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खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने विश्व जनजाति दिवस पर राजस्थान में 50 लेदर-किट और 350 बी-बॉक्स वितरित किए

नई दिल्ली: खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने विश्व जनजाति दिवस पर राजस्थान के जनजाति बहुल सिरोही जिले में 50 लेदर-किट और मधुमक्खी पालन के लिए 350 बी-बॉक्स वितरित किए। उल्लेखनीय है कि सिरोही जिला नीति आयोग द्वारा चिह्नित भारत के आकांक्षी जिलों में शामिल है।

ग्रामीणों को संबोधित करते हुए केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि लेदर मिशन, कुम्हार सशक्तिकरण मिशन और हनी मिशन जैसे कार्यक्रमों से समाज में सीमान्त समुदायों के जीवनस्तर को ऊपर उठाने के लिए केवीआईसी की प्रतिबद्धता व्यक्त होती है।   http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/acb5daa7-8d8d-4fc0-8e22-127f28693d8fKJJP.JPG

श्री सक्सेना ने कहा कि विश्व जनजाति दिवस पर जनजाति बहुल गांव चंडेला से ‘लेदर मिशन’ नामक नया कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस नए कार्यक्रम के तहत केवीआईसी देश भर में चमड़ा दस्तकारों को लेदर-किट वितरित करेगी। इससे न केवल उनकी आय कई गुना बढ़ेगी, बल्कि उन पारंपरिक चर्म दस्तकारों को प्रेरणा भी मिलेगी, जो अपना पारंपरिक कौशल छोड़कर अन्य काम-धंधों की तलाश में बाहर चले गए हैं।

समारोह में मधुमक्खी पालन के लिए 350 बी-बॉक्स वितरित किए गए। हनी मिशन ने किसानों, अनुसूचित जातियों/ अनुसूचित जनजातियों और बेरोजगार युवाओं के जीवन में भारी बदलाव किया है। अब तक केवीआईसी ने देशभर में सीमांत समुदायों के बीच 1.15 लाख से अधिक बी-बॉक्स वितरित किए हैं। इससे 11,500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इस कदम से न केवल मधुमक्खी पालकों की आय में इजाफा हुआ है, बल्कि मधुमक्खियों द्वारा पराग-कण एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के कारण फसल उत्पादन में भी 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

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