उत्तर प्रदेश

कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएण्ट बहुत घातक नहीं, कोरोना के 99 प्रतिशत मामलों का उपचार घर पर किया जा रहा

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज के 500 बेड के कोविड-19 अस्पताल के कण्ट्रोल रूम, ऑक्सीजन प्लाण्ट एवं माइक्रो बायोलॉजी लैब का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कोरोना प्रबन्धन एवं नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री जी ने इसके उपरान्त मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विगत पौने 02 वर्षों से देश और दुनिया कोरोना महामारी का सामना कर रही है। जनसंख्या की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना प्रबन्धन एवं नियंत्रण सफलतापूर्वक किया गया है। प्रशासन, हेल्थ वर्कर्स तथा कोरोना वॉरियर्स ने इस सदी की सबसे बड़ी महामारी को नियंत्रित करने में बेहतरीन टीम वर्क का परिचय दिया है। लोगों के जीवन एवं जीविका को बचाया गया है। कोरोना की फर्स्ट वेव तथा सेकेण्ड वेव के अनुभव का लाभ लेकर प्रदेश में थर्ड वेव के प्रसार को रोकने में सफलता प्राप्त हुई है।

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना का एक नया वैरिएण्ट ओमिक्रॉन के रूप में सामने आया है। यह वैरिएण्ट बहुत घातक नहीं है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि इस वैरिएण्ट से घबराने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना वायरस अब कमजोर हो रहा है। लेकिन अभी भी सभी को सावधानी और सतर्कता बरतनी होगी। सावधानी एवं सतर्कता से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी लोग कोविड प्रोटोकॉल का अनिवार्य रूप से पालन करें।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में जितने भी कोविड पॉजिटिव मामले आए हैं, उनमें 99 प्रतिशत मामलों का उपचार घर पर किया जा रहा है। कोरोना पॉजिटिव लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध करायी जा रही हैं। प्रदेश में 72,000 निगरानी समितियां डोर-टू-डोर सर्वे कर प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति को मेडिसिन किट उपलब्ध करा रही हैं। रैपिड रिस्पॉन्स टीम कोविड टेस्ट कार्य को सम्पन्न कर रही हैं। सभी जनपदों में इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर (आई0सी0सी0सी0) सक्रिय हैं। आई0सी0सी0सी0 के माध्यम से कोविड मरीजों के स्वास्थ्य की नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरी दुनिया के विशेषज्ञों ने माना है कि वैक्सीन कोविड से बचाव का सर्वोत्तम उपाय है। सभी लोग कोविड टीके की दोनों डोज अवश्य लगवाएं। जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवायी है, वह 25 जनवरी, 2022 तक वैक्सीन अवश्य लगवा लें। जिन्होंने पहली डोज ले ली हो, वह दूसरी डोज ले लें। दोनों डोज लेने वालों में 60 वर्ष से अधिक उम्र के गम्भीर बीमारी से ग्रसित बुजुर्गों के लिए बूस्टर डोज तय की गई है। इसकी सुविधा हर जनपद में उपलब्ध करायी गई है। प्रदेश में कोविड वैक्सीन की 22.5 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं। 15 से 17 वर्ष तक के किशोरों को भी बड़े पैमाने पर वैक्सीन लगाई जा रही है। अब तक 47.25 लाख किशोरों को वैक्सीन लगाई गई है। उन्होंने कहा कि जनपद गोरखपुर में कुल 35 लाख 50 हजार लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य है, जिनमें से 29 लाख 50 हजार का टीकाकरण सम्पन्न हो चुका है। जनपद गोरखपुर में  15 से 17 वर्ष के किशोरों का 33 प्रतिशत (1,01,500) वैक्सीनेशन किया जा चुका है। मुख्य सचिव को सभी जनपदों के कोविड टीकाकरण की नियमित समीक्षा के भी निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कोविड टेस्ट और इलाज की व्यवस्था है। वर्तमान में प्रदेश की प्रतिदिन 04 लाख कोविड टेस्ट करने की क्षमता है। लेवल वन, लेवल टू और लेवल थ्री के 1.80 लाख बेड्स उपलब्ध हैं। आज प्रदेश में 558 ऑक्सीजन प्लाण्ट मौजूद हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश को ऑक्सीजन आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि एण्टीजेन टेस्ट की किट सभी जनपदों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी गई हैं।

बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में प्रतिदिन 10,000 आर0टी0पी0सी0आर0 जांच की सुविधा उपलब्ध है। इस मेडिकल कॉलेज में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लाण्ट और पी0एस0ए0 प्लाण्ट क्रियाशील हैं। बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन युक्त 500 बेड का डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल है, जिसमें से 300 बेड वेण्टिलेटर और एच0एफ0एन0सी0 की सुविधा से युक्त हैं। शेष 200 बेड्स पर ऑक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। जनपद गोरखपुर में अब तक कोरोना के 2,241 एक्टिव केस हैं, जिनमें मात्र 12 कोविड पॉजिटिव मरीज अस्पताल में हैं। कोरोना के शेष मरीज घरों में उपचार करा रहे हैं।

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