उत्तर प्रदेश

रोजगार की दृष्टि से प्रदेश में टेक्सटाइल पार्क विकसित कराये जाने की आवश्यकता: सिद्धार्थ नाथ सिंह

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वस्त्र उद्योग प्रोत्साहित करने एवं रोजगार की दृष्टि से प्रदेश के दो जनपदों कानपुर एवं गोरखपुर में मेगा टेक्सटाइल्स पार्क विकसित किया जायगा।। इन दोनों जनपदों में टेक्सटाइल पार्क की स्थापना किये जाने के संबंध में भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है।
यह जानकारी प्रदेश के वस्त्रोद्योग मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश देश में पहला स्थान रखता है। रोजगार की दृष्टि से 02 मेगा टेक्सटाइल पार्क विकसित कराये जाने की आवश्यकता है। भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देने के लिए देश मंे 07 मेगा टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना का निर्णय भी लिया गया है।
श्री सिंह ने बताया कि कानपुर जनपद परम्परागत रूप से वस्त्र उद्योग का केन्द्र रहा है, वहां एल्गिन मिल, लाल इमली मिल तथा नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन की मिलें रही हैं। कानपुर में निटवेयर, होजरी, लेदर गारमेंटिंग का कार्य उच्चगुणवत्ता के साथ किया जाता रहा है। कानपुर में रूमा स्थान पर भी टेक्सटाइल एवं गारमेंटिंग से संबंधित कार्य हो रहा है। इसके अतिरिक्त निटवियर की बहुत सी इकाइयां कानपुर के अलग-अलग जगहों पर संचालित है। उन्होंने बताया कि मेगा टेक्सटाइल पार्क विकसित हो जाने पर सभी प्रकार की इकाइयां एक स्थान पर स्थापित हो सकेंगी। साथ ही कानपुर के नजदीकी जिलों की इकाइयों को भी इसका लाभ मिलेगा।
श्री सिंह ने बताया कि इसी प्रकार गोरखपुर पूर्वांचल के वस्त्रोद्योग का केन्द्र है। यहां भी हैण्डलूम, पावरलूम, निटवेयर स्पिनिंग यूनिट कार्यरत हैं। वर्तमान में गोरखपुर में टेक्निकल टेक्सटाइल के क्षेत्र में भी कार्य हो रहा है। एक जनपद एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) के तहत गोरखपुर के रेडीमेड गारमेंट को अतिरिक्त उत्पाद के रूप में चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर के निकटतम जिलों संतकबीर नगर, अम्बेडकर नगर में बड़ी संख्या में पावरलूम वस्त्र उद्योग हैं। गोरखपुर में मेगा टेक्सटाइल विकसित होने पूर्वांचल के कपड़ा उद्योग को गति मिलेगी, वहीं अधिकाधिक रोजगार का सृजन भी होगा।

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