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प्रधानमंत्री ने मेडिकल उद्देश्यों के लिए गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग की समीक्षा की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और उपलब्धता बढ़ाने के लिए नवोन्मेषी तरीकों की खोज करने के अपने निर्देशों के अनुरूप, आज गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग की समीक्षा करने के लिए आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता की।

स्टील प्लांट, पेट्रोकैमिकल इकाइयों के साथ रिफाइनरियां, रिच कंबस्टन प्रोसेस का उपयोग करने वाले उद्योग, पावर प्लांट जैसे कई उद्योगों के पास ऑक्सीजन प्लांट हैं जो गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करते हैं जिनका प्रोसेस में उपयोग किया जाता है। मेडिकल उपयोग के लिए इस ऑक्सीजन का इस्तेमाल किया जा सकता है।

ऐसी औद्योगिक इकाइयों की पहचान करने, जो अपेक्षित शुद्धता वाली गैसीय ऑक्सीजन का उत्पादन करती हैं, उनकी संक्षिप्त सूची बनाने जो नगरों/घनी आबादी वाले क्षेत्रों/मांग केंद्रों के निकट हैं तथा उस स्रोत के निकट ऑक्सीजनयुक्त बेड के साथ अस्थायी कोविड देखभाल केंद्रों की स्थापना करने के लिए रणनीति का उपयोग किया जा रहा है। ऐसी पांच फैसिलिटीज के लिए पायलट कार्य पहले ही आरंभ किया जा चुका है और इस दिशा में अच्छी प्रगति दर्ज की गई है। इसे प्लांट को ऑपरेट करने वाली पीएसयू या निजी उद्योगों तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के समन्वयन के साथ पूरा किया जा रहा है।

ऐसी उम्मीद है कि ऐसे संयंत्रों के निकट अस्थायी अस्पतालों की स्थापना के द्वारा कम समय में लगभग 10,000 ऑक्सीजनयुक्त बेड  का निर्माण किया जा सकता है।

राज्य सरकारों को महामारी से निपटने के लिए ऑक्सीजनयुक्त बेडों के साथ और अधिक ऐसी सुविधाओं की स्थापना करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने पीएसए संयंत्रों की स्थापना पर प्रगति की भी समीक्षा की। उन्हें जानकारी दी गई कि पीएम केयर्स, पीएसयू तथा अन्य के योगदान के जरिये लगभग 1500 पीएसए संयंत्र स्थापित किए जाने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने अधिकारियों को इन संयंत्रों को जल्द पूरा करने का निर्देश दिया।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, सड़क परिवहन तथा राजमार्ग सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

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