उत्तर प्रदेश

गुणवत्तायुक्त जेनेरिक औषधियों की उपलब्धता का मार्ग प्रशस्त

लखनऊः राजकीय एवं स्वशासी मेडिकल कालेजों तथा गैर स्वायत्तशासी चिकित्सा संस्थानों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में गुणवत्तापरक औषधियों का न्यूनतम दरों पर क्रय, भण्डारण, पारदर्शी वितरण एवं सभी भर्ती रोगियों के लिए ‘राउण्ड-द-क्लाक’ उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु अभी तक कोई औषधि प्रबन्धन मार्गदर्शिका न होने से एतद्संबंधी व्यवस्था के पारदर्शी एवं सुचारू संचालन पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पा रहा था। इस के दृष्टिगत चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना के अनुमोदन से ‘‘चिकित्सा शिक्षा विभाग औषधि प्रबन्धन मार्गदर्शिका (क्तनह डंदंहउमदज ळनपकमसपदम)’’ का प्रख्यापन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा किया गया है, जो एक नवाचार का कदम है। इस मार्गदर्शिका द्वारा प्रतिपादित दिशा-निर्देशों का प्रतिपालन सभी राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं सम्बद्ध चिकित्सालयों एव गैर स्वायŸाशासी संस्थानों द्वारा किया जायेेगा। मार्गदर्शिका के सिद्धान्तों को सोसाइटी के द्वारा संचालित नवस्थापित स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों को अपने बायलाॅज में अंगीकृत करने की स्वतंत्रता होगी।

प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, डाॅ0 रजनीश दुबे द्वारा बताया गया कि इस गाइडलाइन्स के अनुसार औषधि का तात्पर्य रोगियों के उपचार में उपयोग होने वाले केमिकल्स, बायो केमिकल्स, बायोसिमिलर प्रकार की जेनेरिक औषधियों से है। पूर्व में राजकीय एवं  स्वशासी मेडिकल कालेजों व गैर स्वायत्तशासी चिकित्सा संस्थानों में लगभग 364 प्रकार की मेेमदजपंस कतनह सपेज निर्धारित थी, जिसे वर्तमान आवश्यकतानुसार अद्यतन करते हुए कुल 839 प्रकार की मेेमदजपंस कतनह सपेज का निर्धारण कर दिया गया है, जिससे बाजार से स्थानीय क्रय व्यवस्था के माध्यम से औषधियों के क्रय पर रोक लगेगी व लागत में भी कमी आयेगी तथा राउण्ड द क्लाक लगभग समस्त आवश्यक औषधियाॅ मेडिकल कालेजों एवं सम्बद्ध चिकित्सालयों में उपलब्ध हो सकेंगी। मेेमदजपंस कतनह सपेज में सूचीबद्ध औषधियों के क्रय, भण्डारण व वितरण की व्यवस्था के संबंध में औषधि प्रबन्धन मार्गदर्शिका में सुस्पष्ट दिशा-निर्देश निर्धारित किये गये है।

सूचीबद्ध औषधियों की 80 प्रतिशत मात्रा का क्रय उ0प्र0 मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लि0 (न्ण्च्ण्डण्ैण्ब्ण्स्ण्) के माध्यम से किया जायेगा। उपर्युक्तानुसार सूचीबद्ध 839 मेेमदजपंस कतनह सपेज में से 99 औषधियों का क्रय न्ण्च्ण्डण्ैण्ब्ण्स्ण् के माध्यम से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा पूर्व से किया जा रहा है। इन 99 औषधियों हेतु निर्माता कम्पनी का वार्षिक टर्नओवर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की भाॅति ही रू0 20.00 करोड़ होगा। इनके अतिरिक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त 740 औषधियों के लिए निर्माता कम्पनी का वार्षिक टर्नओवर रू0 50.00 करोड़ निर्धारित किया गया है। तद्नुसार क्रय की जाने वाली औषधियों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु निर्माता फर्म के लिए डब्ल्यू0एच0ओ0-जी0एम0पी0 से मान्यता प्राप्त होना अनिवार्य होगा। गाइडलाइन के अनुसार राजकीय मेडिकल कालेजों/संस्थानों में आवश्यक औषधियों की कुल वार्षिक अनुमानित आवश्यकता का 80 प्रतिशत न्ण्च्ण्डण्ैण्ब्ण्स्ण् के माध्यम से तथा 20 प्रतिशत संबंधित प्रधानाचार्य/निदेशक द्वारा आकस्मिक परिस्थितियों तथा वैकल्पिक रिजर्व के रूप में वित्तीय नियमों के अनुसार क्रय किया जायेगा।

मेडिकल कालेजों/संस्थानों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में औषधियों के वितरण में सुचिता व पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु कालेज स्तर पर संबंधित प्रधानाचार्य/निदेशक की अध्यक्षता में एक औषधि प्रकोष्ठ का गठन किया जायेगा, जिसके द्वारा सम्पूर्ण प्रक्रिया का अनुश्रवण सुनिश्चित किया जायेगा। इस प्रणाली को शीघ्र ही ई-फार्मेसी से भी जोड़ा जायेगा, जिससे पारदर्शिता आयेगी। औषधि प्रबन्धन मार्गदर्शिका से औषधियों की लागत में कमी के साथ-ही-साथ इनके क्रय एवं वितरण में पारदर्शिता तथा बाजार से औषधियों के क्रय की शिकायतों में कमी आयेगी।

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