सरकार का राज्यों से अनुरोध, कोविड-19 के बाद बदली परिस्थितियों में जनजातियों को समर्थन के लिए बढ़ाएं लघु वन उत्पादों की खरीद की गति
नई दिल्ली: जनजातीय कार्य मंत्रालय ने विशेष रूप से कोविड-19 के चलते पैदा हुई परिस्थितियों और लघु वन उत्पाद (एमएफपी) इकट्ठा करने का पीक सीजन आने के मद्देनजर सभी राज्यों को आदिवासियों को समर्थन देने के लिए एमएफपी के लिए खरीद परिचालन में तेजी लाने का परामर्श दिया है।
राज्यों ने लघु वन उत्पादों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है और 10 राज्यों में परिचालन शुरू भी हो गया है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अभी तक कुल 20.30 करोड़ रुपये की खरीद भी हो चुकी है। कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुए मुश्किल हालात को देखते हुए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा 1 मई, 2020 को 49 उत्पादों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में संशोधन की घोषणा के बाद एमएफपी के लिए पूर्ण खरीद परिचालन में तेजी देखने को मिलेगी।
लघु वन उत्पाद की खरीद के लिए राज्य स्तर पर गतिविधियों की सूचना दिए जाने को एक ऑनलाइन निगरानी डैशबोर्ड तैयार किया गया है। प्रत्येक पंचायत और वन धन केन्द्र से या तो मेल से या मोबाइल के माध्यम से सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए “ट्राइफेड ई- सम्पर्क सेतु” के तहत एक वन धन मॉनिट डैशबोर्ड तैयार किया गया है। ट्राइफेड ने इसे 10 लाख गांवों, जिलों और राज्य स्तर के भागीदारों, एजेंसियों तथा एसएचजी को जोड़ने का प्रस्ताव किया है। राज्या कार्यान्वयन एजेंसियों ने डैशबोर्डों को अपडेट करने का काम आरंभ कर दिया है, क्योंकि उनके राज्यों में कार्य प्रगति पर है।
राज्यों ने हाट बाजारों से एमएफपी की खरीद के लिए वन धन केन्द्रों को उनका प्राथमिक खरीद एजेंट नियुक्त कर दिया है। वन धन केन्द्रों 1.11 करोड़ रुपये मूल्य के 31.35 टन एमएफपी की खरीद की है। प्रधानमंत्री वन धन कार्यक्रम के अंतर्गत 3.6 करोड़ जनजातीय लाभार्थियों को उद्यम की राह पर ले जाने के लिए 21 राज्यों और 1 संघ शासित क्षेत्र में 1126 वीडीवीके को स्वीकृति दी गई है।
वन धन केन्द्र योजना देश के पर्याप्त जनजातीय जनसंख्या वाले 22 राज्यों में लागू है और इससे देश में लगभग 1.1 करोड़ जनजातीय परिवारों को लाभ मिलने की संभावना है।
‘जनजातीय उत्पादों के विकास और विपणन के लिए संस्थागत सहयोग’ की योजना में न्यूनतम समर्थन मूल्य घटक और मूल्य वर्धन घटक की सुविधा है। इसका उद्देश्य आदिवासी संग्राहकों की आय बढ़ाना और उनमें उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करना है। आदिवासी संग्राहकों के लिए उच्च पारिश्रमिक मूल्य सुनिश्चित करने के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 01 मई 2020 को एमएफपी के लिए एमएसपी की संशोधित मूल्य सूची जारी की है। कोविड-19 के इस मुश्किल दौर में आदिवासी संग्राहकों को लाभ पहुंचाने के लिए एमएफपी मूल्य निर्धारण इकाई और बड़े एमएफपी संपन्न राज्यों से विचार विमर्श के बाद ऐसा किया गया था। कोविड-19 से उनकी आजीविका पर खासा असर पड़ा है। संशोधित मूल्यों से आदिवासी संग्राहकों को बहुप्रतीक्षित समर्थन मिलेगा और राज्यों में एमएफपी खरीद कार्य को प्रोत्साहन मिलेगा। एमएफपी उत्पादों के लिए संशोधित मूल्य इस प्रकार हैं –
(रुपये प्रति किलोग्राम में)
क्र.सम. | लघु वन उपज (एमएफपी) | वर्तमान एमएसपी | संशोधित एमएसपी |
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इमली (बीज सहित) | 31 | 36 |
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जंगली शहद | 195 | 225 |
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गम कराया (स्टर्सुलिया यूरेनस) | 98 | 114 |
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करंज का बीज (पोंगामिया पिन्नाता) | 19 | 22 |
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सत बीज (शोरिया रोबस्टा) | 20 | 20 |
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महुआ बीज (मधुका लॉन्गिफोलिया) | 25 | 29 |
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साल की पत्तियां (शोरिया रोबस्टा) | 30 | 35 |
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चिरोंजी की फली बीज के साथ (बुचाननानिया लैंझन) | 109 | 126 |
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हरड़ (टर्मिनैलिया चेबुला) | 15 | 15 |
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(ए) रंगीनी लाक | 130 | 200 |
(बी) कुसुमी लाक | 203 | 275 | |
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कुसुम बीज (स्केलिचेरा ओलियासा) | 20 | 23 |
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नीम के बीज (अजाडिराच्ता इंडिका) | 23 | 27 |
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पुवाड के बीज (कासिया तोरा) | 14 | 16 |
