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ममता दीदी को मोदी देंगे उपहार, भारतीय रेलवे ने कर ली तैयारी

धनबाद: जी हां, राजनीतिक मतभेद और चुनावी अखाड़े में तल्खी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी उपहार देने जा रहे हैं।

यह उपहार होगा ट्रेन-18 का। भारतीय रेलवे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल के शहर हावड़ा तक वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। सबकुछ योजना के मुताबिक रहा तो इसी वर्ष हावड़ा से वाराणसी के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ सकती है। इससे पहले रांची से हावड़ा के बीच भी धनबाद होकर वंदे भारत चलाने की योजना बन चुकी है। रूट स्वीकृति के साथ संभावित टाइम टेबल भी जारी कर दिया गया है। हावड़ा से वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत धनबाद होकर गुजरने वाली दूसरी ट्रेन होगी।

160 की रफ्तार चलेगी वंदे भारत एक्सप्रेस

हावड़ा से नई दिल्ली के बीच 160 की रफ्तार से सेमी हाई स्पीड ट्रेनें चलाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए पूर्व रेलवे हावड़ा से प्रधानखंता और पूर्व मध्य रेल प्रधानखंता से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक ट्रैक के मजबूतीकरण के साथ सिग्नल प्वाइंट का दायरा विस्तार करने, पुल-पुलिया और ब्रिज की क्षमता जांच कर उन्हें मजबूत करने, ओवरहेड तार को अधिक क्षमता युक्त बनाने के साथ ही रेलवे ट्रैक के दोनों किनारे ऊंची दीवार भी खड़ी की जा रही है। धनबाद रेल मंडल के दायरे वाले प्रधानखंता से बंधुआ तक तकरीबन 200 किमी हिस्से में अलग-अलग जगहों पर रेलवे ट्रैक के किनारे बाउंड्री खड़ी हो रही है। अब तक 22 किमी लंबी दीवार खड़ी की जा चुकी है। सेमी हाई स्पीड ट्रेन के लिए तैयार हो रहे रेलवे ट्रैक पर ही वंदे भारत एक्सप्रेस दौड़ेगी जिसकी अधिकतम रफ्तार 160 किमी की होगी।

रेल मंत्री ने साझा की जानकारी

मंगलवार को बजट पेश होने के बाद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत एक्सप्रेस से जुड़ी अहम जानकारियां भी साझा की हैं। बताया है कि वंदे भारत ट्रेन 180 की रफ्तार से चलने में सक्षम हैं। नये आधुनिक रैक का निर्माण शुरू हो चुका है और अप्रैल से टेस्टिंग शुरू हो जाएगी। बदट में अगले तीन साल में 400 वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की गई है।

निजी आपरेटर को सौंपी जा सकती है जिम्मेदारी

हावड़ा से वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस निजी आपरेटर को सौंपी जा सकती है। रेलवे ने इस बारे में फिलहाल स्थिति साफ नहीं की है। पर इस ट्रेन को भारत गौरव ट्रेन के तौर पर पटरी उतारा जा सकता है। रेलवे ने थीम आधारित भारत गौरव ट्रेन चलाने की घोषणा नवंबर में ही कर दी है। हावड़ा से वाराणसी के बीच पारसनाथ, बोधगया और वाराणसी में काशी विश्वनाथ जैसे कई धार्मिक स्थल हैं। ऐसे में भारत गौरव ट्रेन निजी आपरेटर को लुभाने में कामयाब हो सकती है।

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