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राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गैलियम नाइट्राइड प्रौद्योगिकी केंद्र – जीईईसीआई, बेंगलुरु की समीक्षा की

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु में गैलियम नाइट्राइड परितंत्र सक्षम केंद्र और इनक्यूबेटर (जीईईसीआई) सुविधा का दौरा किया। इस सुविधा केंद्र की स्थापना इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और आईआईएससी, बेंगलुरु द्वारा संयुक्त रूप से की गई है, जिसका उद्देश्य विशेष रूप से रणनीतिक अनुप्रयोगों सहित आरएफ और बिजली अनुप्रयोगों के लिए जीएएन आधारित डेवलपमेंट लाइन फाउंड्री सुविधा स्थापित करना है।

केंद्रीय मंत्री ने परियोजना की प्रगति की समीक्षा करने और सुविधा केंद्र का निरीक्षण करने के बाद इसके महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “अगले 2 से 3 साल में गैलियम नाइट्राइड (जीएएन) को ई-वाहनों और बेतार संचार को सक्षम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने आईआईएससी सीईएनएसई फैब में निर्मित जीएएन ट्रांजिस्टर को भी देखा।

उभरती प्रौद्योगिकियों में रणनीतिक क्षमताओं का निर्माण वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में से एक है। इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 1000 दिनों का एमईआईटीवाई विज़न तैयार किया है जिसमें एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में हाईटेक / रणनीतिक टेक शामिल है। गैलियम नाइट्राइड प्रौद्योगिकी 5जी, अंतरिक्ष और रक्षा अनुप्रयोग के लिए अपने अनुप्रयोग के साथ रणनीतिक महत्व की है।

केंद्रीय राज्य मंत्री ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में हाल ही में सामने आए कोविड से उत्पन्न व्यवधानों के बारे में बात की और बताया कि कैसे पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार राष्ट्र के सामने आए इस अवसर को भुनाने के लिए प्रतिबद्ध है – क्योंकि दुनिया एक नए और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला भागीदार की तलाश कर रही है।

श्री राजीव चंद्रशेखर ने भारत में सेमी कंडक्टर फैब इकाइयों की स्थापना और भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए हाल ही में घोषित 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि, “इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेमीकंडक्टर डिजाइन के क्षेत्र में जबरदस्त अवसर है।”

श्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि, “डिजिटल इंडिया और देश में फैब्स के सपने को साकार करने के लिए सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में आईआईएससी और आईआईटी जैसे हमारे संस्थानों में अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास, शिक्षा और प्रशिक्षण आवश्यक है।”

प्रौद्योगिकी के स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए आईआईएससी में फैब मॉडल अत्याधुनिक इनक्यूबेशन होगा, और इस तरह सेलुलर बुनियादी ढांचे और रणनीतिक प्रौद्योगिकियों में तैनाती को प्रोत्साहित करेगा।

पीएलआई और डीएलआई योजनाओं के साथ, जीएएन परितंत्र नवाचार को आगे बढ़ाएगा। यह स्टार्टअप्स और उद्यमियों को अगले दो वर्षों में व्यवसाय और प्रौद्योगिकी को गंभीरता से लेने के लिए प्रोत्साहित करेगा। पहला स्टार्टअप एजीएनआईटी सेमीकंडक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड को पहले ही एसआईडी, आईआईएससी के इनक्यूबेटर टीबीआई-आईएनसीईएनएसई में इनक्यूबेट किया जा चुका है। इसने एंजेल फंडिंग के अपने पहले दौर को बढ़ाया है। जीईईसीआई के बनाए गए बुनियादी ढांचे का लाभ उठाने वाला यह पहला स्टार्टअप होगा।

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