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ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने देश के दक्षिणी राज्यों को करीब 20,500 एमटी एलएमओ की आपूर्ति की

सभी मुश्किलों से पार पाने और नए समाधान खोजने के लिए, भारतीय रेल देश भर में विभिन्न राज्यों को तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की आपूर्ति के द्वारा राहत पहुंचाने के अपने सफर को जारी रखे हुए है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने राष्ट्र की सेवा में 35,000 एमटी एलएमओ की आपूर्ति के आंकड़े को पार कर लिया है। अभी तक, भारतीय रेल ने देश के विभिन्न राज्यों को 1,990 से ज्यादा टैंकरों में 35,018 एमटी से ज्यादा एलएमओ की आपूर्ति की है।

उल्लेखनीय है कि अभी तक 477 ऑक्सीजन एक्सप्रेस अपना सफर पूरा कर चुकी हैं और विभिन्न राज्यों में राहत पहुंचा चुकी हैं। ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश के दक्षिणी राज्यों को 20,500 एमटी से ज्यादा एलएमओ की आपूर्ति कर दी है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों ने तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु को क्रमशः 3,900, 4,700, 4800 और 6500 एमटी से ज्यादा एलएमओ की आपूर्ति की

इस विज्ञप्ति के जारी होने तक छह ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन 28 टैंकरों में 522 एमटी से ज्यादा एलएमओ लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रही थी।

गौर करने वाली बात है कि 67 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र को 126 एमटी की आपूर्ति के साथ ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों की शुरुआत हुई थी। भारतीय रेल का लक्ष्य मांग वाले राज्यों को कम से कम संभावित समय में एलएमओ की आपूर्ति करना है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें 15 राज्यों उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन पहुंचा चुकी हैं।

इस विज्ञप्ति के जारी होने तक, महाराष्ट्र को 614 एमटी, उत्तर प्रदेश को लगभग 3,797 एमटी, मध्य प्रदेश को 656 एमटी, दिल्ली को 5,863 एमटी, हरियाणा को 2,354 एमटी, राजस्थान को 98 एमटी, कर्नाटक को 4,697 एमटी, उत्तराखंड को 320 एमटी, तमिलनाडु को 6,551 एमटी, आंध्र प्रदेश को 4,824 एमटी, पंजाब को 225 एमटी, केरल को 513 एमटी, तेलंगाना को 3,909 एमटी, झारखंड को 38 एमटी और असम को 560 एमटी ऑक्सीजन प्राप्त हो गई है।

अभी तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों के माध्यम से देश के 15 राज्यों में 39 शहरों/कस्बों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है, जिनमें उत्तर प्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, बरेली, गोरखपुर और आगरा, मध्य प्रदेश के सागर, जबलपुर, कटनी व भोपाल, महाराष्ट्र के नागपुर, नासिक, पुणे, मुंबई और सोलापुर, तेलंगाना में हैदराबाद, हरियाणा में फरीदाबाद व गुरुग्राम, दिल्ली में तुगलकाबाद, दिल्ली कैंट व ओखला, राजस्थान में कोटा व कनकपारा, कर्नाटक में बंगलुरू, उत्तराखंड में देहरादून, आंध्र प्रदेश में नेल्लोर, गुंटूर, ताड़ीपत्री व विशाखापट्टनम, केरल में एर्नाकुलम, तमिलनाडु में तिरुवल्लूर, चेन्नई, तूतीकोरिन, कोयम्बटूर और मदुरई, पंजाब में भटिंडा व फिल्लौर, असम में कमरूप और झारखंड में रांची को ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।

भारतीय रेल ने ऑक्सीजन की आपूर्ति वाले स्थानों से विभिन्न रूटों की पहचान की है और राज्यों में उभरती जरूरत के साथ खुद को तैयार रखा है। राज्य एलएमओ लाने के लिए भारतीय रेल को टैंकर उपलब्ध कराते हैं।

देश के कोने-कोने में पहुंचने के लिए, भारतीय रेल जटिल परिचालन रूट योजना परिदृश्य में पश्चिम में हापा, बड़ौदा, मुंद्रा और पूरब में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर, अंगुल जैसे स्थानों से ऑक्सीजन का उठान कर रही है और फिर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और असम राज्यों को आपूर्ति कर रही है।

जल्द से जल्द संभावित समय में ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित करने के क्रम में, रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस फ्रेट ट्रेनों के संचालन में नए मानक और ऊंचे बेंचमार्क स्थापित कर रही है। लंबी दूरी के ज्यादातर मामलों में इन महत्वपूर्ण माल गाड़ियों की औसत गति 55 से ज्यादा है। सबसे तेज संभावित समय में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य के साथ सबसे ज्यादा आपात आवश्यकता के साथ, ऊंची प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर में संचालन के लिए परिचालन दल विभिन्न जोन में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण माहौल में 24 घंटे काम कर रहे हैं। विभिन्न खंडों में क्रू में बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव घटाकर एक मिनट कर दिया गया है।

ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों की तेज रफ्तार सुनिश्चित करने के लिए पटरियों को खाली रखा गया है और बेहद सतर्क स्थिति बरकरार रखी गयी है। यह सब काम एक व्यवस्थित तरीके से किया गया, जिससे अन्य फ्रेट परिचालन में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आए।

नई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन एक बेहद गतिशील प्रक्रिया है और आंकड़े लगातार अपडेट किए जा रहे हैं। रात में कई अन्य भरी हुई ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू होने का अनुमान है।

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