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बहेदा (टर्मिनैलिया बेलीरिका) | 17 | 17 |
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हिल ब्रूम घास (थाइसानोलेना मैक्सिमा) | 30 | 50 |
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शुष्क शीकाकाई फली (ऐकासिया कॉन्सिना) | 43 | 50 |
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बेल का गूदा (सूखा) (ऐजल मारमिलोज) | 27 | 30 |
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नागरमोठा (साइपेरस रोतुंडास) | 27 | 30 |
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सतवारी की जड़ें (शुष्क) (अस्पारागस रेसेमोसुस) | 92 | 107 |
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गुदमार/ मधुनाशिनी (जिम्नेमा सिल्वेस्तेरे) | 35 | 41 |
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कालमेघ (एंड्रोग्राफिस पैनिसुलाटा) | 33 | 35 |
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इमली (डि-सीडेड) (तामारिंडस इंडिका) | 54 | 63 |
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गुग्गुल (सीरम) | 700 | 812 |
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महुआ के फूल (शुष्क) (मधुका लॉन्गिफोलिया) | 17 | 30 |
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तेज पत्ता (शुष्क) (सिनामोमुम तमाला और सिनामोमुम एसपी.) | 33 | 40 |
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जामुन के सूखे बीज (सिजीजियम क्यूमिनी) | 36 | 42 |
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सूखे आंवले का गूदा (डिसीडेड) (फवलांथस एम्ब्लिका) | 45 | 50 |
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मार्किंग नट (सेमेकार्पस अनाकार्डियम) | 8 | 9 |
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रीठा (शुष्क) (सैपिंडस एमार्गिनाटस) | 12 | 14 |
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भावा बीज/ अमलतास (कैसिया फिस्तुला) | 11 | 13 |
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अर्जुना बार्क (टर्मिनैलिया अर्जुना) | 18 | 21 |
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कोकुम (शुष्क) (गार्सिनिया इंडिका) | 25 | 29 |
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गिलॉय (तिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया) | 21 | 40 |
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कौंच का बीज (मुकुना प्रुरीन्स) | 18 | 21 |
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चिराता (स्वेर्तिया चिरायता) | 29 | 34 |
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वैबिडिंग / वावडिंग (एम्बिलिया रिब्स) | 81 | 94 |
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धवईफूल सूखे फूल (वुडफोर्डिया फ्लोरिबुंडा) | 32 | 37 |
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नक्स वोमिका (स्ट्रश्नोस नक्स वोमिका) | 36 | 42 |
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बन तुलसी की पत्तियां (शुष्क) (ओसिमुम टेनुइफ्लोरम) | 19 | 22 |
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क्षीरनी (हेमिडेसमस इंडिकस) | 30 | 35 |
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बाकुल (सूखी छाल) (मिमुसॉप्स एलेंजी) | 40 | 46 |
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कुतच (सूखी छाल) (होलारहिना आबिसेंस/ एच. एंटीडिसेंटेरिका) | 27 | 31 |
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नोनी / आल (सूखे फल) (मोरिंडा सिट्रीफोलिया) | 15 | 17 |
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सोनापाथा/ स्योनक फली (ओरोक्सिलम इंडिसम) | 18 | 21 |
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चनोथी बीज (एब्रस प्रिकैटोरियस) | 39 | 45 |
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कालिहारी (सूखे कंद) ग्लोरिओसा सुपर्बा | 27 | 31 |
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मकई (सूखा फल) (सोलारियम निग्रम) | 21 | 24 |
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अपांग पौधा (एकिरांथिस एस्पिरा) | 24 | 28 |
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सुगंधमंत्री जड़ें/ कंद (होमालोइनेना एरोमैटिका) | 33 | 38 |
संशोधित मूल्य निम्नलिखित दायरे में हैं –
मूल्य में बढ़ोतरी उत्पादों की संख्या
कोई बढ़ोतरी नहीं 3
0 प्रतिशत-5 प्रतिशत 0
5 प्रतिशत-10 प्रतिशत 1
10 प्रतिशत-15 प्रतिशत 10
15 प्रतिशत-20 प्रतिशत 30
>20 प्रतिशत 6
उत्पादों की कुल संख्या 50 (लाक के दो प्रकारों सहित)
मूल्य में सबसे ज्यादा बदलाव गिलॉय, महुआ के फूलों, हिल ग्रास और लाक (रंगीनी और कुसुमी) में किया गया है, जबकि साल के बीज, बहेदा और हरड़ में कोई बदलाव नहीं किया गया है।