ओडिशा में पिछले चार वर्षों में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई दोगुनी से अधिक हुई
नई दिल्ली: ओडिशा में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई पिछले चार वर्षों में दोगुनी से अधिक हुई है। राज्य में 2014 में राजमार्गों की लंबाई 4632 किलोमीटर थी, जो 2018 में बढ़कर 9426 किलोमीटर हो गई। आज जगतसिंहपुर में जन सभा को संबोधित करते हुए केन्द्रीय सड़क परिवहन तथा राजमार्ग, जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि केन्द्र राज्य में राजमार्ग बनाने के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहा है। मजबूत परिवहन प्रणाली की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार परिवहन के सभी तरीकों – राष्ट्रीय राजमार्ग, जल मार्ग तथा समुद्री मार्ग को मजबूत बनाने का काम कर रही है, ताकि ओडिशा खनन संपदा राज्य के रूप में अपनी क्षमता का पूरा दोहन कर सके। श्री गडकरी 132 किलोमीटर लंबी 2345 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के भूमि पूजन के लिए आज ओडिशा में थे। इन परियोजनाओं में राष्ट्रीय राजमार्ग 200/23 के तालचर-कामाख्यानगर सेक्शन, राष्ट्रीय राजमार्ग 200 के कामाख्यानगर-ढुबरी तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 200 के ढुबरी-चांदीखोल सेक्शन का चार लेन का बनाना शामिल हैं। पारादीप बंदरगाह पर 413 करोड़ रुपये की बंदरगाह परियोजना का उद्घाटन तथा 3206 करोड़ रुपये की छह परियोजनाओं की आधारशिला रखी। श्री गडकरी के साथ केन्द्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, कौशल तथा उद्यमियता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान भी थे।
श्री गडकरी ने कहा कि ओडिशा में 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाएं पूरी की गई है। इनमें संबलपुर-बरगड़, पानीकोइली-रेमुली तथा भुवनेश्वर-पुरी राजमार्ग को चार लाइन का बनाना, भुवनेश्वर-चांदीखोल राष्ट्रीय राजमार्ग को छह लेन का बनाना, झारसुगुड़ा शहर तक राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन का बनाना, राष्ट्रीय राजमार्ग – 57, राष्ट्रीय राजमार्ग – 59 पर पुलों का निर्माण/सुदृढीकरण करना शामिल है। उन्होंने बताया कि भारतमाला के अंतर्गत 30 हजार करोड़ रुपये की लागत से 1645 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का प्रस्ताव है, जिसमें प्रमुख शहरों के आसपास 93 किलोमीटर का रिंग रोड शामिल है। इनकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है। तटीय राजमार्ग, राउरकेला में ब्राह्मणी नदी पर दूसरा पुल बनाने तथा भूमि अधिग्रहण, वन एवं पर्यावरण मंजूरी जैसे कारणों से रूकी परियोजनाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने राज्य से आवश्यक मंजूरियां प्राप्त करने में सहयोग देने का आग्रह किया।
श्री गडकरी ने घोषणा की कि 5,000 करोड़ रुपये की लागत से करीमनगर से धमरा तथा पारादीप तक महानदी तथा ब्राह्मणी नदी को मिलाकर 262 किलोमीटर लंबा जल मार्ग विकसित किया जाएगा। यह जलमार्ग 200 लाख टन कार्गो भेजा जाएगा और राज्य के लिए पासा पलटने जैसा होगा। जल मार्ग ओडिशा में कोयला, लोहा तथा इस्पात तथा अन्य उद्योगों को प्रोत्साहन देगा और अन्य उद्योगों के लिए रोजगार का अवसर प्रदान करेगा। राज्य में बंदरगाहमुखी औद्योगिकीकरण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सागरमाला के अंतर्गत 20,000 करोड़ रुपये की 34 परियोजनाओं की पहचान की गई है। पारादीप बंदरगाह की क्षमता लगातार बढ़ रही है और इससे राज्य में समृद्धि आएगी।