दुनिया में सर्वाधिक: पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत दुनिया में सबसे बड़े डिजिटल बाजारों में से एक बनने के लिए तैयार है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये द्वितीय ग्लोबल फिनटेक फेस्ट-2021 को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, ‘ फिन टेक अपनाने की भारत की 87 प्रतिशत की दर 64 प्रतिशत के वैश्विक औसत के मुकाबले दुनिया में सर्वाधिक है।‘

श्री गोयल ने कहा कि, ‘ मई 2021 तक, भारत के यूनाईटेड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) में 224 बैंकों की भागीदारी हुई है और 68 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के बराबर के 2.6 बिलियन लेनदेन दर्ज किए गए तथा अगस्त, 2021 में अब तक का सर्वाधिक 3.6 बिलियन से अधिक का लेनदेन दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, ‘पिछले वर्ष एईपीएस (आधार सक्षम  भुगतान प्रणाली) का उपयोग करने के जरिये 2 ट्रिलियन से अधिक के लेनदेन प्रोसेस किए गए।‘

मंत्री ने कहा, भारत का फिनटेक उद्योग विशेष रूप से, लॉकडाउन तथा कोविड की दूसरी लहर के दौरान, महामारी से लोगों के बचाव के लिए आया और उन्हें उनके घरों की सुरक्षा के साथ महत्वपूर्ण गतिविधियों को कार्यान्वित करने में सक्षम बनाया।

उन्होंने कहा, ‘ जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं, ‘ प्रत्येक संकट को अवसर में रूपांतरित किया जा सकता है, ‘ अब नागरिकों को बैंकों के पास जाने की आवश्यकता नहीं है, बैंक उनके घरों तथा उनके मोबाइल फोनों तक चल कर आ गया है।‘

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व के तहत, जब कार्यभार संभालने के बाद 15 अगस्त, 2014 को अपने पहले स्वतंत्रता दिवस भाषण में, उन्होंने जन धन योजना की घोषणा की थी, तबसे ही भारत में मिशन मोड में डिजिटिल रूपांतरण शुरु हो गया। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत 2 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं जिसे एक विश्व रिकॉर्ड माना गया है।

‘डीबीटी के अतिरिक्त, जेएएम ट्रिनिटी से पारदर्शिता, सत्यनिष्ठता और भारत की विशाल आबादी के लिए वित्तीय लाभों तथा सेवाओं का समय पर वितरण सुनिश्चित हुआ है। जेएएम ट्रिनिटी ने फिनटेक सेक्टर को विकसित करने के लिए भारत को अपनी तकनीकी क्षमताओं का लाभ उठाने में सक्षम बनाया है।‘

मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन के तहत शीघ्र ही भारत के प्रत्येक गांव में हाई स्पीड इंटरनेट होगा तथा इस शक्ति का लाभ भारत को एक फिनटेक इनोवेशन हब बनाने के लिए उठाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि मोबाइल और इंटरनेट नेटवर्कों के त्वरित विस्तार के साथ भारत दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल बाजारों में से एक बनने के लिए तैयार है। जैसाकि भारत का लक्ष्य आत्म निर्भर बनना है, हम चाहते हैं कि हमारे उद्योग और उद्यमी वैश्विक रूप से विपणन योग्य समाधानों का उत्पादन करने के लिए स्थानीय प्रतिभा का उपयोग करें।

श्री गोयल ने कहा कि आज फिनटेक में मोबाइल ऐपों, ई-कॉमर्स स्टोर्स तथा कई अन्य डिजिटल अवसंरचनाओं के लिए निवेश लाने की क्षमता है।

उन्होंने कहा कि, ‘ फिनटेक सेक्टर में निवेश का प्रवाह 2016 में इसके आरंभ होने के बाद से बढ़कर 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है और इसमें इसे और अधिक बढ़ाने की विशाल क्षमता है। इसी के साथ-साथ, यह ग्राहक अनुभवों में भी बढोतरी करेगा। आपकी शक्ति को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्ट अप प्रणाली से बढ़ावा मिलेगा जो विकास के लिए आतुर है।

एक दिलचस्प घटनाक्रम इम्बेडेड फाइनेंस का सामने आना है। आज गैर-वित्तीय सेवा क्षेत्र भी फिनटेक सॉल्यूश्ंस को अपनाने में बहुत सक्रिय हैं।

श्री गोयल ने कहा कि उनकी मूल्य श्रृंखलाओं के विस्तार के साथ, हमें अधिक से अधिक उपयोग करने की आवश्यकता है जिससे फिनटेक सेवाओं की और अधिक समानुपातिक वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि हमारे एमएसएमई ने भी बहुत तेजी से ऋण, भुगतान, लेखांकन और कर जमा करने आदि के लिए फिनटेक सॉल्यूश्ंस को अपना लिया है। सरकार ने अभी हाल में ओपेन क्रेडिट इनेबलमेंट नेटवर्क (ओसीईएन) तथा अकाउंट एग्रेगेटर (एए) फ्रेमवर्क लांच किया है। ये सर्वाधिक निर्बल वर्गों, विशेष रूप से छोटे व्यवसायों को औपचारिक ऋण प्रवाह में सक्षम बनाते हैं, वितरण लागत को कम करने के जरिये वित्तीय संस्थानों के लिए बड़े वर्गो तक पहुंचने में सुगमता लाते हैं और अब संस्थान छोटे पुनर्भुगतान चक्रों के साथ छोटे ऋण दे सकते हैं।

वाणिज्य मंत्री ने कहा कि भारत 2,100 से अधिक फिनटेक के साथ आज सबसे तेज गति से बढ़ने वाला फिनटेक बाजार है।

उन्होंने कहा, ‘ बहुत से भारतीय फिनटेक बाजार आज यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य वाली स्टार्ट अप कंपनी) हैं और भारत के बाजार का वर्तमान मूल्य 31 बिलियन डॉलर आंका जाता है अरैर इसके 2025 तक 84 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है।‘

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