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श्री मनसुख मंडाविया ने भारतीय समुद्री क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ वार्तालाप किया

नई दिल्ली: केन्द्रीय पोत परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनसुख मंडाविया ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत के समुद्री उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ वार्तालाप किया।

वार्तालाप का उद्देश्य व्यापार को निरंतर रूप से जारी रखने की रणनीतियों के साथ-साथ कोविड-19 के पश्चात की चुनौतियों से निपटने की तैयारी पर विचार-विमर्श करना था।

उद्योग प्रमुखों ने इस महत्वपूर्ण समय में पोत परिवहन मंत्रालय की सक्रिय और समयबद्ध भूमिका की सराहना करते हुए बंदरगाहों को सुचारू रूप से चलाने की वचनबद्धा जताई। उन्होंने उद्योगों को दी गई कई राहतों और छूटों की भी सराहना की, जिसमें किसी भी तरह के बंदरगाह शुल्क, विलंब-शुल्क से छूट के साथ-साथ लॉकडाउन अवधि के दौरान जुर्माना नहीं लगाने से यह बड़े पैमाने पर उद्योगों के लिए बड़ी राहत साबित हुई है।

उद्योग प्रमुखों के साथ वार्तालाप में समुद्री क्षेत्र में कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर समीक्षा की गई। हितधारकों ने आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों- विशेषकर कार्गो और ट्रकों की आवाजाही जैसी चुनौतियों की चर्चा करते हुए इस दिशा में नीतिगत हस्तक्षेपों का अनुरोध किया। उन्होंने तटीय नौवहन बढ़ाने और वैश्विक पोत निर्माण में भारत की हिस्सेदारी को बढ़ाने के भी सुझाव दिए।

श्री मनसुख मंडाविया ने समुद्री क्षेत्र के उद्योग हितधारकों को आश्वासन दिया कि भारतीय बंदरगाह सामान्य रूप से परिचालन प्रारंभ करने के लिए पूरी क्षमता के साथ तैयार हैं, लेकिन कोविड-19 के कारण कुछ चुनौतियां हैं, जिन्हें नीतिगत निर्णयों और उनके प्रभावी कार्यान्वयन से हल किया जाएगा। श्री मंडाविया ने उद्योग प्रमुखों से अनुरोध किया कि वे समुद्री क्षेत्र में नई रणनीति बनाकर कोविड-19 के इस समय को नवीन अवसर में परिवर्तित करें। उन्होंने हितधारकों से कहा कि पोत परिवहन मंत्रालय निरंतर और अथक रूप से कार्य कर रहा है ताकि समस्याओं को दूर किया जा सके। उन्होंने कोविड-19 की स्थिति में बंदरगाहों और उद्योगों को बढ़ाने के लिए सुझाव देने का भी अनुरोध किया।

एफआईसीसीआई द्वारा आयोजित इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में पोत परिवहन क्षेत्र के हितधारक और प्रतिनिधियों, बंदरगाह और टर्मिनल संचालक, अंतर्देशीय जलमार्ग, आपूर्ति श्रृंखला रसद के प्रतिनिधियों, पोत मालिक, पोत विनिर्माणकर्ता और कस्टम एजेंटों ने भाग लिया।

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