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मातृभूमि के प्रति प्रेम और संस्कृति के प्रति सम्मान महत्वपूर्ण है- मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

छत्रपती शिवाजी महाराज की प्रेरणा को केंद्रबिंदु मानकर केंद्र और राज्य सरकारें काम कर रही है। इंफ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग, बड़े प्रोजेक्ट, भौतिक सुविधाओं के साथ-साथ अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम, संस्कृति के प्रति सम्मान भी उतना ही जरूरी होने की भावना महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अगस्त क्रांति मैदान में राज्य स्तरीय समारोह ‘अमृत कलश यात्रा’ के आयोजन मे व्यक्त की।

राज्य सरकार के सांस्कृतिक कार्य विभाग, सांस्कृतिक कार्य निदेशालय और बृहन्मुंबई नगर निगम की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर ‘मेरी माटी मेरा देश’ (माझी माती माझा देश) अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अगस्त क्रांति मैदान में राज्य स्तरीय समारोह ‘अमृत कलश यात्रा’ का आयोजन किया गया था ।  जिसमे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बोल रहे थे।

             सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, ग्रामीण विकास मंत्री गिरीश महाजन, कौशल विकास, रोजगार, उद्यमिता, नवाचार मंत्री और मुंबई उपनगर के संरक्षक मंत्री मंगलप्रभात लोढ़ा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और प्रमुख सचिव सांस्कृतिक कार्य विभाग विकास खारगे, शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव के. गोविंदराज, ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव एकनाथ डावले, बृहन्मुंबई नगर निगम के आयुक्त और प्रशासक डॉ. इकबालसिंह चहल, मुंबई शहर कलेक्टर राजेंद्र क्षीरसागर, मुंबई उपनगरीय जिला कलेक्टर डॉ. राजेंद्र भोसले, नेहरू युवा केंद्र के राज्य समन्वयक राजेंद्र मालुरे आदि उपस्थित थे।

             मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि अगस्त क्रांति मैदान एक ऐतिहासिक मैदान है. यहीं से ‘भारत छोड़ो’ का नारा पूरे देश को दिया।  9 अगस्त को इसी मैदान से ‘मेरी माटी मेरा देश’ पहल की शुरुआत की गई थी. ‘मेरी माटी मेरा देश’ एक कार्यक्रम है जो राष्ट्रवाद और देशभक्ति को प्रोत्साहन देता है।

             राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से काम कर रही है। विदेशी निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर में महाराष्ट्र अग्रसर रहा है। जैसे-जैसे देश की अर्थव्यवस्था विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर छलांग लगा रही है, महाराष्ट्र की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है। मुख्यमंत्री श्री.शिंदे ने कहा कि हमारा प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन है।

             गांवों से एकत्रित की गई मिट्टी को अमृतकलशों के माध्यम से मुंबई में आज लाया गया है। इस समय सभी ने अमृत कलशों का स्वागत किया और बडे आनंद से भाग लिया। अमृत कलश को नई दिल्ली स्थित अमृत वाटिका ले जाया जाएगा. इस स्थान पर देशभर से लाई गई मिट्टी एकत्र की जाएगी। एकता की सच्ची भावना यहीं देखने को मिलेगी. राज्य के सांस्कृतिक कार्य विभाग ने एक अच्छी योजना बनाई है और इसके लिए उन्होंने विभाग के मंत्री सुधीर मुनगंटीवार और उनके सभी सहयोगियों सराहना की ।

           मुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा की,  शिव राज्याभिषेक दिवस के 350 वर्ष पूरे हुए है। हम जल्द ही शिवकालीन “वाघनख” (Tiger Claw) को राज्य में ला रहे हैं।

             मंत्री श्री. मुनगंटीवार ने कहा कि आजादी का अमृत हमें शहीदों और वीरांगनाओं ने दिया है. यह कलश सुराज्य द्वारा किया जाना है। यह समय हर किसी के लिए अपने राज्य और देश के प्रति योगदान देने का है।’ हमें ऐसे प्रधानमंत्रियों और मुख्यमंत्रियों का सौभाग्य प्राप्त है जो आम आदमी के हित में काम करते हैं।

             मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और प्रमुख सचिव सांस्कृतिक कार्य विभाग विकास खारगे ने कहा हम देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को याद कर उन्हे नमन करते है।  हमने सभी गांवों और शहरों में विभिन्न कार्यक्रमआयोजित किए। हमारा राज्य देश में अग्रणी है। अमृत कलश यात्रा के लिए राज्य से 414 कलश लगभग 900 स्वयंसेवकों के साथ एक विशेष रेले व्दारा दिल्ली जा रहे हैं।

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